Dasvi panchvarshiya yojana

  1. पंचवर्षीय योजना प्रश्न उत्तर
  2. पंचवार्षिक योजनांचा अभ्यास
  3. द्वितीय पंचवर्षीय योजना
  4. Hindi Mind
  5. उत्तर प्रदेश में 10वीं पंचवर्षीय योजना का मध्यावधि मूल्यांकन


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पंचवर्षीय योजना प्रश्न उत्तर

Name: पंचवर्षीय योजना प्रश्न उत्तर – Economy Quiz in Hindi Subject: Economy ( General Study ) Topic: पंचवर्षीय योजना Questions: 16 Objective Type Questions Time Allowed: 10 Minutes Language: Hindi Answer & Solution: Available after finish of test in a “View Answer” button. Important for: State Police, Intelligence bureau, SSC ( CGL, CHSL, GD etc), State PCS, UPSC, Railway, TGT / PGT, BA, MA, B Com, M Com, MBA, BBA, TGT / PGT, B ed entrance exam, समूह ग आदि |

पंचवार्षिक योजनांचा अभ्यास

भारतातील नियोजन आर्थिक नियोजनाचा मार्ग स्वीकारत सर्वप्रथम रशियात १९२७ ला नियोजनास सुरुवात झाली. भारत गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी यांनी ग्रासलेला होता. रशियातील आर्थिक नियोजनाचे महत्त्व जाणून पंडीत जवाहरलाल नेहरु यांच्या अध्यक्षतेखाली सन १९३८ साली कॉंग्रेसच्या हरिपूर अधिवेशनात नियोजन समितीची स्थापन करण्यात आली. स्वातंत्र्यानंतर पंडित नेहरूंच्या अध्यक्षतेखाली १५ मार्च १९५० रोजी नियोजन आयोगाची स्थापना करण्यात आली. तर २८ मार्च १९५० ला आयोगाची पहिली बैठक पार पडली. आर्थिक नियोजनाची आवश्यकता- विकासाच्या संधीचे असमान वाटप, उत्पन्नातील व संपत्तीतील विषमता, व्यापार चक्रीय चढ उतार आर्थिक अस्थिरता यांसारखे अनेक दोष अनियोजित अर्थव्यस्थेत आढळतात. हे सर्व दोष दूर करण्यासाठी आर्थिक नियोजनाची गरज भासते. आर्थिक नियोजनाची उद्देष्ट्ये- १) समाजातील सर्व व्यक्तींना विकासाची समान संधी मिळवून देणे. २) वैयक्तिक आणि सामाजिक विकास घडवून आणणे. ३) शक्य तितक्या अल्पावधीत शक्य तितक्या जलद आर्थिक विकास घडवून आणणे. हे आर्थिक नियोजनात अभिप्रेत आहे. १९३० ते १९५१ या काळात विविध तज्ञांनी सुचवलेल्या काही योजनांचा पंचवार्षिक योजनांवर प्रभाव पडला आहे. १) विश्वेश्वरय्या योजना (Vishveshwarya Plan) – ‘Planned Economy for India’ हे पुस्तक एम. विश्वेश्वरैय्या यांनी १९३४ मध्ये पसिध्द केला. १९३४ मध्ये प्रकाशित त्यांच्या योजनेत त्यांनी औद्योगीकरणावर भर दिल्याने कृषी व्यवस्थेवर अवलंबून असणाऱ्यांची संख्या कमी होईल अशी संकल्पना मांडली. ‘नियोजन करा अथवा नष्ट व्हा’ या शब्दात त्यांनी नियोजनाचे महत्त्व सांगितले. २) FICCI योजना (FICCI Plan) – एन. आर. सरकार अध्यक्ष असलेल्या भांडवलदारांच्या FICCI ( ३) कॉंग्रेस योजना (Congress Pla...

द्वितीय पंचवर्षीय योजना

विवरण यह कार्यकाल वर्ष अध्यक्ष उपाध्यक्ष वी.टी. कृष्णामाचारी योजना आकार 4800 करोड़ विकास लक्ष्य 4.5 फ़ीसदी वास्तविक 4.27 फ़ीसदी अन्य जानकारी इस योजना के लिए भारी तथा मूल उद्योगों पर विशेष बल दिया गया। द्वितीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल विशेष बिंदु • विशेष रूप से भारी उद्योग, जो मुख्य रूप से कृषि पर ध्यान केंद्रित के विपरीत था, औद्योगिक उत्पादों के घरेलू उत्पादन को द्वितीय योजना में प्रोत्साहित किया गया था। • सार्वजनिक क्षेत्र के विकास में 1953 में भारतीय सांख्यिकीविद् प्रशांत चन्द्र महलानोबिस द्वारा विकसित मॉडल का पालन किया। • योजना के उत्पादक क्षेत्रों के बीच निवेश के इष्टतम आबंटन निर्धारित क्रम में करने के लिए लंबे समय से चलाने के आर्थिक विकास को अधिकतम करने का प्रयास किया। यह आपरेशन अनुसंधान और अनुकूलन के कला तकनीकों के प्रचलित राज्य के रूप में के रूप में अच्छी तरह से भारतीय सांख्यिकी संस्थान में विकसित सांख्यिकीय मॉडल के उपन्यास अनुप्रयोगों का इस्तेमाल किया • योजना एक बंद अर्थव्यवस्था है, जिसमें मुख्य व्यापारिक गतिविधि आयात पूंजीगत वस्तुओं पर केंद्रित होगा। • भारत में दूसरी पंचवर्षीय योजना के तहत आवंटित कुल राशि 4800 करोड़ रुपए थी। यह राशि विभिन्न क्षेत्रों के बीच आवंटित किया गया था। सभी पंचवर्षीय योजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन

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उत्तर प्रदेश में 10वीं पंचवर्षीय योजना का मध्यावधि मूल्यांकन

राज्य योजना के अधीन नवीं योजना मँ कुल खर्च लगभग 91 प्रतिशत था। 2002-03 में यह बढ़कर 99 प्रतिशत हो गया। विशेष अवयव योजना मेँ नवीं योजना मँ केवल 5 प्रतिशत ही खर्च किया जा सका वर्ष 2002-03 एवं 2003-04 में यह 21.49 एवं 46 प्रतिशत था। जबकि विशेष अवयव योजना का राज्य योजना में हिस्सा नवीं योजना के 19 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2002-03 में 24 प्रतिशत हो गया जो 2003-04 में 21 प्रतिशत पर ही स्थिर रहा। जबकि अनुपातिक खर्च का प्रतिशत লত্রী योजना के 12 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2002-03 में 10 प्रतिशत हो गया। अनुसूचित जाति के संदर्भ में विशेष अवयव योजना का राज्य योजना में हिस्सा खर्च नवीं योजना के 62 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2002-03 में मात्र 6 प्रतिशत रह गया एवं 44 प्रतिशत वर्ष 2003-04 में हो गया। यद्यपि राज्य योजना परिव्यय में हिस्सेदारी 4 से 7 प्रतिशत रही है। विशेष केन्द्रीय सहायता योजना के अर्न्तगत संतोष्जनक प्रदर्शन रहा है | प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में क्रमशः 132 प्रतिशत एवं 94 प्रतिशत खर्च किया जा सका है। महिलाओं के बेहतरी के लिए कुछ सुधार के उपाय आवश्यक है। वरीयता के आधार पर महिलाओं के लिए योजना निर्माण महित्रा सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कल्याण की तुलना में सशक्तीकरण अधिक अनुनादी होता है। विशेषकर सहभागिता की दृष्टि से अतः इस नीति पर बल दिया जाना चाहिए | सामान्य विकास की बात हो या महिला केन्द्रित विकास की शिक्षा एवं स्वास्थ्य की नीतिगत पहल के लिए दसवीं योजना में बल देना एक सही कदम है। ये दोनों वंचित एवं सुदूर देहात के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। इसके लिए प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है बिना फल की अपेक्षा के। दूसरे शब्दों में प्रयास एवं प्रशिक्षण को इस तरह तैयार किया जाना ...