बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण pdf

  1. बाल संरक्षण और बाल अधिकार
  2. बाल संरक्षण वित्त का विश्लेषण
  3. बाल अधिकार क्या हैं? बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1989
  4. बाल हक्क संरक्षण कायदा, 2005 PDF download


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बाल संरक्षण और बाल अधिकार

बाल अधिकार और संरक्षण एवंबाल अधिकार और संरक्षण आयोग। मंत्रालय द्वारा हाल ही में तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की मंजूरी दी गई है मिशन वात्सल्य, मिशन पोषण 2.0 और मिशन शक्ति।..... संक्षेप में भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा लगभग 158 मिलियन 0 से 6 साल के आयु वर्ग के बच्चे हैं। तथा 472 मिलियन 18 साल की उम्र तक के है जो देश की कुल आबादी का 39 % है। . देश में लगभग 30 मिलियन अनाथ बच्चे है जो देश के युवा अबादी का 4 % है। . आंकड़ों के अनुसार इन 30 मिलियन अनाथ बच्चे में से लगभग 470000 संस्थागत देखभाल में है, परंतु इनमें से कुछ ही बच्चे को परिवार मिल पाता है, क्योंकि भारत में गोद लेने की दर बहुत कम है। . सरकार के केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ( C A R A ) के आंकड़े की बात करे तो 2010 में देश में 5693 बच्चों और 2017-2018 में केवल 3276 बच्चों को ही गोद लिया गया वहीं 2019-2020 में केवल 3351 बच्चों को ही गोद लिया गया है। जबकि 29000 परिवार से भी अधिक लोग बच्चों को गोद लेने में इच्छुक है प्रांत भारत में दत्तक ग्रहण कानून सख्त होने के कारण गोद लेने वाले परिवार की संख्या कम है। . केंद्रीय दत्तक ग्रहण संशोधन प्राधिकरण (CARA) की शुरुआत के साथ गोद लेने की प्रक्रिया में परिवर्तन आया है , यह प्राधिकरण भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है। जो गोद लेने वाले बच्चे के माता-पिता को डिजिटल डेटाबेस के रूप में कार्य करती है। . भारत में दत्तक ग्रहण प्रथा मुख्य रूप से हिंदू दत्तक और रखरखाव अधिनियम, 1956 तथा जेजे अधिनियम, 2000 के अनुसार होता है। . मंत्रालय द्वारा हाल ही में तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की मंजूरी दी गई है मिशन वात्सल्य, मिशन पोषण 2.0 और मिशन शक्ति.....। विस्तार में ज...

बाल संरक्षण वित्त का विश्लेषण

• में उपलब्ध: • • हिंदी मुख्य आकर्षण " बाल संरक्षण के लिए बजट संसाधनों के आवंटन को प्रभावित करने वाली एक महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि जिन लोगों को इससे लाभान्वित वो अपनी जरूरतों के लिए आवाज नहीं उठा सकते हैं। कई तरह के आर्थिक और वित्तीय विश्लेषण हैं जो नीति-निर्माण को प्रभावित करने के लिए किए जा सकते हैं। और बजट प्रक्रियाएं। एक उद्देश्य के लिए सही तरह के विश्लेषण का चयन करने के लिए विभिन्न प्रकार के विश्लेषणों और उनके उद्देश्यों को समझना आवश्यक है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य विभिन्न विश्लेषणों को प्रस्तुत करना है और यह सुझाव देना है कि उनका उपयोग कब किया जा सकता है। "

बाल अधिकार क्या हैं? बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1989

|| एक बच्चे के क्या अधिकार हैं? (What rights a child have?) बाल अधिकार किसे कहते हैं, बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण pdf, बाल अधिकार संरक्षण क्या है, बाल अधिकार कानून, बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1989 क्या है, बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 pdf || बच्चे मन के सच्चे माने जाते हैं और हम सभी के बहुत लाडले भी होते हैं। लेकिन जब बात अधिकारों की आती है तो हम में से बहुतों को यह भी नहीं पता होता कि उनके कुछ अधिकार भी हैं। इस वजह से कई बार बच्चे प्रताड़ना के शिकार भी होते हैं। हम उन्हें अपने तरीके से डील करते हैं, क्योंकि हम बाल अधिकारों के प्रति अनभिज्ञ होते हैं। 1.11 Spread the love बाल अधिकारों से क्या तात्पर्य है? (What do you mean by child rights?) मित्रों, आगे बढ़ने से पूर्व सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि बाल अधिकारों से क्या तात्पर्य है? साथियों, बाल अधिकार (Children rights) दरअसल, नाबालिगों की देखभाल एवं विशिष्ट सुरक्षा के रूप में बच्चों को मिलने वाले व्यक्तिगत मानवाधिकारों (individual human rights) को कहा जाता है। बच्चों के हितों के मद्देनजर बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी सरकारों द्वारा कई प्रावधान किए गए हैं। यूएनओ द्वारा बच्चों को क्या अधिकार दिए गए हैं? (What rights have been given to the children by UNO?) मित्रों, सबसे पहले जान लेते हैं कि लगभग 30 वर्ष के लंबे समय के पश्चात 20 नवंबर, 1989 को संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल देशों ने बच्चों के अधिकारों से संबंधित. इस घोषणा-पत्र पर अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किए। इन देशों में हमारा देश भारत भी शामिल था। इस घोषणा पत्र में दुनिया भर के बच्‍चों के लिए कुछ बुनियादी अधिकारों को शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण अ...

बाल हक्क संरक्षण कायदा, 2005 PDF download

बाल हक्क संरक्षण कायदा, 2005 (Protection of Child Rights Act 2005 ) 1. मुलाची व्याख्या: कायदा अठरा वर्षांखालील कोणतीही व्यक्ती म्हणून मुलाला परिभाषित करतो. 2. जगण्याचा आणि विकासाचा हक्क : हा कायदा प्रत्येक मुलाचा जगण्याचा, जगण्याचा आणि विकासाचा हक्क ओळखतो. हे मुलांना अन्न, आरोग्यसेवा, शिक्षण आणि सुरक्ष वातावरणासह अत्यावश्यक सेवा देण्याच्या महत्त्वावर भर देते. 3. शोषणापासून संरक्षण: कायदा विशिष्ट धोकादायक व्यवसायांमध्ये मुलांच्या रोजगारावर बंदी घालतो आणि त्यांची सुरक्षितता सुनिश्चित करण्यासाठी त्यांच्या कामाच्या परिस्थितीचे नियमन करतो. हे बाल तस्करी, बालमजुरी आणि बाल शोषण यासारख्या समस्यांना देखील संबोधित करते. 4. शिक्षणाचा अधिकार: हा कायदा 6 ते 14 वर्षे वयोगटातील प्रत्येक मुलाला मोफत आणि सक्तीच्या शिक्षणाची हमी देतो. हे सर्वसमावेशक शिक्षणाला प्रोत्साहन देते आणि मुलांशी त्यांच्या लिंग, जात, धर्म किंवा अपंगत्वावर आधारित भेदभाव प्रतिबंधित करते. 5. पुनर्वसन आणि सामाजिक एकीकरण: हा कायदा काळजी आणि संरक्षणाची गरज असलेल्या मुलांच्या पुनर्वसन आणि सामाजिक एकीकरणावर भर देतो. हे त्यांच्या काळजीसाठी यंत्रणा स्थापन करते, जसे की बाल संगोपन संस्था आणि पालनपोषण, त्यांचे कल्याण सुनिश्चित करण्यासाठी. 6. बालकल्याण समित्या आणि बाल न्याय मंडळे हा कायदा जिल्हा स्तरावर बाल कल्याण समित्या आणि राज्य स्तरावर बाल न्याय मंडळांची स्थापना करतो जेणेकरुन मुलांची काळजी, संरक्षण आणि पुनर्वसन संबंधित समस्या सोडवता येतील. बाल हक्कांची प्रभावी अंमलबजावणी सुनिश्चित करण्यात या संस्था महत्त्वाची भूमिका बजावतात. 7. राष्ट्रीय बाल हक्क संरक्षण आयोग (NCPCR) ची भूमिका: हा कायदा NCPCR ला देशातील बाल हक्कांचे संनियंत्रण...