Amla navami ki katha

  1. Akshaya Navami 2020 read this katha after worshiping on amla navami pur
  2. Akshay Navami 2022, Amla Navami: Vrat, Puja Vidhi and Significance
  3. Amla Navami 2022:जानिए आज आंवला नवमी की पूजाविधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त
  4. आंवला नवमी व्रत कथा महत्व पूजा विधि
  5. Akshaya Navami 2021 Katha: अक्षय नवमी से हुआ था द्वापर युग का प्रारंभ, पढ़ें पौराणिक कथा
  6. Akshay Navami 2021 Read And Listen This Katha On Amla Navami Puja
  7. आंवला नवमी व्रत कथा महत्व पूजा विधि
  8. Akshay Navami 2022, Amla Navami: Vrat, Puja Vidhi and Significance
  9. Akshay Navami 2021 Read And Listen This Katha On Amla Navami Puja
  10. Akshay Navami 2022: Date, Time, Puja Vidhi and Significance


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Akshaya Navami 2020 read this katha after worshiping on amla navami pur

दीपावली ( Deepawali) और छठ व्रत (Chhath Vrat) पूर्ण होते ही सनातन धर्मी विशेषकर वैष्णवजन अक्षय नवमी ( Akshaya Navami) की तैयारियों में लग जाते हैं. कार्तिक मास (Karthik Month) की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ने वाले इस व्रत का हिन्दू परंपरा ( Hindu Tradition) में विशेष स्थान है. आंवला नवमी भारतीय लोकमानस में रचा-बसा एक ऐसा पर्व हैं, जो कार्तिक मास की दिव्यता और भव्यता को ऊंचाई देता है. अक्षय नवमी इस वर्ष 23 नवंबर, 2020 (23 November 2020) यानी आज है. आंवला नवमी की कहानी व्रत के समय कही और सुनी जाती है. यहां पढ़ें, सुने और सुनाएं आंवला नवमी की यह विशेष कथा. इसे भी पढ़ेंः एक राजा था, उसका प्रण था वह रोज सवा मन आंवले दान करके ही खाना खाता था. इससे उसका नाम आंवलया राजा पड़ गया. एक दिन उसके बेटे बहु ने सोचा कि राजा इतने सारे आंवले रोजाना दान करते हैं, इस प्रकार तो एक दिन सारा खजाना खाली हो जायेगा. इसीलिए बेटे ने राजा से कहा की उसे इस तरह दान करना बंद कर देना चाहिए. बेटे की बात सुनकर राजा को बहुत दुःख हुआ और राजा रानी महल छोड़कर बियाबान जंगल में जाकर बैठ गए. राजा-रानी आंवला दान नहीं कर पाए और प्रण के कारण कुछ खाया नहीं. जब भूखे प्यासे सात दिन हो गए तब भगवान ने सोचा कि यदि मैने इसका प्रण नहीं रखा और इसका सत नहीं रखा तो विश्वास चला जाएगा. इसलिए भगवान ने, जंगल में ही महल, राज्य और बाग-बगीचे सब बना दिए और ढेरों आंवले के पेड़ लगा दिए. सुबह राजा रानी उठे तो देखा की जंगल में उनके राज्य से भी दुगना राज्य बसा हुआ है. राजा, रानी से कहने लगे रानी देख कहते हैं, सत मत छोड़े। सूरमा सत छोड़या पत जाए, सत की छोड़ी लक्ष्मी फेर मिलेगी आए। आओ नहा धोकर आंवले दान करें और भोजन करें. राजा-रानी ने आंवले दान कर...

Akshay Navami 2022, Amla Navami: Vrat, Puja Vidhi and Significance

Akshay Navami 2022: Akshay Navami is one of the most significant Hindu religious rituals. . On this auspicious day of Akshay Navami, devotees fast and worship the Amla tree. Amla Navami is another name for Akshay Navami. According to Drik Panchang, it is observed on Shukla Navami day during Kartik month as per Hindu calendar and is two days before Dev Uthani Ekadashi. Akshay Navami 2022: Vrat Date Navami Tithi Ends: Nov 02, 2022- 11:39 PM Akshay Navami 2022: Significance Hindus attach a lot of importance to this day. It is believed that all the desired wishes come true by praying on this day, and individuals can even achieve salvation, or "Moksha," by doing so. On the day of Akshaya Navami, performing the circumambulation (Parikrama) of Mathura and Vrindavan is seen as extremely fortunate. On this holy day of Amla Navami, Hindu devotees go from all across the nation to Mathura, Vrindavan, and Govardhan to perform a circumambulation (Parikrama) in order to reap the greatest benefits. The day of Akshaya Navami is believed to have marked the start of the Satya Yuga. Because of this, the day of Akshaya Navami is also known as Satya Yugadi and is very important for all kinds of Daan-Punya activities. As the name Akshaya implies, engaging in any charitable or devotional activity on this day will always be rewarded and will be beneficial to the individual both in this life and in subsequent incarnations. As per Mythology, on this day Lord Krishna began his journey from the street...

Amla Navami 2022:जानिए आज आंवला नवमी की पूजाविधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त

Amla Navami 2022: जानिए आज आंवला नवमी की पूजाविधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त विस्तार Amla Navami 2022 Date : आज कार्तिक माह की नवमी तिथि और इस तिथि पर आंवला नवमी का त्योहार है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी के रूप में मनाया जाता है। द्वापर युग की शुरुआत कार्तिक शुक्ल नवमी को हुई थी ,यह युगादि तिथि है। आज के ही दिन श्री विष्णु ने कुष्मांडक दैत्य को मारा था। जिसके रोम से कुष्मांड-सीताफल की बेल निकली थी ,इसीलिए इसे कुष्मांडक नवमी भी कहा जाता है। देखा जाए तो यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का भारतीय संस्कृति का पर्व है क्योंकि आंवला पूजन पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है ,जागरूक करता है। प्रदूषण आदि से शरीर कि रक्षा करता है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता व सुख -समृद्धि की कामना की जाती है । इस दिन किया गया तप, जप , दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त कर मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिवजी का निवास होता है । इस दिन इस वृक्ष के नीचे बैठने और भोजन करने से रोगों का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। कथा आंवला नवमी पर आंवले के वृक्ष की पूजा और इसके वृक्ष के नीचे भोजन करने की परंपरा शुरू करने वाली माता लक्ष्मी मानी जाती हैं । कथा प्रसंग के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आईं। रास्ते में भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा एकसाथ करने की उनकी इच्छा हुई । लक्ष्मी माँ ने विचार किया कि एक साथ विष्णु और शिव की पूजा कैसे हो सकती है। तभी उन्हें ख्याल आया कि तुलसी और बेल के गुण एक सा...

आंवला नवमी व्रत कथा महत्व पूजा विधि

आंवला नवमी 2022 व्रत कथा महत्व पूजा विधि | Amla Navami Vrat Katha In Hindi:आंवला नवमी का व्रत कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन किया जाता हैं. कहा जाता हैं कि सतयुग की शुरुआत इसी दिन से हुई थी.आंवला नवमी की तिथि को गौ, सुवर्ण वस्त्र आदि दान देने से ब्रह्मा हत्या जैसे महापाप से भी छुटकारा मिल जाता हैं.अक्षय या आंवला नवमी 2022 की डेट 2 नवम्बर बुधवार के दिन किया जाना हैं. यहाँ आपकों अक्षय नवमी की कथा कहानी स्टोरी पूजन विधि तथा आंवला नवमी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. आंवला नवमी 2022 व्रत कथा महत्व पूजा विधि Amla Navami Vrat Katha In Hindi आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती हैं. पूजन विधान में प्रातः स्नान करके शुद्धात्मा से आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व की ओर उन्मुख होकर शोषडोपचार पूजन करना चाहिए. फिर उसकी जड़ में दुग्ध धारा गिराकर चारों ओर कच्चा सूत लपेटें तथा कर्पुर वर्तिका से आरती करते समय सात बार परिक्रमा करें. आंवला वृक्ष के नीचे ब्राह्मण भोजन तथा दान देने का विशेष महत्व हैं. आंवला नवमी व्रत कथा हिंदी में (Amla Navami Vrat Katha In Hindi) काशी नगरी में बहुत धर्मात्मा, दानी तथा निसंतान एक वणिक था. वे पति पत्नी दोनों सन्तान के अभाव में दिनों दिन कातर तथा मलिन होते जाते थे. कुछ समय पश्चात वैश्य की पत्नी से एक स्त्री ने कहा कि- यदि तुम किसी पराये लड़के की बलि भैरव के नाम कर दो तो पुत्र कामना अवश्य ही पूरी हो जायेगी. यह बात वैश्य के पास पहुची, मगर उसने अस्वीकार कर लिया. लेकिन सखी की बात वैश्य की पत्नी भूली नही. मौके की तलाश करती रही. एक दिन एक लड़की को भैरो देवता के नाम पर कुँए में गिरा कर बलि दे दी गई. इस हत्या का परिणाम बड़ा उल्टा हुआ. लाभ की जगह उसके स...

Akshaya Navami 2021 Katha: अक्षय नवमी से हुआ था द्वापर युग का प्रारंभ, पढ़ें पौराणिक कथा

Akshya Navami Or Amla Navami Katha: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी (Akshaya Navami) मनाई जाती है. इसे आंवला नवमी (Amla Navami) भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि से द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था. कहा जाता है कि श्री कृष्ण इसी दिन वृंदावन-गोकुल छोड़कर मथुरा गए थे. इसलिए इस दिन वृंदावन की परिक्रमा करने का भी विशेष महत्व है. इस साल ये तिथि 12 नवंबर को पड़ रही है. इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व है. मान्यता के अनुसार इस दिन दान करना बहुत शुभ होता है. साथ ही इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सभी पापों नष्ट हो जाते हैं. परंपरा के मुताबिक इस दिन महिलाएं आंवले के पेड़ (Amla tree) के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति की कामना करती हैं. साथ ही माताएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए पूजा-पाठ करती हैं. पौराणकि मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी लोक में इस नवमी पर लक्ष्मी माता (Lakshmi Mata) ने भगवान विष्णु और भोलेनाथ की उपासना आंवले के रूप में की थी. आइए, जानते हैं अक्षय नवमी की पूजा विधि, मुहूर्त और व्रत कथा Akshaya Navami Puja Vidhi- अक्षय नवमी पूजा विधि – इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना की जाती है. – इस दिन सुबह स्नान करने के बाद किसी भी आंवले के पेड़ के पास जाना चाहिए. – इसके बाद पेड़ के नीचे पूर्व दिशा में खड़े होकर जल अर्पित करना चाहिए. – पेड़ के तने पर मौली बांधी जाती है व वृक्ष की परिक्रमा भी की जाती है. – पूजा के बाद वृक्ष के नीचे बैठकर परिवार के साथ भोजन ग्रहण करने की भी मान्यता है. यह भी पढ़ें- अक्षय नवमी का शुभ मुहूर्त (Amla/Akshaya Navami Shubh Muhurat) पूजन का शुभ मुहूर्त- 12 नवंबर 2021, शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 50 मिनट से दो...

Akshay Navami 2021 Read And Listen This Katha On Amla Navami Puja

Akshay Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी (Amla Navami 2021) या अक्षय नवमी (Akshay Navami 2021) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल आंवला नवमी 12 नवंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. ग्रंथों के मातनुसार त्रेतायुग का आरंभ आज के दिन से हुआ था. आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष (Amla Tree Puja) की पूजा करने का विधान है. अक्षय का अर्थ है, जिसका क्षरण न हो. कहते हैं इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अक्षय रहता है. इतना ही नहीं, ये मान्यता भी है कि इसी दिन श्री कृष्ण ने कंस के विरुद्ध वृंदावन में घूमकर जनमत तैयार किया था. इसलिए इस दिन वृंदावन की परिक्रमा करने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन दान आदि करने से पुण्य का फल इस जन्म में तो मिलता ही है, अगले जन्म में भी मिलता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. कहते हैं कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करते समय परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए. इतना ही नहीं, पूजा आदि के बाद वृक्ष के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और प्रसाद के रूप में आवंला खाया जाता है. आंवला नवमी 2021 शुभ मुहूर्त (Amla Navami 2021 Shubh Muhurat) आंवला नवमी 12 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन सुबह 06 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक पूजन का शुभ मुहूर्त है. आंवला नवमी तिथि प्रारंभ (Amla Navami Tithi 2021) आंवला नवमी तिथि का प्रारंभ 12 नवंबर, शुक्रवार सुबह 05 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगी और 13 नवंबर, शनिवार को सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. अक्षय नवमी 2021 कथा (Amla Navami 2021 Katha) अक्षय नवमी के संबंध में पौराणिक कथा है कि दक्षिण में स्...

आंवला नवमी व्रत कथा महत्व पूजा विधि

आंवला नवमी 2022 व्रत कथा महत्व पूजा विधि | Amla Navami Vrat Katha In Hindi:आंवला नवमी का व्रत कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन किया जाता हैं. कहा जाता हैं कि सतयुग की शुरुआत इसी दिन से हुई थी.आंवला नवमी की तिथि को गौ, सुवर्ण वस्त्र आदि दान देने से ब्रह्मा हत्या जैसे महापाप से भी छुटकारा मिल जाता हैं.अक्षय या आंवला नवमी 2022 की डेट 2 नवम्बर बुधवार के दिन किया जाना हैं. यहाँ आपकों अक्षय नवमी की कथा कहानी स्टोरी पूजन विधि तथा आंवला नवमी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. आंवला नवमी 2022 व्रत कथा महत्व पूजा विधि Amla Navami Vrat Katha In Hindi आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती हैं. पूजन विधान में प्रातः स्नान करके शुद्धात्मा से आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व की ओर उन्मुख होकर शोषडोपचार पूजन करना चाहिए. फिर उसकी जड़ में दुग्ध धारा गिराकर चारों ओर कच्चा सूत लपेटें तथा कर्पुर वर्तिका से आरती करते समय सात बार परिक्रमा करें. आंवला वृक्ष के नीचे ब्राह्मण भोजन तथा दान देने का विशेष महत्व हैं. आंवला नवमी व्रत कथा हिंदी में (Amla Navami Vrat Katha In Hindi) काशी नगरी में बहुत धर्मात्मा, दानी तथा निसंतान एक वणिक था. वे पति पत्नी दोनों सन्तान के अभाव में दिनों दिन कातर तथा मलिन होते जाते थे. कुछ समय पश्चात वैश्य की पत्नी से एक स्त्री ने कहा कि- यदि तुम किसी पराये लड़के की बलि भैरव के नाम कर दो तो पुत्र कामना अवश्य ही पूरी हो जायेगी. यह बात वैश्य के पास पहुची, मगर उसने अस्वीकार कर लिया. लेकिन सखी की बात वैश्य की पत्नी भूली नही. मौके की तलाश करती रही. एक दिन एक लड़की को भैरो देवता के नाम पर कुँए में गिरा कर बलि दे दी गई. इस हत्या का परिणाम बड़ा उल्टा हुआ. लाभ की जगह उसके स...

Akshay Navami 2022, Amla Navami: Vrat, Puja Vidhi and Significance

Akshay Navami 2022: Akshay Navami is one of the most significant Hindu religious rituals. . On this auspicious day of Akshay Navami, devotees fast and worship the Amla tree. Amla Navami is another name for Akshay Navami. According to Drik Panchang, it is observed on Shukla Navami day during Kartik month as per Hindu calendar and is two days before Dev Uthani Ekadashi. Akshay Navami 2022: Vrat Date Navami Tithi Ends: Nov 02, 2022- 11:39 PM Akshay Navami 2022: Significance Hindus attach a lot of importance to this day. It is believed that all the desired wishes come true by praying on this day, and individuals can even achieve salvation, or "Moksha," by doing so. On the day of Akshaya Navami, performing the circumambulation (Parikrama) of Mathura and Vrindavan is seen as extremely fortunate. On this holy day of Amla Navami, Hindu devotees go from all across the nation to Mathura, Vrindavan, and Govardhan to perform a circumambulation (Parikrama) in order to reap the greatest benefits. The day of Akshaya Navami is believed to have marked the start of the Satya Yuga. Because of this, the day of Akshaya Navami is also known as Satya Yugadi and is very important for all kinds of Daan-Punya activities. As the name Akshaya implies, engaging in any charitable or devotional activity on this day will always be rewarded and will be beneficial to the individual both in this life and in subsequent incarnations. As per Mythology, on this day Lord Krishna began his journey from the street...

Akshay Navami 2021 Read And Listen This Katha On Amla Navami Puja

Akshay Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी (Amla Navami 2021) या अक्षय नवमी (Akshay Navami 2021) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल आंवला नवमी 12 नवंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. ग्रंथों के मातनुसार त्रेतायुग का आरंभ आज के दिन से हुआ था. आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष (Amla Tree Puja) की पूजा करने का विधान है. अक्षय का अर्थ है, जिसका क्षरण न हो. कहते हैं इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अक्षय रहता है. इतना ही नहीं, ये मान्यता भी है कि इसी दिन श्री कृष्ण ने कंस के विरुद्ध वृंदावन में घूमकर जनमत तैयार किया था. इसलिए इस दिन वृंदावन की परिक्रमा करने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन दान आदि करने से पुण्य का फल इस जन्म में तो मिलता ही है, अगले जन्म में भी मिलता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. कहते हैं कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करते समय परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए. इतना ही नहीं, पूजा आदि के बाद वृक्ष के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और प्रसाद के रूप में आवंला खाया जाता है. आंवला नवमी 2021 शुभ मुहूर्त (Amla Navami 2021 Shubh Muhurat) आंवला नवमी 12 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन सुबह 06 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक पूजन का शुभ मुहूर्त है. आंवला नवमी तिथि प्रारंभ (Amla Navami Tithi 2021) आंवला नवमी तिथि का प्रारंभ 12 नवंबर, शुक्रवार सुबह 05 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगी और 13 नवंबर, शनिवार को सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. अक्षय नवमी 2021 कथा (Amla Navami 2021 Katha) अक्षय नवमी के संबंध में पौराणिक कथा है कि दक्षिण में स्...

Akshay Navami 2022: Date, Time, Puja Vidhi and Significance

Akshay Navami 2022: Akshay Navami is considered to be one of the most important rituals in Hindu religion. People do many religious activities on this auspicious day of Akshay Navami and some devotees even observe fast. This holy day has a same significance as Akshay Tritiya. Akshay Navami is also known as Amla Navami. As per Drik Panchang, this falls on Navami Tithi (ninth day) of Shukla Paksha during the month of Kartik. Akshay Navami 2022 : Akshay Navami is considered to be one of the most important rituals in Hindu religion. People do many religious activities on this auspicious day of Akshay Navami and women devotees even observe fast and worship Amla Tree. This holy day has a same significance as Akshay Tritiya. Akshay Navami is also known as Amla Navami. As per Drik Panchang, this falls on Navami Tithi (ninth day) of Shukla Paksha during the month of Kartik. This year, it is being observed today, on November 2, 2022. Akshay Navami 2022: Date and Time Akshay Navami 2022 - November 2, 2022 Navami Tithi Begins - November 1, 2022 - 11:04 PM Navami Tithi Ends - November 2, 2022 - 09:09 PM Askhay Navami 2022: Significance This day has a great significance among Hindus. By offering prayers on this day, all the desired wishes get fulfilled and people can also attain salvation or ‘Moksha’. The circumambulation (Parikrama) of Mathura-Vrindavan on the day of Akshaya Navami is considered very auspicious. Hindu devotees from all corners of the country visit Mathura, Vrindavan an...