गौ माता के दोहे

  1. Cows In Astrology
  2. गौ माता
  3. Gopashtami 2022 puja vidhi know why mother cow is worshiped on this day
  4. गौ सेवा से पाएं जीवन सुख का मेवा । गौ सेवा के लाभ
  5. गौ माता के 108 नाम
  6. गौ माता शायरी – Gau Mata Shayari in Hindi – गाय पर शायरी – Slogan on Mother Cow with Images – Hindi Jaankaari
  7. जय धरती माँ जय गौ माता भजन लिरिक्स
  8. Gau Mata Shayari
  9. जानें क्यों किया जाता है गौ दान और क्या है इसका धार्मिक महत्व


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Cows In Astrology

3 मई को अक्षय तृतीया का पर्व है। इस त्योहार पर भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा के साथ ही आपको गौ माता की सेवा भी करनी चाहिए। इस सेवा का सबसे प्रमुख भाग है गाय को भोजन कराना। वैसे तो शास्त्रों में गाय को खिलाने के लिए कई सामग्रियों का वर्णन मिलता है। मगर अक्षय तृतीया के दिन यदि आप गाय को हरी सब्जियां या हरी घास खिलाते हैं, तो यह बहुत ही शुभ माना गया है। इसे जरूर पढ़ें- इस विषय में हमारी बात भोपाल के पंडित एंव ज्योतिषाचार्य विनोद सोनी जी से हुई। विनोद जी कहते हैं, 'गाय में वैसे तो सारे देवी-देवता वास करते हैं। मगर गाय बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। ज्योतिष शास्त्रों में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्क क्षमता और मानसिक योग्यता का ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन यदि गौ सेवा की जाए तो उसके निश्चित रूप अच्छे फल प्राप्त होते हैं। बुध ग्रह का रंग हरा होता है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन आपको गाय को हरे रंग की सब्जी जैसे पालक, मूली के पत्ते, हरा साग आदि खिलाना चाहिए। कुछ न मिले तो आप हरा चारा यानि ताजी हरी घास ही गाय के आगे डाल दें। ऐसा करने पर गौ माता के आशीर्वाद से आपको बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।' गाय को हरा चारा खिलाने से क्या लाभ होता है- • गाय को हरा चारा खिलाने से कमजोर बुध ग्रह मजबूत होता है और ऐसा होने से आर्थिक तंगी दूर होती है, धन लाभ ( • बुध ग्रह व्यापार पर भी प्रभाव डालता है। यदि बुध मजबूत है तो आपको दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की होती है, वहीं बुध कमजोर है तो व्यापार में केवल घाटा होता है। गाय को हरा चारा या सब्जी खिलाने से आपको व्यापार में भी बहुत लाभ मिलता है। • हरा रंग हरियाली का प्रतीक है और हरियाली सकारात्मकता...

गौ माता

भारतीय राजनीति वर्तमान परिस्थितिओं में हिंदुत्व के ध्रुवीयकरण के बिषम कोणों के तदानुपात में परवर्तित व स्पष्टता की ओर अग्रसर हैं। भाषा के शैब्दिक क्रमो में चेतन होने का अर्थ शायद भारतीय समाज यथार्थ देश की भौतिक परिस्थितियों में सजीवता को ढूढ़ने लगता है, परन्तु यथार्थ परिस्तिथियाँ हमारे समाज व मूल्यों के लिए आदर्शता का अनुभव नही करा पा रहीं हैं। सामान्य भाषा में कहुँ तो गौ शब्द जब कभी अख़बारों, न्यूज़-चैनलों, सोशल-मीडिआ इत्यादी माध्यमों से जनसामान्य के समक्ष प्रस्तुत होता है, तब प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति अपने-अपने विचारित संस्कारित गुणों के अनुसार अपनी -अपनी प्रतिक्रिया देने लगता है। हम यहाँ पर इस्लामिक, वामपंथी, क्रिसियन व अधार्मिक विचारों की बात ना कर उन चेतन भ्रांन्तिक सनातन हिंन्दुओ की चर्चा करेंगे, जो मुख्यता गौवंश के पतन के लिए मुख्यता जिम्मेदार हैं। आप सोच रहें होंगे ये तो सरा-सर गलत बात है, हिंन्दु कैसे गौवंश के पतन का जिम्मेदार है? एक उदाहरण व प्रश्न दोनों ही एक साथ आप से पूछता हूँ, भारतीय सभ्यता में गौ को देवी व माता की उपाधी प्रदान की गयी है, आपको आभास भी है, माँ व देवी शब्दों से जुड़ी भावना कितनी पवित्र, चरित्रवान, सम्माननीय व पुज्य्नीय है? अब आप अपने मस्तिष्क्य के वैचारिक भाव में जा कर देखिये, प्रायः सरकारी तंत्रो की अनदेखी व कोई सशक्त नीतिज्ञ दृश्टिकोण ना होने के कारण, तथाकथित स्वतंत्रता (जो की ब्रिटिश-यूरोप का भारतीय ब्रिटिश-इंडिया के रूप में शक्ति, बाहूबल्य का स्थांनांतरण था) के उपरांत से ही कोई भी अध्याय गौशाला योजनाओं व देशी प्रजातियों को पुनः स्थापित व उनका नैतिक उत्थान की व्यवस्था किसी भी सरकार द्धारा अंगीगत नहीं किया गया। सरकारी राजनीतिक विश्लेषण यहाँ हमार...

Gopashtami 2022 puja vidhi know why mother cow is worshiped on this day

Gopashtami 2022: गोपाष्टमी का त्योहार आज, जानें क्यों की जाती है इस दिन गौ माता की पूजा Gopashtami 2022: भारत में गाय माता के समान है. यहां माना जाता है कि सभी देवी, देवता गौ माता के अंदर समाहित रहते है. तो उनकी पूजा करने से सभी का फल मिलता है. गोपाष्टमी पर्व एवं उपवास इस दिन भगवान कृष्ण एवं गौ माता की पूजा की जाती हैं. हिन्दू धर्म में गाय का स्थान माता के तुल्य माना जाता है, पुराणों ने भी इस बात की पुष्टि की है. नई दिल्ली. आज गोपाष्टमी है और देशभर में गौ माता की सेवा पूजा की जा रही है. शहरी क्षेत्रों की बात करें तो गोशालाओं में गाय का पूजन व सेवा की जा रही है तो ग्रामीण अंचल में किसान गोधन की साज-सज्जा करके विशेष आराधना करते है. मान्यता है कि हिन्दू संस्कृति में गाय का विशेष महत्व होता है और उन्हीं को समर्पित हैं ये गोपाष्टमी पर्व. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार दिवाली के ठीक बाद आने वाली कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी. कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन मां यशोदा ने भगवान कृष्ण को गौ चराने के लिए जंगल भेजा था. इस दिन गो, ग्वाल और भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का महत्व है. हिन्दू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है. गोपाष्टमी पूजा विधि - इस दिन गाय की पूजा की जाती हैं. सुबह जल्दी उठकर स्नान करके गाय के चरण स्पर्श किये जाते हैं. - गोपाष्टमी की पूजा पूरे रीति रिवाज से पंडित जी के द्वारा कराई जाती है. - सुबह ही गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार किया जाता है. उसका श्रृंगार किया जाता हैं, पैरों में घुंघरू बांधे जाते हैं,अन्य आभूषण पहनायें जाते हैं. - गाय माता की परिक्रमा ...

गौ सेवा से पाएं जीवन सुख का मेवा । गौ सेवा के लाभ

हिंदू धर्म ग्रंथों में गौ को माता का दर्जा दिया गया है । इसकी सेवा से जीवन में सुख समृद्धि मिलती है गाय के प्रति आस्था को समझने की आवश्यकता नहीं है । क्योंकि हिंदू धर्म में गौ सेवा को कर्तव्य माना गया है । पशु रूप में गाय सृष्टि मातृका कही जाती है । वेद और पुराणों में गौ को लेकर कई अच्छी बातें बताई गई हैं । पाप मुक्ति से लेकर सुखी जीवन के लिए गौ सेवा करने की बात कही गई है । गाय के शरीर में सभी देवी देवताओं का वास माना गया है । कोई भी धार्मिक कार्य ऐसा नहीं है, जिसमें गौ की मौजूदगी या उनसे जुड़ी सामग्री की आवश्यकता न हो महर्षि वशिष्ठ का कामधेनु के लिए प्राणों की बाजी लगाना, महर्षि च्यवन का अपने शरीर के बदले नहुष का चक्रवर्ती राज्य ठुकरा कर एक गाय का मूल्य निश्चित करना, जैसे प्रसंग यही दर्शाते हैं कि गाय से बढ़कर उपकार करने वाली और वस्तु संसार में नहीं है । यह माता के समान मानव जाति का उपकार करने वाली, दीर्घायु और निरोगता प्रदान करने वाली है । इसलिए शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है । गौ सेवा का महत्व वेदों में कहा गया है- ‘माता रुद्राणां, दुहिता वसूनां । स्वसा आदित्यानं नाभिः ॥’ अर्थात गाय रुद्रों की माता है । वसुओं की पुत्री है । सूर्य की बहन है और घी अमृत का केंद्र है । मार्कंडेय पुराण में कहां गया है कि विश्व का कल्याण गाय पर आधारित है । गाय की पीठ ऋग्वेद, धड़ यजुर्वेद, मुख सामवेद, ग्रीवा इष्टापूर्ति सत्कर्म, रोम साधु युक्त है । गोबर एवं गोमूत्र में शांति और पुष्टि है । कहते हैं कि जिस घर में नियमित गौ सेवा होती हो, उस घर से सभी प्रकार की बाधाओं और विघ्नों का स्वता: निवारण हो जाता है । अग्नि पुराण में भी गाय को पवित्र और मांगलिक माना गया है । गौ सेवा के लाभ व...

गौ माता के 108 नाम

गौ माता के 108 नाम के लाभ • गौ माता के 108 नाम जपने से 33 करोड़ देवी देवताओ का आशीर्वाद प्राप्त होता है • गौ माता के पैरो छूने से चारो धाम का फल प्राप्त होता है • गाय में 33 करोड़ देवी देवता का वास होता है • गौ माता की पूजा करने से व्यक्ति के कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष हो तो वो खत्म हो जाता है • गौ माता के 108 नाम जपने से लाभ ही लाभ होता है यह भी जरूर पढ़े:- • FAQ’S • गौ दान कैसे करना चाहिए? गौ दान करना हो तो वृद्ध गाय का दान नहीं करना चाहिए गाय का साथ बछड़ा हो तो जयादा अच्छा है गाय का दान ब्राह्मण को करना चाहिए ब्राह्मण को गाय के दान के साथ कोई सोने का आभूषण अवश्य देना चाहिए • गोपाष्टमी का पर्व कब है 2023 में? गोपाष्टमी का पर्व 20 नवंबर 2023 को है गौ माता के 108 नाम PDF

गौ माता शायरी – Gau Mata Shayari in Hindi – गाय पर शायरी – Slogan on Mother Cow with Images – Hindi Jaankaari

जैसा की हम सब जानते ही है की भारत में गाय का बहुत महत्व है| यह सिर्फ एक जीव ही नहीं देवी माँ की सवारी भी है| हिन्दू धर्म में गाय की पूजा की जाती है और उन्हें गाय माता के नाम से पुकारा जाता है| परन्तु गाय माता की पूजा करने वाले कुछ लोग उनके साथ बहुत अत्याचार करते है| यह लोग कुछ चंद पैसो के लिए इन्हे बुच्चाड्खानो में बेच देते है| गाय माता का संरक्षण करना हम सभ हिन्दुओ का धर्म है| आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए गया माता पर हिंदी शायरी, गाय के लिए शायरी, गया संरक्षण पर हिंदी शायरी, गाय माता पूजा शायरी, आदि की जानकारी देंगे | गौ माता पर शायरी तो आइए अब हम आपको गौ रक्षा शायरी, गौ माता status, गौ माता की शायरी, गौ माता श्लोक, गौ माता के नारे, गौ रक्षा पर कविता, आदि से सम्भंदित जानकारी देते है| गायों की सेवा करो, रोज नवाओ शीश । खुश होकर देंगी तुम्हें, वे लाखों आशीष ।। बछड़े उनके जोतते, खेत और खलियान । जिनसे पैदा हो रहे, रोटी-सब्जी-धान ।। Gau Mata Shayari घास-फूस खाकर करें, दूध, दही की रेज । इसी वजह से सज रही,मिष्ठानों की सेज ।। गोबर करता है यहाँ, ईधन का भी काम । गो सेवा जिसने करी, हो गये चारो धाम ।। गौ माता की शायरी गो माता करतीं सदा, भव सागर से पार । इनकी तुम सेवा करो, जीवन देंगी तार ।। गोबर से बढ़िया नही, खाद दूसरी कोय । डालोगे गर यूरिया, लाख बीमारी होय ।। Gau Mata Ki Shayari गो पालीं तब ही बने, कान्हा जी गोपाल । दूध-दही से वे करें, सब को मालामाल ।। गायों की सेवा करो, और बचाओ जान । कान्हा आगे आयेंगे,सुख की छतरी तान ।। Shayari On Mother Cow In Hindi Font बची नहीं गायें अगर, ऐसा होगा हाल । तरसेंगे फिर दूध को,इस माटी के लाल ।। जब भी हो अंतिम समय,करिये गैया दान । हमको यह समझा रहे, अपन...

जय धरती माँ जय गौ माता भजन लिरिक्स

~ जय धरती माँ जय गौ माता ~ जय धरती माँ , जय गौ माता , गूंज रहा है मंत्र महान् । सुखद सुमंगल विश्व कामना , जीव मात्र का हो कल्याण । जय धरती माँ , जय गौ माता । गौ की सेवा स्वयं प्रभु भी , करके कहलाये गोपाल । हल को धारे चले तपस्वी , युग – युग से धरती के लाल । माँ सृष्टि से पावन नाता , आनन्दित करते रसपान । सुखद सुमंगल विश्वकामना , जीव मात्र का हो कल्याण । जय धरती माँ , जय गौ माता ॥ गोमय धरती ही देती है , अमृत युक्त फसलें भरपूर । पंचगव्य की महिमा अनुपम , रोग प्रदूषण होते दूर । परम सात्त्विक ऊर्जा शक्ति , अविरत देता गो विज्ञान । सुखद सुमंगल विश्वकामना , जीव मात्र का हो कल्याण । जय धरती माँ , जय गौ माता ॥ गौ आधारित विकास रचना , गाँव – गाँव में विकसायें । लघु उद्योग कृषि जैविक से , हर्षित जीवन सरसायें । भारत फिर से प्राप्त करेगा , गौरवमय उन्नत स्थान । सुखद सुमंगल विश्वकामना , जीव मात्र का हो कल्याण । जय धरती माँ , जय गौ माता ॥ गौ संरक्षण गौ संवर्द्धन , है अनूप कर्त्तव्य पुनीत । अभय धाम हो अभय ग्राम हो , सभी के मन में गौ की प्रीत ॥ कोटि – कोटि जीवन व्रत धारे , पूर्ण सफल हो शुभ अभियान । सुखद सुमंगल विश्वकामना , जीव मात्र का हो कल्याण । जय धरती माँ , जय गौ माता ॥ जरूर पढ़ें :- जरूर पढ़ें :- jay dharatee maan , jay gau maata , goonj raha hai mantr mahaan . sukhad sumangal vishv kaamana , jeev maatr ka ho kalyaan . jay dharatee maan , jay gau maata . gau kee seva svayan prabhu bhee , karake kahalaaye gopaal . hal ko dhaare chale tapasvee , yug – yug se dharatee ke laal . maan srshti se paavan naata , aanandit karate rasapaan . sukhad sumangal vishvakaamana , jeev maatr ka ho kalyaan . ...

Gau Mata Shayari

हिन्दू धर्म में गौ माता में देवी और देवताओ का वास होता हैं इसलिए गाय को गाय माता कहा जाता हैं। गाय की पूजा की जाती हैं गाय की सेवा करने से हमें बहुत पुण्य प्राप्त होता हैं। गाय को कामधेनु कहा गया हैं भारतीय संस्कृति में गाय पूजनीय हैं। गाय का सम्मान करने का मतलब हमारी भारतीय संस्कृति का सम्मान करना हैं। हिन्दू शास्त्र के अनुसार गाय माता के चरणों में तीर्थ स्थान होता हैं। गाय को हर तरीके से सुख प्रदान करने वाली माना गया हैं। गाय की सेवा करने वाला व्यक्ति सुख, समृद्धि और उन्नति प्राप्त करता हैं। स्वस्थ शरीर को ही सबसे बड़ा धन माना गया हैं। गौ माता की सेवा करने से कई बीमारियों दूर होती हैं और हमें स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं। गाय का दूध ही हमें स्वस्थ बनाता हैं। गाय का दूध बच्चों के लिए बेहद जरूरी होता हैं। गाय के दूध को बच्चो के लिए वरदान माना गया हैं इसलिए हमें गाय के दूध का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए। गाय की रक्षा करना भी हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म हैं। हमे गाय के प्रति सेवा और प्रेम के भाव रखने चाहिए। यदि गाय की रक्षा होगी तो हम और हमारा परिवार भी सुरक्षित रह पाएगा। इस पोस्ट में हमने आपको गौ माता के महत्व को गौ माता शायरी इन हिंदी, 2 Line Gau Mata status, Gau Mata Slogan in Hindi के माध्यम से बताने का प्रयास किया हैं आप इन्हे पढ़कर गौ माता के महत्व को जान सकतें हैं। और गौ माता की रक्षा करने का प्रण ले सकतें हैं। और आप गौ माता से जुड़े इन शायरी और स्टेटस को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ शेयर कर सकतें हैं ताकि उन्हें भी गाय माता के महत्व का पता चल सकें। Gau Mata Shayari in Hindi 2 Line Gau Mata Status & Slogan in Hindi गायों की सेवा करो, रोज नवाओ शीश खुश हो...

जानें क्यों किया जाता है गौ दान और क्या है इसका धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में गाय को माता की उपाधि दी गई है। इसके लिए गाय को गौ माता कहकर पुकारा जाता है। वेदों, पुराणों एवं शास्त्रों में गाय को धन बताया गया है। उत्तर वैदिक काल में गौ माता की सेवा का वर्णन विस्तार से किया गया है। भगवान श्रीकृष्ण को गाय अतिप्रिय है। द्वापर युग में ग्वालों के साथ भगवान श्रीकृष्ण वन जाते थे। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गाय एक धन है। इसमें माता की ममता होती है। गाय से दुग्ध उत्पादन होता है। इसके लिए दुनियाभर के कई देशों में गाय पालन किया जाता है। वहीं, भारत में गौ सेवा, गौ पालन और गौ रक्षा पर विशेष बल दिया जाता है। शास्त्रों में गौ दान का उल्लेख भी निहित है। किदवंती है कि मृत्यु उपरांत व्यक्ति को वैतरणी नदी पार करना होता है। इस दौरान गौ दान करने वाले को वैतरणी नदी में गाय मदद कर व्यक्ति को नदी पार कराती है। वहीं, जिस व्यक्ति ने गौ दान नहीं किया होता है। उसे वैतरणी नदी पार करने में कठिन पीड़ा होती है। इसके अलावा, गौ दान के कई अन्य फायदे भी हैं। आइए, गौ दान के बारे में विस्तार से जानते हैं- - सनातन धर्म में श्राद्ध कर्म के दौरान गौ दान करने की प्रथा है। इससे मृतक व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही वैतरणी नदी पार करने में सहायता मिलती है। डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'