चैत्र नवरात्रि 2023

  1. Chaitra Navratri 2023 Date Calendar When Is Navratri 2023 Ghatasthapana Date Time Muhurat
  2. Chaitra Navratri 2023 कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि जानिए घटस्थापना मुहूर्त और तिथियां
  3. chaitra navratri 2023 date kab hai chaitra navratri kalash sthapana shubh muhurat vidhi mahatva in hindi swt
  4. Gupt Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, यहां है पूरी जानकारी
  5. Gupt Navratri 2023 Upay Tips remedies This is how to please Goddess Lakshmi for wealth and money
  6. Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि कब से शुरू, जानें घट स्थापना तिथि मुहूर्त व पूजा विधि, Chaitra Navratri 2023 Date, puja vidhi, shubh muhurat and auspicious time for Ghatasthapana.
  7. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च 2023 ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो
  8. चैत्र नवरात्रि 2023


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Chaitra Navratri 2023 Date Calendar When Is Navratri 2023 Ghatasthapana Date Time Muhurat

Chaitra Navratri 2023 Date: चैत्र नवरात्रि कब से शुरू, किस डेट को है मां दुर्गा का पहला दरबार, 9 दिन की पूजा की यहां देखें पूरी लिस्ट Chaitra Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. जानते हैं साल 2023 में चैत्र नवरात्रि कब से आरंभ होगी और घटस्थापना का मुहूर्त. Chaitra Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष. चैत्र और अश्विन माह में आने वाली नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना होती है वहीं आषाढ़ और माघ की गुप्त नवरात्रि में मां अंबे की 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है. हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है.इस दिन गुड़ी पड़वा और चेती चांद का त्योहार मनाया जाता है. नवरात्रि में देवी के भक्त घटस्थापना करते हैं, नौ दिनों तक व्रत रखकर शक्ति साधना की जाती है. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि 2023 कब से? (Chaitra Navratri 2023 Date) पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है. चैत्र नवरात्रि के के पहले दिन घरों शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करते हैं. नौ दिन तक नौ देवी की विधि विधान से आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू हो रही है. नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को है. 31 मार्च 2023 को दशमी के दिन व्रत का पारण किया जाएगा. चैत्र नवरात्रि 2023 मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Ghatsthapana muhurat) चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 52 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन 22 मार्च 2023 को रात 8 बजकर 20 मिनट पर इसक...

Chaitra Navratri 2023 कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि जानिए घटस्थापना मुहूर्त और तिथियां

Chaitra Navratri 2023: कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि? जानिए घटस्थापना मुहूर्त और तिथियां Chaitra Navratri 2023 नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। चैत्र नवरात्रि जल्द ही आरंभ होने वाली है। इस नौ दिनों में भक्तगण अखंड ज्योति के साथ कलश स्थापना करते हैं। जानिए मुहूर्त और कैलेंडर नई दिल्ली, Chaitra Navratri 2023 Start Date: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जिसमें से दो चैत्र और शारदीय नवरात्रि है और दो गुप्त नवरात्रि पड़ती है। नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा से करने के साथ व्रत रखने का विधान है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के दिनों में कई भक्त नौ दिनों तक अखंड ज्योति भी जलाने के साथ कलश स्थापना करते हैं। माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान पूजा करने और व्रत रखने से मां दुर्गा हर कष्ट को हर लेती हैं और सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। जानिए चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त सहित सभी तिथियां। चैत्र नवरात्रि 2023 तिथि और मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ आरंभ होते हैं। इस साल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका समापन 22 मार्च को शाम 8 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है। इस कारण 21 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं, जो 30 मार्च को रामनवमी तिथि के साथ समाप्त होंगे। चैत्र नवरात्रि 2023 कैलेंडर 22 मार्च 2023, बुधवार- मां शैलपुत्री की पूजा, घटस्थापना 23 मार्च 2023, गुरुवार- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 24 मार्च 2023, शुक्रवार- मां चंद्रघंटा की पूजा 25 मार्च 2023, शनिवार- मां कूष्मांडा...

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Chaitra Navratri 2023 Date: कब है चैत्र नवरात्रि, 21 या 22 मार्च? जानें शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना विधि और महत्व हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस बार चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है. चैत्र नवरात्रि 2023, 21 मार्च या 22 मार्च, आइए जानते हैं कब है चैत्र नवरात्रि, शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना कब है. कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, और महत्व. Chaitra Navratri 2023 Date: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. हमारे देश में साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इनमें दो महत्वपूर्ण है ,जिसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि शामिल है. इस बार चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है. चैत्र नवरात्रि 2023, 21 मार्च या 22 मार्च से आरंभ हो रही है. आइए जानते हैं कब है चैत्र नवरात्रि, शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना कब है. कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, और महत्व. हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है. शारदीय नवरात्रि के बाद चैत्र नवरात्रि का त्योहार सनातन धर्म में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार लोग चैत्र नवरात्रि की तारीख को लेकर उलझे हुए हैं. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार चैत्र नवरात्रि 2023 में 22 मार्च से आरंभ हो रही है, और समापन 30 मार्च 2023 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि, पूरे 9 दिन मां देवी को समर्पित है. साल 2023 में चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च से हो रही है और 30 मार्च तक है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार नवरात्रि का पहला दिन बेहद खास होता है. घटस्थापना यानी कलश का खास महत्व होता है. अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 दिन बुधवार से सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शुरू है और उसी दिन सुबह 7 बजकर 32 तक है. हि...

Gupt Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, यहां है पूरी जानकारी

नई दिल्ली : Gupt Navratri 2023: पूरे साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है. पहली, चैत्र माह में होने वाली वसंत नवरात्रि से शुरु होती है और दूसरी गुप्त नवरात्रि जो आषाढ़ माह में मनाई जाती है. तीसरी, जो अश्विनी मास का वसंती नवरात्रि है और चौथी माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. यानी कि दो वसंत और दो गुप्त नवरात्रि मनाने की खास परंपरा है. वहीं आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. इस नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता है. तंत्र-मत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत खास मानी जाती है. अब ऐसे में इस साल दिनांक 18 जून को सुबह 11:05 मिनट से आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है और इसकी समाप्ति अगले दिन दिनांक 19 जून को 11:13 मिनट पर हो रही है. इसलिए उदया तिथि के आधार पर दिनांक 19 जून को नवरात्रि मनाई जाएगी. ये भी पढ़ें - जानें कैसे अलग है ये नवरात्रि दिनांक 19 जून को घर में कलश रखकर नौ दिन तक मां दुर्गा का पाठ करें. इससे घर में सुख-शांति का माहौल रहेगा और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होगी. इसके साथही गुप्त नवरात्रि इसलिए भी आलग है, क्योंकि इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों के साथ-साथ 10 महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की खास पूजा की जाती है. 9 दिन में मां के नौ स्वरूपों की होती है पूजा आषाढ़ माह के गु्प्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा माता, पांचवें दिन मां स्...

Gupt Navratri 2023 Upay Tips remedies This is how to please Goddess Lakshmi for wealth and money

Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि के दौरान मां जगत जननी जगदंबा के नौ रूपों की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. बता दें कि 19 जून से 28 जून तक के इस शुभ काल में आप कुछ खास उपाय कर सकते हैं. जिससे कई समस्याओं का समाधान होगा और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी... https://zeenews.india.com/hindi/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/chhattisgarh/photo-gallery-gupt-navratri-2023-upay-tips-remedies-this-is-how-to-please-goddess-lakshmi-for-wealth-and-money/1737885

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि कब से शुरू, जानें घट स्थापना तिथि मुहूर्त व पूजा विधि, Chaitra Navratri 2023 Date, puja vidhi, shubh muhurat and auspicious time for Ghatasthapana.

घटस्थापना की पूजा विधि घट स्थापना के लिए चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मिट्टी का कलश लें और उसे शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित कर दें, घट स्थापना से पहले थोड़े से चावल डालें इसके बाद कलश इसके ऊपर रखें और कलश के ऊपर एक लाल चुनरी से नारियल बांधकर रख दें. ध्यान रखें की एक रुपए का सिक्का जल में जरूर डाले, साथ ही कलश पर कलावा जरुर बांधे. कलश पर स्वास्तिक जरुर बनाएं, इस बात का ख्याल रखें की आप जहां कलश की स्थापना कर रहें हैं वह जगह साफ हो, साथ ही ध्यान रखें की पूजा स्थल के ऊपर कोई भी अलमारी या सामान न हो. Chaitra Navratri 2023 Calendar: चैत्र नवरात्रि 2023 कैलेंडर • 22 मार्च 2023- प्रतिपदा, मां शैलपुत्री पूजा • 23 मार्च 2023- द्वितीया, मां ब्रह्मचारिणी पूजा • 24 मार्च 2023- तृतीया, मां चंद्रघंटा पूजा • 25 मार्च 2023- चतुर्थी, मां कुष्मांडा पूजा • 26 मार्च 2023- पंचमी, मां स्कंदमाता पूजा • 27 मार्च 2023- षष्ठी, मां कात्यायनी पूजा • 28 मार्च 2023- सप्तमी, मां कालरात्रि पूजा • 29 मार्च 2023- अष्टमी, मां महागौरी पूजा • 30 मार्च 2023- नवमी, मां सिद्धिदात्री पूजा Chaitra Navratri Ghat Sthapana Muhurat: चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के पर्व की शुरूआत 22 मार्च 2023, मंगलवार से हो रही हैं जो कि 30 मार्च 2023 को समाप्त होगा. आखिरी दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 को सुबह 6 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर सुबह 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त के दौरान भक्तजन माता की पूजा-अर्चना करेंगे और कलश स्थापना करेंगे. वहीं प्रतिपदा तिथि 21 मार्च, 2023 को 10:52 पी एम से प्रारंभ होगी और 22 मार्च 22, 2023 को 08:20 ...

चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च 2023 ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो

News & Update ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे ‘ ‘इदं विष्णुर्विचक्रमे त्रेधा निदधेपदम्। समूढ़मस्यपा सुरे स्वाहा’’ जय श्री कृष्णा Om Asttro / ॐ एस्ट्रो आपका हार्दिक स्वागत करता है , आपको हमारी पोस्ट पर प्रतिदिन धर्म , ज्योतिष , वेद , पुराण , शास्त्र , वास्तु , कुंडली एवं त्योहार से जुड़ी जानकारियां मिलती रहेगी । /i> Contents • 1 चैत्र नवरात्रि की तिथियाँ ...

चैत्र नवरात्रि 2023

चैत्र नवरात्री के दिन घट स्थापना – मुहूर्त एवं पूजन विधि चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन – बुधवार 22 मार्च 2023 चैत्र नवरात्रि सभी चारों नवरात्रों में विशेष महत्व रखता है। आमतौर पर साल में चार चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ नवरात्र माने गए हैं। जिसमें चैत्र नवरात्रि को विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि भारतीय नववर्ष चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से ही प्रारंभ होती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि बुधवार, 22 मार्च 2023 से लेकर गुरुवार, 30 मार्च 2023 तक रहेगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है। चैत्र नवरात्रि महत्व माता शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रुप हैं। हिन्दू शास्त्रों में किसी भी पूजन से पूर्व, भगवान गणेशजी की आराधना का प्रावधान बताया गया है। माता जी की पूजा में कलश से संबन्धित एक मान्यता है के अनुसार कलश को भगवान श्री गणेश का प्रतिरुप माना गया है। इसलिये सबसे पहले कलश का पूजन किया जाता है। कलश स्थापना करने से पहले पूजा स्थान को गंगा जल से शुद्ध किया जाना चाहिए। पूजा में सभी देवताओं आमंत्रित किया जाता है। कलश में सात प्रकार की मिट्टी, सुपारी, मुद्रा रखी जाती है। और पांच प्रकार के पत्तों से कलश को सजाया जाता है। इस कलश के नीचे सात प्रकार के अनाज और जौ बौये जाते है। जिन्हें दशमी की तिथि पर काटा जाता है। माता दुर्गा की प्रतिमा पूजा स्थल के मध्य में स्थापित की जाती है। कलश स्थापना के बाद, गणेश भगवान और माता दुर्गा जी की आरती से, नौ दिनों का व्रत प्रारंभ किया जाता है। कई व्यक्ति पूरे नौ दिन तो यह व्रत नहीं रख पाते हैं किन्त...