अल्लामा इकबाल शायरी इन उर्दू

  1. अल्लामा इक़बाल की शायरी
  2. अल्लामा इक़बाल:सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
  3. Allama Iqbal: Person Of Poet, Social Reformer And Political Activist
  4. 85+ Allama Iqbal Shayari In Hindi ( अल्लामा इक़बाल की शायरी 2021)
  5. अल्लामा इकबाल के बारे में बताइए? – ElegantAnswer.com
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अल्लामा इक़बाल की शायरी

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अल्लामा इक़बाल:सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा पर्बत वो सब से ऊँचा हम-साया आसमाँ का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा गोदी में खेलती हैं इस की हज़ारों नदियाँ गुलशन है जिन के दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा ऐ आब-रूद-ए-गंगा वो दिन है याद तुझ को उतरा तिरे किनारे जब कारवाँ हमारा मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा 'इक़बाल' कोई महरम अपना नहीं जहाँ में मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा

Allama Iqbal: Person Of Poet, Social Reformer And Political Activist

यह भी पढ़ें • 'सारे जहां से अच्छा' लिखने वाले शायर मोहम्मद इकबाल से जुड़ा अध्याय सिलेबस से हटाया जा सकता है • यूपी : अल्लामा इकबाल की लिखी "मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको..." प्रार्थना करवाने पर टीचर गिरफ्तार • 40 साल तक हिंदी सिनेमा के लिए जां निसार अख्तर ने लिखे थे गाने, जानें उनके बारे में ये खास बातें सर अल्लामा मुहम्मद इकबाल (9 नवंबर 1877- 21 अप्रैल 1938) एक कवि, लेखक, दार्शनिक, समाज सुधारक, राजनीतिक कार्यकर्ता और कल्पना से परे शख्सियत थे. हालांकि वह पेशे से वकील थे और उनके 106 मामलों को तारीखी ( landmark) रूप में बताया जाता है, जो आज तक का रिकॉर्ड है. सियालकोट में जन्मे इकबाल की प्रारंभिक शिक्षा मदरसे और बाद में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से हुई. उस समय के प्रतिष्ठित विद्वानों, मीर हसन और थॉमस वॉकर अर्नोल्ड का उनके विचारों पर गहरा प्रभाव था उनकी कानून और पीएचडी (दर्शनशास्त्र) की उच्च शिक्षा क्रमशः इंग्लैंड और जर्मनी में हुई. इकबाल को कई विश्वविद्यालयों द्वारा प्रोफेसर के रूप में रखने की पेशकश की गई थी, लेकिन वह ऐसी नौकरियों से मुक्त होने और रचनात्मक लेखन पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करते थे. इकबाल की प्राथमिक भाषा पंजाबी थी लेकिन वे अरबी, फारसी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में निपुण थे. उन्हें एशिया का सबसे अग्रणी कवि माना जाता है और उन्हें 'अल्लामा' (विद्वान) कहा जाता है. उनकी कविता में रूमानियत के बजाय विषयों पर एक संदेश देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने भगवान राम, गुरु नानक, महात्मा गांधी, सर सैयद अहमद खान, गालिब, टीपू सुल्तान, हिटलर, मुसोलिनी, आदि सहित अन्य हस्तियों पर लिखा. उनके अन्य विषय देशभक्ति, बच्चे और बचपन, मां, प्रकृति, धर्म, दर्शन, समाज कल्याण, मानव ...

85+ Allama Iqbal Shayari In Hindi ( अल्लामा इक़बाल की शायरी 2021)

Allama Iqbal Shayari In Hindi: मुहम्मद इकबाल इनका जन्म 9 नवंबर 1877 के अविभाजित भारत में हुआ था. जिनकी उर्दू और फ़ारसी भाषा में कविता बीसवीं सदी की महानतम कविताओं में से एक है, और जिनकी सांस्कृतिक और राजनीतिक आदर्श की दृष्टि है। इक़बाल ने अपने जीवनकाल में बहुत सी प्रसिद्ध किताबें लिखीं जिनमे ज़्यादातर इन्होने कवितायेँ लिखीं हैं उन्होंने मुख्य रूप से राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास, दर्शन और धर्म पर विद्वानों के कार्यों को लिखने पर ध्यान केंद्रित किया। वह असरार-ए-खुदी सहित अपने काव्य कार्यों के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं – जो नाइटहुड, रुमुज-ए-बेखुदी और बंग-ए-दारा लेकर आए। 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद उन्हें वहां के राष्ट्रीय कवि का नाम दिया गया। उन्हें “हकीम-उल-उम्मत” (“उम्मा के ऋषि”) और “मुफक्किर-ए-पाकिस्तान” (“पाकिस्तान के विचारक”) के रूप में भी जाना जाता है। ये कविताओं में उर्दू, हिंदी और पारसी भाषा का प्रयोग करते थे. लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं था की इन्हे केवल ये तीन भाषा ही आती थे. इक़बाल अंग्रेजी भाषा में भी निपुण थे. 1922 में मोहम्मद इक़बाल को किंग जॉर्ज 5 ने ‘नाइट बैचलर’ का सम्मान दिया. यहाँ प्रस्तुत है कुछ allama iqbal 2 line shayari, प्लीज अच्छा लगे तो सर मुहम्मद इक़बाल की शायरी को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. Allama Iqbal Shayari In Hindi

अल्लामा इकबाल के बारे में बताइए? – ElegantAnswer.com

अल्लामा इकबाल के बारे में बताइए? इसे सुनेंरोकेंमहान शायर अल्लामा इकबाल का जन्म पंजाब, पाकिस्तान में 9 नवंबर 1877 को हुअा था। देहांत 21 अप्रैल 1938 में हुआ था। इनकी शायरी में ज्यादातर लोगों को अपने किसी ना किसी रूप में अपना अक्श दिखाई देता है। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। इकबाल सम्मान 2021 किसे दिया गया? इसे सुनेंरोकेंशम्सुर्रहमान फारुखी को इकबाल सम्मान राष्‍ट्रीय देवी अहिल्‍या सम्‍मान वर्ष 2017 से उज्‍जैन की कृष्‍णा वर्मा को और वर्ष 2018 का यह सम्‍मान बिहार की शांतिदेवी झा को दिया जाएगा। इकबाल पुरस्कार? इसे सुनेंरोकेंइक़बाल सम्मान ,साहित्य और कलाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता और सृजनात्मकता को सम्मानित करने की अपनी परम्परा के अनुसार मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 1986-87 में, उर्दू साहित्य में रचनात्मक लेखन के लिए स्थापित किया है। • हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा • फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है • ढूंढ़ता फिरता हूं मैं ‘इक़बाल’ अपने आप को आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूं मैं • नशा पिला के गिराना तो सब को आता है अल्लामा इकबाल का जन्मदिन? 9 नवंबर 1877मुहम्मद इक़बाल / जन्म तारीख मो इकबाल के राजनीतिक विचारों के मुख्य लक्षणों का वर्णन कीजिए? इसे सुनेंरोकेंइकबाल के राजनीतिक चिन्तन के आधारभूत सिद्धान्त उनके अनुसार पश्चिम भौतिकवादी मूल्यों का प्रतीक है तथा यह पूर्व के आध्यात्मवाद तथा धार्मिकता के उच्च मूल्यों का खंडन करता है। पश्चिम का आधार तर्क (कारण) है, जबकि पूर्व की संस्कृति का आधार स्नेह (भावना) है। इकबाल ने एक आदर्श समाज के स...

अल्लामा इकबाल के बारे में बताइए? – ElegantAnswer.com

अल्लामा इकबाल के बारे में बताइए? इसे सुनेंरोकेंमहान शायर अल्लामा इकबाल का जन्म पंजाब, पाकिस्तान में 9 नवंबर 1877 को हुअा था। देहांत 21 अप्रैल 1938 में हुआ था। इनकी शायरी में ज्यादातर लोगों को अपने किसी ना किसी रूप में अपना अक्श दिखाई देता है। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। इकबाल सम्मान 2021 किसे दिया गया? इसे सुनेंरोकेंशम्सुर्रहमान फारुखी को इकबाल सम्मान राष्‍ट्रीय देवी अहिल्‍या सम्‍मान वर्ष 2017 से उज्‍जैन की कृष्‍णा वर्मा को और वर्ष 2018 का यह सम्‍मान बिहार की शांतिदेवी झा को दिया जाएगा। इकबाल पुरस्कार? इसे सुनेंरोकेंइक़बाल सम्मान ,साहित्य और कलाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता और सृजनात्मकता को सम्मानित करने की अपनी परम्परा के अनुसार मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 1986-87 में, उर्दू साहित्य में रचनात्मक लेखन के लिए स्थापित किया है। • हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा • फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है • ढूंढ़ता फिरता हूं मैं ‘इक़बाल’ अपने आप को आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूं मैं • नशा पिला के गिराना तो सब को आता है अल्लामा इकबाल का जन्मदिन? 9 नवंबर 1877मुहम्मद इक़बाल / जन्म तारीख मो इकबाल के राजनीतिक विचारों के मुख्य लक्षणों का वर्णन कीजिए? इसे सुनेंरोकेंइकबाल के राजनीतिक चिन्तन के आधारभूत सिद्धान्त उनके अनुसार पश्चिम भौतिकवादी मूल्यों का प्रतीक है तथा यह पूर्व के आध्यात्मवाद तथा धार्मिकता के उच्च मूल्यों का खंडन करता है। पश्चिम का आधार तर्क (कारण) है, जबकि पूर्व की संस्कृति का आधार स्नेह (भावना) है। इकबाल ने एक आदर्श समाज के स...

85+ Allama Iqbal Shayari In Hindi ( अल्लामा इक़बाल की शायरी 2021)

Allama Iqbal Shayari In Hindi: मुहम्मद इकबाल इनका जन्म 9 नवंबर 1877 के अविभाजित भारत में हुआ था. जिनकी उर्दू और फ़ारसी भाषा में कविता बीसवीं सदी की महानतम कविताओं में से एक है, और जिनकी सांस्कृतिक और राजनीतिक आदर्श की दृष्टि है। इक़बाल ने अपने जीवनकाल में बहुत सी प्रसिद्ध किताबें लिखीं जिनमे ज़्यादातर इन्होने कवितायेँ लिखीं हैं उन्होंने मुख्य रूप से राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास, दर्शन और धर्म पर विद्वानों के कार्यों को लिखने पर ध्यान केंद्रित किया। वह असरार-ए-खुदी सहित अपने काव्य कार्यों के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं – जो नाइटहुड, रुमुज-ए-बेखुदी और बंग-ए-दारा लेकर आए। 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद उन्हें वहां के राष्ट्रीय कवि का नाम दिया गया। उन्हें “हकीम-उल-उम्मत” (“उम्मा के ऋषि”) और “मुफक्किर-ए-पाकिस्तान” (“पाकिस्तान के विचारक”) के रूप में भी जाना जाता है। ये कविताओं में उर्दू, हिंदी और पारसी भाषा का प्रयोग करते थे. लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं था की इन्हे केवल ये तीन भाषा ही आती थे. इक़बाल अंग्रेजी भाषा में भी निपुण थे. 1922 में मोहम्मद इक़बाल को किंग जॉर्ज 5 ने ‘नाइट बैचलर’ का सम्मान दिया. यहाँ प्रस्तुत है कुछ allama iqbal 2 line shayari, प्लीज अच्छा लगे तो सर मुहम्मद इक़बाल की शायरी को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. Allama Iqbal Shayari In Hindi

अल्लामा इक़बाल की शायरी

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अल्लामा इक़बाल:सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा पर्बत वो सब से ऊँचा हम-साया आसमाँ का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा गोदी में खेलती हैं इस की हज़ारों नदियाँ गुलशन है जिन के दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा ऐ आब-रूद-ए-गंगा वो दिन है याद तुझ को उतरा तिरे किनारे जब कारवाँ हमारा मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा 'इक़बाल' कोई महरम अपना नहीं जहाँ में मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा