भारत में हरित क्रांति का श्रेय किस वैज्ञानिक को जाता है

  1. हरित क्रांति क्या है और इसका इतिहास (Harit Kranti Kya Hai)
  2. [Solved] भारत में हरित क्रांति का श्रेय किसको जाता ह�
  3. हरित क्रांति, Green Revolution in India in Hindi
  4. Green Revolution
  5. हरित क्रांति (भारत)
  6. हरित क्रांति क्या है
  7. कौन थे हरित क्रान्ति के जनक?


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हरित क्रांति क्या है और इसका इतिहास (Harit Kranti Kya Hai)

क्याआपकोंपताहै हरितक्रांतिक्याहैऔरइसकामतलबक्याहोताहै? कृषिक्षेत्रसेजुड़ेलोगोंनेहरितक्रांति (Green Revolution) कानामजरूरसुनाहोगा. किसीभीक्षेत्रमेंबदलावकरनेसेउसीविकासमेंफर्क़जरूरपड़ताहैजैसेकिकृषिकेक्षेत्रमेंहुएशोधविकास, तकनीकिपरिवर्तनएवंअन्यकदमोंकीश्रृंखलासेपूरीदुनियामेंहरितक्रांतिकीशुरुआतहुई. यदिआपहरितक्रांति (Harit Kranti) केबारेमेंसमझनाचाहतेहैंऔरइसकेबारेमेंपूरीजानकारीप्राप्तकरनाचाहतेहैंतोइसलेखकोपूराजरूरपढ़े. हरितक्रांतिक्योंशुरूहुई ? हरितक्रांतिक्याहैपरिभाषा (Harit Kranti Kya Hai) हरितक्रांति (Green Revolution) विश्वभरमेंआधुनिकउपकरणोंऔरतकनीकोंकोशामिलकरकेकृषिउत्पादनबढ़ानेकीप्रक्रियाकाएकदौरकोकहाजाताहै. यानीहरितक्रांतिकासंबंधकृषिउत्पादनसेहै. विश्वभरमेंकृषिकेक्षेत्रमेंआधुनिकतरीकोंऔरतकनीकोंकाउपयोगपहलेनहींहोताथाजिसकेवज़हसेकृषिउत्पादनमेंवृद्धिनहींहोतीथी. पहलेकईदेशोंमेंखाद्यानकीअपर्याप्तताहोनाएकबहुतबड़ीसमस्याथीक्योंकिदेशमेंजनसंख्याबढ़तीजारहीथीलेकिनपरंपरागतकृषिसेउत्पादनकमहोतीथी. इनसभीदेशोंमेंभारतकीसमस्याभीकुछऐसाहीथा. इसलिएइनसभीचुनौतियोंकासामनाकरनेकेलिएयहजरूरीथाकिविश्वभरमेंकृषिकेक्षेत्रमेंआधुनिकतरीकोंऔरतकनीकोंकोअपनाकरकृषिउत्पादनमेंतेजीलायाजाएजैसेकिअधिकउपजदेनेवालेकिस्मकेबीज, सिंचाईकीसुविधा, ट्रैक्टर, कीटनाशकोंऔरउर्वरकोंकाउपयोगकरना. इन्हींसभीकोदेखतेहुए, खाद्यउत्पादनकीतुलनामेंतेजीसेबढ़तीजनसंख्यानेउपजबढ़ानेकेलिएकठोरऔरतत्कालकार्रवाईकीमांगहुईजोहरितक्रांति (Green Revolution) केरूपमेंआईऔरइसप्रकारविश्वभरमेंहरितक्रांतिकीशुरुआतहुई. क्रांतिकाल 1950 – 1960 केदशककेअंतमें विश्वमेंहरितक्रांतिकेजनक नॉर्मनबोरलॉग भारतमेंहरितक्रांतिकेजनक एम.एस. स्वामीनाथन उद्देश्य उच्चउपजवालीकिस्म (HYV) काउपयोग, सिंचा...

[Solved] भारत में हरित क्रांति का श्रेय किसको जाता ह�

व्याख्या: भारत में हरित क्रांति: • हरित क्रांति शब्द का उपयोग सर्वप्रथम विलियम गौड ने किया था और नॉर्मन बोरलॉग हरित क्रांति के जनक हैं। • स्वतंत्रता के बाद, भारतीय नीति निर्माताओं ने खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सभी उपायों को अपनाया। • वर्ष 1965 में, भारत सरकार ने एक आनुवंशिकीविद् एम. एस. स्वामीनाथन की मदद से हरित क्रांति की शुरुआत की, जिन्हें अब हरित क्रांति (भारत) का जनक कहा जाता है। • हरित क्रांति का आंदोलन एक बड़ी सफलता थी और इसने देश की स्थिति को खाद्य-कमी वाली अर्थव्यवस्था से दुनिया के अग्रणी कृषि देशों में से एक में बदल दिया। • यह 1967 में शुरू हुआ और 1978 तक चला। • भारत ने कृषि में एक नई रणनीति अपनाई, जिसके परिणामस्वरूप 'हरित क्रांति' हुई, खासकर गेहूँ और चावल के उत्पादन में। • भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी ने जुलाई 1968 में 'गेहूँ क्रांति' नामक एक विशेष डाक टिकट जारी करके आधिकारिक तौर पर कृषि में हरित क्रांति की प्रभावशाली प्रगति दर्ज की। • गेहूँ की सफलता को बाद में चावल में दोहराया गया। • इस प्रकार, हरित क्रांति की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए, जुलाई 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 'गेहूँ क्रांति' के नाम से एक डाक टिकट जारी किया गया था। पीली क्रांति: • पीली क्रांति का संबंध तिलहन उत्पादन से है। • इस क्रांति का अर्थफसल चक्र के एक भाग के रूप में सरसों की खेती है। • पीली क्रांति के जनक सैम पिट रोडा हैं। • इसे जन शक्ति क्रांति भी कहा जाता था। • इसे भारत में पहली बार 1986-87 मेंशुरू किया गया था। • इसका उद्देश्य चार प्रमुख तिलहनों- मूंगफली, सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी को लोकप्रिय बनाना था।

हरित क्रांति, Green Revolution in India in Hindi

भारत में हरित क्रांति (Green Revolution) 1960 के दशक में शुरू हुई थी, जिसके दौरान भारत में कृषि को आधुनिक औद्योगिक प्रणाली में बदल दिया गया था, जैसे कि उच्च उपज देने वाले किस्म के बीज, मशीनीकृत कृषि उपकरण, सिंचाई सुविधाओं, कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग। इन सबके परिणामस्वरूप देश के खाद्यान में वृद्धि हुई जिसे हरित क्रांति नाम दिया गया था। Table of Content • 1. भारत में हरित क्रांति | Green Revolution in India Hindi Mein • 2. हरित क्रांति शब्द • 3. भारत में हरित क्रांति के जनक (Father of Green Revolution in India) • 4. हरित क्रांति के घटक • 5. हरित क्रांति की हानियां (Negative Effects of Green Revolution) • 6. भारत में हरित क्रांति का प्रभाव • 7. भारत में हरित क्रांति के तहत योजनाएं • 8...

Green Revolution

Green Revolution एक कृषि सुधार था जिसने 1950 के दशक के अंत तक 1960 के बीच फसलों के उत्पादन को व्यापक रूप से बढ़ा दिया। इसमें फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कच्चे माल के साथ उच्च अंत तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है। इस तकनीक के आगमन ने वैश्विक कृषि को बदल दिया और भारत सहित विभिन्न विकासशील देशों को बड़े पैमाने पर अकाल से रोका। आश्चर्य है कि भारत में Green Revolution की शुरुआत किसने की? या Green Revolution की मुख्य विशेषताएं क्या हैं? फिर इस ब्लॉग पर पढ़ें और भारत के साथ-साथ दुनिया में Green Revolution के बारे में सब कुछ पता करें। क्या आप जानते हैं? “हरित क्रांति” शब्द को तीसरे विश्व के कई देशों में सफल कृषि प्रयोगों के लिए लागू किया जाता है। यह भारत के लिए विशिष्ट नहीं है। लेकिन यह भारत में सबसे सफल रहा। Check it : Green Revolution का इतिहास अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग को Green Revolution की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है। 1904 के दशक में मेक्सिको में अनुसंधान करते हुए, उन्होंने गेहूं की नई उच्च उपज वाली किस्मों को विकसित किया, जिसमें उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता थी। • जैसा कि मेक्सिको उच्च अंत यंत्रीकृत कृषि प्रौद्योगिकियों से लैस था, यह अधिशेष का उत्पादन करने में सक्षम था और इसलिए, 1960 के दशक तक गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक बन गया। • इन किस्मों के उपयोग से पहले, देश का लगभग आधा गेहूं आयात किया जा रहा था। • मेक्सिको में Green Revolution की सफलता को देखते हुए, 1950 और 1960 के दशक में त्वचा को दुनिया भर में लोकप्रियता मिली। • 1950 के दशक में Green Revolution प्रौद्योगिकियों को अपनाने के बाद, अमेरिका ने न केवल अपनी जरूरतों को पूर...

हरित क्रांति (भारत)

अनुक्रम • 1 हरित क्रांन्ति के चरण • 2 हरित क्रांन्ति की विशेषताएं • 3 हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव • 4 हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य • 5 वाह्य सूत्र हरित क्रांन्ति के चरण [ ] • प्रथम चरण (१९६६-६७ से १९८०-८१) • दूसरा चरण (१९८०-८१ से १९९६-९७) हरित क्रांन्ति की विशेषताएं [ ] • अधिक उपज देने वाली किस्में • सुधरे हुए बीज • • गहन क्रषि जिला कार्यक्रम • लघु सिंचाई • • • • • किसानों को बेंको की सुविधायं हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव [ ] • • • हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य [ ] • • • • • • • • वाह्य सूत्र [ ] • •

हरित क्रांति क्या है

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • हरित क्रांति (Green Revolution) से सम्बंधित जानकारी हरित क्रांति के बारे में जानने के लिए हमे काफी समय पहले जाना होगा | जब दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हो चुका था और विजय प्राप्त अमेरिकी सेना उस वक़्त जापान में थी साथ ही कृषि अनुसन्धान सेवा के एस सिसिल सैल्मन भी थे| जापान के हालात देखते हुए यह विचार होने लगा था कि जापान का पुनर्निर्माण कैसे किया जाये| सैल्मन का विचार कृषि उपज पर था, उन्हें नोरिन नामक गेहूं की एक ऐसी क़िस्म मिली जिसमे दाना काफी बड़ा होता था| सैल्मन ने इसके और बेहतर परिणाम के लिए इसे शोध हेतु अमरीका भेजा | 13 वर्ष तक के प्रयोगो के उपरांत वर्ष 1959 में गेन्स नाम की क़िस्म तैयार हुई | इसके बाद नॉरमन बोरलॉग ने इसका मैक्सिको की सबसे अच्छी क़िस्म के साथ संकरण कर एक नयी क़िस्म का निर्माण किया, जिसके उपरांत हरित क्रांति का आरम्भ हुआ | यदि आप भी जानना चाहते है कि हरित क्रांति क्या है, भारत में हरित क्रांति के जनक, Green Revolution Explained in Hindi तो इसके बारे में यहाँ पर जानकारी दी गई है| डाबर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भारत में हरित क्रांति के जनक (Father of Green Revolution in India) भारत में हरित क्रांन्ति का आरम्भ सन 1966-67 के मध्य हुआ | इस हरित क्रांति का पूरा श्रेय नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को समर्पित हैं। परन्तु भारत में हरित क्रांति का जनक एम. एस. स्वामीनाथन को कहा गया है। भारत के कृषि एवं खाद्य मन्त्री बाबू जगजीवन राम हरित क्रान्ति के रूप में जाने जाते है, उन्होंने एम॰एस॰ स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों पर हरित क्रांति का सफल संचालन किया, जिसका भविष्य में सन्तोषजनक प्रभाव भी ...

कौन थे हरित क्रान्ति के जनक?

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1940-60 के मध्य पूरा विश्व अजीब से अवसाद व तनाव से गुज़र रहा था। इस समय सबसे अधिक नुकसान से गुजरने वाले जापान का जीर्णोद्धार करने की सबसे अधिक ज़रूरत थी। बिखरे जापान को पुनः खड़ा करने के लिए गई अमरीकी सेना में एक कृषि वैज्ञानिक एस सिसिल सेलमेन थे जिन्होनें विकास के लिए कृषि में विकास करने को आधार बनाया। उन्होनें विभिन्न शोधों और तकनीकों का प्रयोग करके एक विशेष प्रकार की गेंहू की किस्म तैयार की जिसका दाना काफी बड़ा था। उन्होनें इस गेंहू को आगे शोध के लिए अमरीका भेजा जहां नॉर्मन ब्लॉग ने मैक्सिको की किस्म के साथ संकरीत करके एक नयी किस्म की खोज की। इसके परिणामस्वरूप पूरे विश्व में कृषि के उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि दिखाई दी। इस प्रकार कृषि क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व शोध विकास, तकनीकी परिवर्तन व संबन्धित चरणों को ‘हरित क्रान्ति’ का नाम दिया गया। इस लेख में आप जानेंगे: • हरित क्रान्ति क्या थी? • हरित क्रान्ति के जनक कौन थे? • नोरमेन बोरलेग • एम एस स्वामीनाथन हरित क्रान्ति क्या थी? • विश्व में हरित क्रान्ति के विचार को जन्म देने वाले व्यक्ति के रूप में मैक्सिको के नोरमेन बोरलेग को माना जाता है। लेकिन शाब्दिक रूप में हरित क्रान्ति शब्द का प्रयोग सबसे पहले संयुक्त राज्य आंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी के डायरेक्टर विलियम गौड़ ने किया था। उन्होनें कृषि क्षेत्र में होने वाले अभूतपूर्व और क्रांतिकारी परिवर्तनों को एक क्रान्ति का नाम दिया और कृषि क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण इसे हरित क्रान्ति का नाम दे दिया। • द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात भुखमरी से परेशान विभिन्न देशों में अत्यधिक उत्पादन क्षमता वाले प्रोसेस्ड बीजों का उपयोग, कृषि के लिए आधुनिकतम उपकरणों का प्रयोग,...