बद्रीनाथ से गंगोत्री की दूरी

  1. Kedarnath Yatra:केदारनाथ धाम जाने का सही रूट, कुल खर्च और समय, जानें सब कुछ
  2. महोबा पहुंची बाबा की दीवानी शिव रंजनी, पंडित धीरेंद्र शास्त्री से करना चाहती हैं विवाह
  3. बद्रीनाथ में घूमने की जगह खाने रहने जाने का खर्चा दूरी
  4. CharDham Yatra 2022: जानिए चारधाम यात्रा के लिए गंगोत्री
  5. शिवरंजिनी की कलश यात्रा पहुंची महोबा, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से करना चाहती हैं विवाह, लेकिन...
  6. बद्रीनाथ धाम पर निबंध
  7. चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू, जानें कब खुलेंगे बद्रीनाथ केदारनाथ और गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट
  8. Group left for Char Dham Yatra from Phusro
  9. Gangotri Yatra Information in Hindi
  10. कल से शुरू होगी चारधाम यात्रा:1550 किमी के सफर का 85% रास्ता हो चुका सुगम, अब 6 दिनों में भी पूरी यात्रा संभव


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Kedarnath Yatra:केदारनाथ धाम जाने का सही रूट, कुल खर्च और समय, जानें सब कुछ

Kedarnath Yatra: उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों में से एक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष दूर-दराज से लोग आते हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल से खुल गए हैं। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल से खुल गए हैं। इसके अलावा बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट 27 अप्रैल से खुल रहे हैं। इन चारों पवित्र धामों के दर्शन के लिए यह मौसम और मौका उपयुक्त है। साथ ही दर्शन के लिए बुकिंग और रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गए हैं। आईआरसीटीसी ने भी चार धाम यात्रा के लिए टूर पैकेज जारी किया है। हालांकि जो लोग पहली बार चार धाम यात्रा या केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं, वह यात्रा के खर्च, सुविधाएं, रूट और सफर में लगने वाले समय को लेकर असमंजस में हो सकते हैं। केदारनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं तो पूरा रूट प्लान, खर्च, यात्रा में लगने वाला समय और यात्रा की पूरी डिटेल जान लीजिए। कितने दिन की केदारनाथ यात्रा केदारनाथ यात्रा पर जाने के लिए दफ्तर से छुट्टी लेनी होगी। वीकेंड पर भी केदारनाथ धाम जा सकते हैं। केदारनाथ यात्रा के लिए आपको तीन से चार दिन का समय चाहिए। गौरीकुंड तक आप सड़क, रेल मार्ग से जा सकते हैं। हालांकि गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक सड़क मार्ग की सुविधा नहीं है। 18 किलोमीटर का पैदल ट्रैक है, जहां 15-18 घंटे की चढ़ाई करनी पड़ सकती है। हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिल सकती है। कैसे पहुंचे केदारनाथ धाम केदारनाथ जाने के लिए दिल्ली या किसी भी शहर से हरिद्वार या देहरादून तक के लिए ट्रेन, बस या फ्लाइट ले सकते हैं। दिल्ली से केदारनाथ की दूरी लगभग 466 किलोमीटर है। केदारनाथ के लिए डायरेक्ट रेल सुविधा नहीं है। बस या ट्रेन...

महोबा पहुंची बाबा की दीवानी शिव रंजनी, पंडित धीरेंद्र शास्त्री से करना चाहती हैं विवाह

Uttar Pradesh News: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह करने की इच्छा रखने वाली एमबीबीएस की छात्रा और कथावाचक शिवरंजनी तिवारी गंगोत्री से सर पर गंगाजल का कलश लेकर पैदल ही मध्य प्रदेश के चर्चित बागेश्वर धाम जा रही हैं. तकरीबन 1150 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए इस भीषण गर्मी […] पंडित धीरेंद्र शास्त्री से करना चाहती हैं विवाह उत्तराखंड के गंगोत्री से आरंभ हुई है, यह यात्रा कई किलोमीटर का परेशानियों भरा सफर तय कर शिवरंजनी बुंदेलखंड के महोबा में हैं. जहां से वह अब बागेश्वर धाम के लिए पैदल प्रस्थान कर रही है.पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम आते ही उनके चेहरे पर मासूम सी लालसा और मुस्कान दिखाई पड़ती है. एमबीबीएस की छात्रा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से इस कदर लगाव रखती है कि पैदल ही अपने प्राणनाथ से मिलने के लिए चल पड़ी है. यूपी तक से बात करते हुए शिवरंजनी ने बताया कि, ‘पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की वह इसलिए जय बोलती हैं. क्योंकि उन्हीं की कृपा है कि वह पैदल उनसे मिलने जा रही हैं. वह उनके प्राणनाथ हैं और उनसे मिलने की लालसा उन्हें गंगोत्री से बागेश्वर धाम खींच कर ला रही है.’

बद्रीनाथ में घूमने की जगह खाने रहने जाने का खर्चा दूरी

यदि आप उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ घूमने का प्लान कर रहे हैं तो निश्चित रूप से बद्रीनाथ कपाट खुलने का इंतजार कर रहे होंगे और आज इस पोस्ट के द्वारा आज आपको स्पष्ट जानकारी मिलेगी कि बद्रीनाथ के कपाट कब खुलेंगे 2023 में।इसके अलावा यहां जाने का सही समय खर्चा दूरी तथा बद्रीनाथ में घूमने की जगह के बारे में बताया गया है। Table of Contents • • • • • • बद्रीनाथ कपाट कब खुलेंगे 2023 में अमूमन बद्रीनाथ के कपाट मई में खुलते हैं और इनके खुलने का समय लगभग सुबह 4:15 होता है जैसे 2021 में बद्रीनाथ के कपाट 18 मई को सुबह 4:15 बजे खुले थे। उसके बाद 2022 में भी लगभग कितने बजे ही कपाट खुले थे अब 2023 आ चुका है और श्रद्धालु तथा घूमने के शौकीन लोग बद्रीनाथ कपाट खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आज 28 जनवरी 2023 है और मैं यह पोस्ट श्रद्धालु तथा घूमने के शौकीन दोनों के लिए लिख रहा हूं और आपसे यह कहना चाहता हूं कि जैसे ही हमारे पास बद्रीनाथ कपाट खुलने की सही डेट की जानकारी आएगी मैं उस डेट को इस पोस्ट में अपडेट कर दूंगा अतः हमारे साथ जुड़े रहे। बद्रीनाथ मेंघूमने की जगह खाने रहने जाने का खर्चा दूरी जोशीमठ से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है तथा बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है जहां पर आप को आसानी से होटल तथा छोटे लॉज रहने के लिए मिल जाते हैं। इनकी कीमत ₹1000 से शुरू होती है और ₹1500 से ₹2000 में ठीक-ठाक रूम मिल जाते हैं। बद्रीनाथ में अनिल अंबानी का होटल भी है, अनिल अंबानी खुद भी एक बड़े बिजनेसमैन है जो रिलायंस के लिए जाने जाते हैं तथा भारत के और विश्व के सबसे बड़े बिजनेसमैन में से एक मुकेश अंबानी के छोटे भाई हैं। किंतु अनिल अंबानी के इस होटल में आप बुकिंग नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने यह...

CharDham Yatra 2022: जानिए चारधाम यात्रा के लिए गंगोत्री

इस बार चारधाम यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने पंजीकरण कराया हैं और अभीभी करा रहे हैं. यमुनोत्री धाम के कपाट 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन दोपहर 12:15 को खुलेंगे. सुबह 8:30 को माँ यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास खुसीमठ से यमुनोत्री धाम को प्रस्थान करेगी. वही गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11:15 को खुलेंगे. इसी तरह से बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के कपाट भी विधिवत विशेष पूजा अर्चना के साथ खुलेंगे. CharDham Yatra 2022: यमुनोत्री का रूट अगर आपभी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं, तो दिल्ली से यमुनोत्री ( Delhi to Yamunotri) का रूट समझ लीजिए. दिल्ली से यमुनोत्री धाम की दूरी 430 किमी है. अगर आप सड़क मार्ग के जरिए जाते है तो ये दूरी तय करने में आपको करीब 11 घंटे का समय लगेगा. यदि आप दिल्ली से यमुनोत्री फ्लाइट ( flight) के जरिए जा रहे है तो आपको 293 किमी पड़ेगा. यमुनोत्री का नजदीकी एयरपोर्ट जौली ग्रांट एयरपोर्ट ( Jolly Grant Airport) है. गंगोत्री का रूट दिल्ली से गंगोत्री धाम ( Delhi to Gangotri Dham) की दूरी 527 किमी है. अगर आप सड़क मार्ग दिल्ली से गंगोत्री धाम जा रहे है तो आपको लगभग 15 घंटे का समय लगेगा. अगर आप फ्लाइट से जा रहे है तो यह दूरी आप बेहद कम समय में तय कर लेंगे और आपको जौली ग्रांट एयरपोर्ट ( Jolly Grant Airport) पर उतरना होगा. क्योंकि यही यहा का नजदीकी एयरपोर्ट है और इससे आगे की दूरी आपको बस, टैक्सी से करनी होगी. केदारनाथ का रूट दिल्ली से केदारनाथ ( Delhi to Kedarnath) की दूरी 452 किमी है. अगर फ्लाइट से दूरी की बात करें तो यह 296 किमी है. केदारनाथ का नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट ( Jolly Grant Airport) है. दिल्ली से केदारनाथ बस, ट्रेन और हवाई जहाज से जाया जा सकता है....

शिवरंजिनी की कलश यात्रा पहुंची महोबा, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से करना चाहती हैं विवाह, लेकिन...

सनातन धर्म में तप और तपस्या से मनचाहा वर पाने का उल्लेख धर्म शास्त्रों में मिलता है। लेकिन इसका जीता जागता उदहारण हैं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के रूप में मनचाहा वर पाने की इच्छा रखने वाली एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी, जो गंगोत्री से बागेश्वर धाम गंगा कलश लेकर निकली हुई हैं। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को अपना प्राणनाथ मान चुकी शिवरंजनी इस भीषण गर्मी में तमाम दुश्वारियां के बीच महोबा पहुंच चुकी हैं। यहां से बागेश्वर धाम की दूरी मात्र 80 किलोमीटर ही बची है। महोबा पहुंची शिवरंजनी की कलश यात्रा दरअसल, शिवरंजनी तिवारी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन की लालसा रखती है। तकरीबन 1150 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए इस भीषण गर्मी में शिवरंजनी अपने पिता और भाई के साथ बुंदेलखंड के महोबा पहुंची हैं। जहां पर जगह-जगह भक्तों द्वारा उनका स्वागत किया जा रहा है। वहीं महिलाएं भी मंगल गीत गाकर उन्हें आशीर्वाद दे रही है। 16 जून को कलश यात्रा लेकर बागेश्वर धाम पहुंचेगी शिवरंजनी महोबा में एक दिन अपने भक्त के घर में रुककर शिवरंजनी फिर से 48 डिग्री तापमान में पैदल ही अपने प्राणनाथ के दर्शन के लिए चल पड़ी है। गंगा कलश की पूजा विधि विधान से करने के बाद शिवरंजनी तिवारी ने बागेश्वर धाम सरकार की जय के साथ-साथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जय बोलते हुए अपनी यात्रा के लिए निकल पड़ी है। जहां-जहां वह पहुंच रही है वहां-वहां महिलाओं और भक्तों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है और मंगल गीतों के साथ शिवरंजीनी को अपार शुभकामनाएं दें रही हैं। बता दें कि 16 जून को शिवरंजनी कलश यात्रा को लेकर बागेश्वर धाम पहुंचेगी। सभी लोग बालाजी सरकार बागेश्वर धाम से जुड़े - शिवरंजनी बता दें कि शिवरंजनी तिवारी...

बद्रीनाथ धाम पर निबंध

बद्रीनाथ धाम पर निबंध –बद्रीनाथ धाम या बद्रीनारायण मंदिर यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है । ये मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।बद्रीनाथ मंदिर , चारधाम और छोटा चारधाम तीर्थ स्थलों में से एक है ।यह अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है । ये पंच-बदरी में से एक बद्री हैं। उत्तराखंड में पंच बदरी, पंच केदार तथा पंच प्रयाग पौराणिक दृष्टि से तथा हिन्दू धर्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं । यह मंदिर भगवान विष्णु के रूप बद्रीनाथ को समर्पित है । ऋषिकेश से यह 214 किलोमीटर की दुरी पर उत्तर दिशा में स्थित है । बद्रीनाथ मंदिर मुख्य आकर्षण है । प्राचीन शैली में बना भगवान विष्णु का यह मंदिर बेहद विशाल है। इसकी ऊँचाई करीब 15 मीटर है । पौराणिक कथा के अनुसार , भगवान शंकर ने बद्रीनारायण की छवि एक काले पत्थर पर शालिग्राम के पत्थर के ऊपर अलकनंदा नदी में खोजी थी । वह मूल रूप से तप्त कुंड हॉट स्प्रिंग्स के पास एक गुफा में बना हुआ था। यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है, गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामण्डप ।बद्रीनाथ जी के मंदिर के अन्दर 15 मुर्तिया स्थापित है । साथ ही साथ मंदिर के अन्दर भगवान विष्णु की एक मीटर ऊँची काले पत्थर की प्रतिमा है । इस मंदिर को “धरती का वैकुण्ठ” भी कहा जाता है । बद्रीनाथ मंदिर में वनतुलसी की माला, चने की कच्ची दाल, गिरी का गोला और मिश्री आदि का प्रसाद चढ़ाया जाता है। ( बद्रीनाथ धाम पर निबंध ) लोककथा के अनुसार बद्रीनाथ मंदिर की स्थापना पौराणिक कथा के अनुसार यह स्थान भगवान शिव भूमि( केदार भूमि ) के रूप में व्यवस्थित था । भगवान विष्णु अपने ध्यानयोग के लिए एक स्थान खोज रहे थे और उन्हें अलकनंदा के पास शिवभूमि का स्थान बहुत भा गयाा। ...

चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू, जानें कब खुलेंगे बद्रीनाथ केदारनाथ और गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट

उत्तराखंड चारधाम यात्रा का शंखनाद हो चुका है. इसके लिए राज्य सरकार और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने तैयारियां तेज कर दी हैं. विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल को खुलेंगे. इसके अलावा बद्रीनाथ धाम के 27 अप्रैल और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को खुलेंगे. इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे. कपाट खुलने की तिथि का ऐलान टिहरी जिले के नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों की ओर से किया गया. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल को खुलेंगे. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि, चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल को और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को खुलेंगे. पूर्व में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 27 अप्रैल निर्धारित है. बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना के पश्चात विधि विधान से कपाट खुलने की तिथि तय हुई. नवंबर महीने में चार धामों के कपाट बंद कर दिए गए थे. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. गंगोत्री को हिन्दूओं का प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं. गंगोत्री धाम गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगा नदी का उद्गम स्थान है. गंगोत्री धाम में गंगा माता का मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है. यह जिला उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है. हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन को आते हैं इस साल 22 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं. यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पा...

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फुसरो, प्रतिनिधि। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के तीर्थयात्रियों का पहला जत्था फुसरो से रवाना हो गया। उत्तराखंड चार धाम यात्रा गंगोत्री, जमनोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ को 20 महिला-पुरुष श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ। इनमें भारत अग्रवाल, कंचन अग्रवाल, महेश अग्रवाल, कविता अग्रवाल, महेश मित्तल, पिंकी मित्तल, पवन अग्रवाल, राजकुमारी अग्रवाल, पुरुषोत्तम अग्रवाल, ललिता अग्रवाल, ईश्वर दयाल, सीमा अग्रवाल, हितेश मेहता, ऋतु मेहता, ऋषभ गर्ग, मुकुल अग्रवाल, मान्या अग्रवाल, सान्या अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल आदि शामिल हैं।

Gangotri Yatra Information in Hindi

Gangotri Dham Yatra Information in Hindi – हिंदुओं के चार धामों में से गंगोत्री की यात्रा ,सबसे सुगम यात्रा मानी जाती है ।इसके बाद गंगा मैया के मंदिर का निर्माण कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा किया गया था। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया है। गंगोत्री आने के लिए ऋषिकेश से सीधा रास्ता है। नरेंद्र नगर, नई टिहरी ,उत्तरकाशी होते हुए , 70 किलोमीटर की दूरी तय कर कर गंगोत्री पहुंच सकते हैं। Gangotri Dham Yatra Information in Hindi – गंगोत्री पहुंचने से पहले ही यहां का वातावरण श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है। सामने ऊंचाई पर ऊंची ऊंची पहाड़ियां अत्यंत सुंदर लगती हैं। यहां की सर्द बर्फीली हवाएं जब चेहरे से टकराती हैं तो मन आनंदित हो जाता है। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दर्शनार्थी सीढ़ियों से चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं। गंगोत्री से गोमुख जाने के लिए पैदल मार्ग है जिसकी दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। मुख्य मंदिर में प्रवेश करते ही, मंदिर का पीछे का हिस्सा दिखाई देता है। मंदिर के दाएं और गंगा घाट पर जाने के लिए सीढ़ियां हैं। इसी जगह पर ऋषि भागीरथी की तपस्वी स्थल भी है। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर में पवित्र गंगा मैया के दर्शन करने के लिए, लाखों तीर्थयात्री यहां आते हैं। और यहां के वातावरण को देखकर श्रद्धालुओं का मन हर्ष से भर जाता है। मंदिर के सामने की ओर भगवान शिव, पार्वती जी, गणेश जी, नंदी जी आदि देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। और यहीं पर भागीरथी ऋषि को हिमालया में विराजमान होते हुए बहुत ही खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है। गंगोत्री के कपाट अप्रैल के अंतिम पक्ष में या मई के प्रथम पक्ष में खोले जाते हैं। शीतकाल में अक्टूबर के प्रथम पक्ष में...

कल से शुरू होगी चारधाम यात्रा:1550 किमी के सफर का 85% रास्ता हो चुका सुगम, अब 6 दिनों में भी पूरी यात्रा संभव

नई दिल्ली:-चारधाम यात्रा शनिवार से शुरू होगी। 22 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलेंगे। 25 को केदारनाथ और 27 को बद्री विशाल के दर्शन शुरू होंगे। पहले जहां ऋषिकेश से सड़क मार्ग से चारधाम यात्रा पूरी करने में कम से कम 7 दिन (रोज 7-8 घंटे का सफर) लगते थे, इस बार 6 दिन (रोज 7 घंटे यात्रा) में यात्रा पूरी हो सकती है, क्योंकि 85% रास्ता सुगम हो चुका है। हालांकि, रुकते-रुकाते यात्रा का इरादा है तो 9 से 10 दिन लगेंगे। ज्यादातर श्रद्धालु ऋषिकेश के भद्रकाली तिराहे से चारधाम यात्रा शुरू करते हैं। यहां चेकपोस्ट पर रजिस्ट्रेशन ID और गाड़ी का ग्रीन कार्ड आदि चेक कराना होगा। दूसरा चेकपोस्ट ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे पर ब्रह्मपुरी में है। प्रशासन की हरी झंडी के बाद सफर शुरू कर सकते हैं। गंगोत्री दोपहर के 12 बज रहे हैं। हम भद्रकाली तिराहे से गंगोत्री की 264 किमी लंबी यात्रा शुरू करते हैं। 2 बजे चंबा में एक छोटी सी टनल हिमालय रेंज से मुलाकात कराती है। तलहटी में टिहरी झील मनमोहक है। साइड में रुककर नजारा देख सकते हैं। उत्तरकाशी तक ऑल वेदर रोड की डबल लेन है। गंगोत्री की 100 किमी की दूरी साढ़े तीन से चार घंटे में कर सकते हैं। गंगोत्री से 25 किमी पहले गांव हर्षिल में रुक सकते हैं। यमुनोत्री गंगोत्री से यमुनोत्री के लिए 150 किमी दूर उत्तरकाशी के धरासूबैंड आना होगा। यहां से 102 किमी लंबे जानकीचट्‌टी मार्ग को पकड़ना होगा। जानकीचट्टी से यमुनोत्री के लिए 6 किमी का जोखिम भरा ट्रैक है। कई जगह खड़ी चढ़ाई है। खच्चर और पालकी की सुविधा है। बद्रीनाथ यमुनोत्री से बद्रीनाथ के लिए वापस धरासूबैंड आएंगे। 150 किमी दूर रुद्रप्रयाग जाएंगे। फिर जोशीमठ और वहां से बद्रीनाथ जाएंगे। असली परीक्षा जोशीमठ से 20 किमी दू...