Aryabhatta ka janam kab hua tha

  1. मुंशी प्रेमचंद का जन्म कब हुआ था?
  2. कबीर दास
  3. खोज और अविष्कार की महत्वपूर्ण जानकारी
  4. aryabhatta ka janam kab hua tha
  5. आर्यभट
  6. भगवान् गौतम बुद्ध जीवन परिचय
  7. Gautam Budh


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मुंशी प्रेमचंद का जन्म कब हुआ था?

मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 में हुआ था। मुंशी प्रेमचंद को हिन्दी साहित्य जगत में कथा-सम्राट के नाम से जाना जाता है उन्होने हिन्दी साहित्य को एक दशा और दिशा प्रदान की। प्रेमचंद पहले घनपत राय के नाम से कहानियॉं लिखते थे, पर अंग्रेज सरकार के अवरोध के कारण पहले नवाब राय फिर बाद में प्रेमचंद के नाम से लिखना प्रारम्भ किया। प्रेमचंद पहले उर्दू भाषा में लिखा करते थे, वे बाद में हिन्दी के विशाल व व्यापक विषय-क्षेत्र से प्रभावित होकर हिन्दी भाषा में लिखने लगे इसीलिए प्रेमचंद के साहित्य में उर्दू मिश्रित हिन्दी का प्रयोग हुआ है जिसे प्रायः हिन्दुस्तानी कहा जाता है। Tags :

कबीर दास

कबीर दास की जीवनी भारत के महान संत और आध्यात्मिक कवि कबीर दास का जन्म वर्ष 1440 में और मृत्यु वर्ष 1518 में हुई थी। इस्लाम के अनुसार ‘कबीर’ का अर्थ महान होता है। कबीर पंथ एक विशाल धार्मिक समुदाय है जिन्होंने संत आसन संप्रदाय के उत्पन्न कर्ता के रुप में कबीर को बताया। कबीर पंथ के लोग को कबीर पंथी कहे जाते है जो पूरे उत्तर और मध्य भारत में फैले हुए है। संत कबीर के लिखे कुछ महान रचनाओं में बीजक, कबीर ग्रंथावली, अनुराग सागर, सखी ग्रंथ आदि है। ये स्पष्ट नहीं है कि उनके माता-पिता कौन थे लेकिन ऐसा सुना गया है कि उनकी परवरिश करने वाला कोई बेहद गरीब मुस्लिम बुनकर परिवार था। कबीर बेहद धार्मिक व्यक्ति थे और एक महान साधु बने। अपने प्रभावशाली परंपरा और संस्कृति से उन्हें विश्व प्रसिद्धि मिली। ऐसा माना जाता है कि अपने बचपन में उन्होंने अपनी सारी धार्मिक शिक्षा रामानंद नामक गुरु से ली। और एक दिन वो गुरु रामानंद के अच्छे शिष्य के रुप में जाने गये। उनके महान कार्यों को पढ़ने के लिये अध्येता और विद्यार्थी कबीर दास के घर में ठहरते है। इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि उनके असली माता-पिता कौन थे लेकिन ऐसा माना जाता है कि उनका लालन-पालन एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनको नीरु और नीमा (रखवाला) के द्वारा वाराणसी के एक छोटे नगर से पाया गया था। कबीर के माँ-बाप बेहद गरीब और अनपढ़ थे लेकिन उन्होंने कबीर को पूरे दिल से स्वीकार किया और खुद के व्यवसाय के बारे में शिक्षित किया। उन्होंने एक सामान्य गृहस्वामी और एक सूफी के संतुलित जीवन को जीया। कबीर दास का अध्यापन ये माना जाता है कि उन्होंने अपनी धार्मिक शिक्षा गुरु रामानंद से ली। शुरुआत में रामानंद कबीर दास को अपने शिष्य के रुप में लेने को तैयार नहीं...

खोज और अविष्कार की महत्वपूर्ण जानकारी

खोज और अविष्कार की महत्वपूर्ण जानकारी जैसे-जैसे मानव का विकास हुआ वैसे वैसे अविष्कार और खोज होते गए सबसे पहले मानव द्वारा किया गया आविष्कार एक Stone Tool था जो कि आज से लगभग 2600000 साल पहले बनाया गया था तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अविष्कार कितने सालों से होते आ रहे हैं आविष्कार और खोज में बहुत अंतर होता है.किसी भी वस्तु का अविष्कार कर रहा है. बहुत ज्यादा मुश्किल है बजाय कि किसी वस्तु का खोजना जैसे कि अगर किसी ने कंप्यूटर का अविष्कार किया तो उसमें उसे सालों की मेहनत लगानी पड़ी और बहुत से लोगों के साथ के कारण यह अविष्कार हुआ लेकिन अगर हम बात करें किसी खोज कि जैसे कि चुंबक तो यह एक भेड़ चराने वाले ने खोजा था.बाद में इस पर एक्सपेरिमेंट करके और इसे बढ़िया बनाया गया और इसका इस्तेमाल किया गया. खोज और अविष्कार के बाद innovation (नवीनीकरण )होता है. मतलब कि अगर किसी ने कोई खोज या अविष्कार कर दिया तो उसे और बढ़िया बनाया जाता है उसमें जो कमी होती है उसे दूर करके या उसमें कुछ और सुविधा लगायी जाती हैं उसे इनोवेशन कहते हैं.इसका सबसे बड़ा उदाहरण कंप्यूटर है अगर हम बात करें सबसे पहले बनाए गए कंप्यूटर की और आज के कंप्यूटर की तो आपको इनमें बहुत ज्यादा अंतर मिलेगा वह यही नवीनीकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है. अविष्कार कैसे होते है कोई भी अविष्कार करने से पहले उसके बारे में आपको पूरी जानकारी एकत्रित करके किसी पुस्तक या कंप्यूटर में लिखकर अपनी होती है अविष्कार करते समय आप किसी भी दूसरे साथी की मदद ले सकते हैं इतिहास के ऐसे बहुत सारे अविष्कार हैं जो कि एक व्यक्ति से संभव ना होकर कई व्यक्तियों द्वारा किए गए हैं इसका भी कंप्यूटर एक उदाहरण है तो सबसे पहले अविष्कार की योजना को किसी पुस्तक में लिखें...

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People Also Read: खगोल विज्ञान (Aryabhatta Cotribution in astronomy) आर्यभट्ट ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं. आर्यभट्ट ने यह सिद्ध किया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर रूप से घुमती हैं. आज हम सभी इस बात को जानते हैं कि पृथ्वी गोल है और अपनी धुरी पर घूमती है और इसी कारण रात और दिन होते हैं। मध्यकाल में ‘निकोलस कॉपरनिकस’ ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया था पर इस वास्तविकता से. What is Aryabhatta Biography | आर्यभट्ट कौन थे, जानिए संपूर्ण परिचय Nidhivan ka rahasya: वृंदावन में निधिवन नाम से एक जगह है जहां पर श्रीकृष्ण का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर और वन के बारे में कई तरह की जनश्रुति प्रचलित है। कहते हैं कि यहां पर श्रीकृष्‍ण रोज आते हैं और रात. Aryabhatta Ka Janam Kab Hua Tha Aur Mrtyu Kab Hui Thi. आर्यभट्ट का जन्म कब हुआ था और मृत्यु कब हुई थी. How to use आर्यभट्ट की मृत्यु कब हुई थी? » Aryabhatta Ki Mrityu Kab Hui Thi आर्यभट्ट का मृत्यु कब हुई थी – aryabhatta ka mrityu kab hui thi ; आर्यभट्ट की मृत्यु कब हुआ – aryabhatta ki mrityu kab hua ; आर्यभट्ट की मृत्यु कैसे हुई थी – aryabhatta ki mrityu kaise hui thi. राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था। आदिकाव्य वाल्मीकीय रामायण में राम-जन्म के सम्बन्ध में निम्नलिखित वर्णन उपलब्ध है:-. जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदित्यनाथ) थे। 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। इनका जन्म महावीर स्वामी ने 250 वर्ष पूर्व वाराणसी में हुआ था। इनके अनुयायियों को निर्ग्रंथ. Answer:476 ADExplanation:plz mark me brainliest Aryabhatt ka janm kab hua tha. में हुआ था। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इनके माता ...

आर्यभट

पूरा नाम आर्यभट जन्म 476 ई. मृत्यु 550 ई. कर्म भूमि कर्म-क्षेत्र ज्योतिषविद् और गणितज्ञ मुख्य रचनाएँ ' विद्यालय विशेष योगदान बीजगणित में भी सबसे पुराना ग्रंथ आर्यभट का है। उन्होंने सबसे पहले 'पाई' (p) की कीमत निश्चित की और उन्होंने ही सबसे पहले 'साइन' (SINE) के 'कोष्टक' दिए। गणित के जटिल प्रश्नों को सरलता से हल करने के लिए उन्होंने ही समीकरणों का आविष्कार किया, जो पूरे विश्व में प्रख्यात हुआ। एक के बाद ग्यारह, शून्य जैसी संख्याओं को बोलने के लिए उन्होंने नई पद्धति का आविष्कार किया। नागरिकता भारतीय अन्य जानकारी खगोल और गणितशास्त्र, इन दोनों क्षेत्र में आर्यभट के महत्त्वपूर्ण योगदान के स्मरणार्थ भारत के प्रथम उपग्रह का नाम आर्यभट ( Aryabhata, जन्म: 476 ई. - मृत्यु: 550 ई.) आर्यभट्ट नहीं, आर्यभट प्राचीन भारत के इस महान वैज्ञानिक का सही नाम आर्यभट है न कि आर्यभट्ट। 'भट' शब्द का वास्तविक अर्थ है- योद्धा, सैनिक। और 'भट्ट' का परंपरागत अर्थ है- 'भाट' या पंडित (ब्राह्मण)। आर्यभट ब्राह्मण भले ही रहे हों, भाट कतई नहीं थे। वे सही अर्थ में एक 'वैज्ञानिक योद्धा' थे। उन्होंने वेदों और धर्मग्रंथों की ग़लत मान्यताओं का डटकर विरोध किया। आर्यभट का केवल एक ही ग्रंथ आर्यभटीय वर्तमान में उपलब्ध है। उनका दूसरा ग्रंथ 'आर्यभट सिद्धांत' अभी तक प्राप्त नहीं हुआ। आर्यभट ने अपने नाम और स्थान के बारे में स्वयं जानकारी दी है- “आर्यभट इस कुसुमपुर नगर में अतिशय पूजित ज्ञान का वर्णन करता है।” आर्यभट ने यहाँ और अन्यत्र कहीं पर भी, यह नहीं कहा कि उनका जन्म कुसुमपुर में हुआ। उन्होंने केवल इतना बताया है कि अपने ज्ञान का प्रतिपादन (ग्रंथ की रचना) कुसुमपुर में कर रहे हैं। यह भी निश्चित नहीं कि आर्यभट का कुसुमपुर...

भगवान् गौतम बुद्ध जीवन परिचय

भगवानगौतमबुद्धजिन्होंनेअपनेमहानविचारोंऔरउपदेशोंसेदुनियाकोएकनयारास्तादिखायाऔरसमाजमेंअभूतपूर्वपरिवर्तनलानेमेंअपनाअहमयोगदानदिया।गौतमबुद्धद्धारादिएउपदेशोंकोमानकरकईलोगनसिर्फअपनेजीवनमेंसफलहुएबल्किउनकेमनमेंसमाजकेप्रतिप्रेम, सदभावकीभावनाकाभीविकासहुआ। गौतमबुद्ध, भारतकेमहानदार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरु, एकमहानसमाजसुधारकऔरबौद्धधर्मकेसंस्थापकथे।गौतमबुद्धनेहिन्दूधर्ममेंसिद्धार्थकेरूपमेंजन्मलियाथा, बादमेंउन्होंनेग्रहस्थजीवनमेंभीप्रवेशकियालेकिनअपनीशादीकेकुछसमयबादउन्होनेंअपनीपत्नीऔरबच्चेकात्यागदियाऔरपरिवारिकमोह-मायासेअलगहोकरवेबौद्धधर्मकेप्रवर्तकबनगए। आपकोबतादेंकिभगवानगौतमबुद्ध, दुनियाकोजन्म, मृत्युऔरदुखोंसेमुक्तिदिलानेकेमार्गकीतलाशऔरसत्यदिव्यज्ञानकीखोजमेंलगगए।इसकेबादउन्होनेंभौतिकवादीदुनियामेंअपनारास्तढूंढ़ा। करूणाभावसेभरेहुएऔरसत्य, अहिंसाकोमहात्मागौतमबुद्दनेअपनाजीवनकाआधारमानाऔरबादमेंउन्होनेंलोगोंकोभीइसीमार्गपरचलनेकेलिएप्रेरितकिया।उनकेमहानउपदेशोंकोसुनकरकईलोगोंनेअपनेजीवनतकबदलडालाचलिएजानतेहैं–बौद्दधर्मकेसंस्थापक Gautam Buddhaकेजीवनकेबारेमेंऔरउपलब्धियोंकेबारेमें– भगवानगौतमबुद्धजीवनपरिचय– Gautam Buddha in Hindi भगवानगौतमबुद्धकेजीवनकेबारे– Gautam Buddha Information in Hindi पूरानाम (Name) सिद्धार्थगौतमबुद्ध ( Siddharth Gautam Buddha) जन्म (Birthday) 563 ईसापूर्व, लुम्बिनी मृत्यु (Death) 463 ईसापूर्व, कुशीनगर पिताकानाम (Father Name) शुद्धोधन माताकानाम (Mother Name) महामाया शिक्षा (Education) गुरुविश्वमित्रकेपासवेदऔरउपनिषदपढ़े, राजकाजऔरयुद्ध–विद्याकीभीशिक्षाली। विवाह (Wife Name) यशोधराकेसाथ। धर्म (Religion) जन्मसेहिन्दू, बौद्धधर्मकेप्रवर्तक गौतमबुद्धकाप्रारंभिकजीवन– Gautam Buddha Biography in Hind...

Gautam Budh

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम गौतम बुद्ध की पूरी जानकारी (Gautam Budh) प्राप्त करेंगे। जिसमें हम गौतम बुद्ध का जन्म कहाँ हुआ था (Gautam Buddh Ka Janm Kahan Hua Tha), गौतम बुद्ध का बचपन (Gautam Budh Ka Bachpan), गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति (Gautam Buddha Ko Gyan Ki Prapti), गौतम बुद्ध के उपदेश (Gautam Buddha Updesh in Hindi), गौतम बुद्ध से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Gautam Buddha ke Question) भी पढ़ेंगे। गौतम बुद्ध की पूरी जानकारी – Gautam Budh महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय – Mahatma Budh Ka Jeevan Parichay जन्म – 563 ईसा पूर्व जन्मस्थान (Gautam Buddha Ka Janam Sthan) – नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु लुम्बिनी ग्राम मृत्यु – 483 ईसा पूर्व मृत्युस्थान – कुशीनारा (मल्ल गणराज्य) जन्म वंश – शाक्य बचपन का नाम – सिद्धार्थ पिता – शुद्धोधन माता – महामाया पालन-पोषण वाली विमाता – मौसी महाप्रजापति गौतमी पत्नी – यशोधरा पुत्र – राहुल सारथी – चन्ना गृह त्याग – 29 वर्ष की आयु ज्ञान प्राप्ति की अवस्था – 35 वर्ष की आयु ज्ञान प्राप्ति का स्थान – बोधगया (बिहार) ज्ञान-प्राप्ति के बाद नाम – गौतम बुद्ध, महात्मा बुद्ध, तथागत प्रथम गुरु – अलार कलाम (वैशाली) द्वितीय गुरु – उद्धालक रामपुत्त (राजगृह) सबसे प्रिय शिष्य – उपालि प्रथम उपदेश – सारनाथ (ऋषिपत्तनम) सर्वाधिक उपदेश – श्रावस्ती अंतिम उपदेश – पावा या पावापुरी (बिहार) गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था – Gautam Buddh Ka Janm Kab Hua Tha • भारतीय और सिंहली (श्रीलंका) परम्परा के अनुसार बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में हुआ। • सिंहली परम्परा के अनुसार महात्मा बुद्ध का जन्म 624 ई. पू. में माना...