Green house effect in hindi

  1. Hindi Translation of “greenhouse effect”
  2. ग्रीनहाउस प्रभाव
  3. ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है
  4. हिन्दी निबंध : ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव


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Hindi Translation of “greenhouse effect”

...gases that contribute to the greenhouse effect. • American English: ˈɡrinhaʊs ɪˈfɛkt/ • Brazilian Portuguese: efeito estufa • Chinese: 温室效应 • European Spanish: • French: • German: • Italian: • Japanese: 温室効果 • Korean: • European Portuguese: efeito estufa • Latin American Spanish: • Thai: ปฏิกิริยาเรือนกระจก

ग्रीनहाउस प्रभाव

अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 ग्रीन हाउस प्रभाव में वृद्धि • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] ग्रीनहाउस प्रभाव के अस्तित्व के बारे में वर्ष 1824 में क्लाउड पाउलेट ने और मजबूत कर दिया। जॉन टिंडल ने 1859 में बताया था। लेकिन सबसे पहले इसकी स्पष्ट आंकिक जानकारी ग्रीनहाउस शब्द का प्रयोग नहीं किया था। इसका प्रयोग सबसे पहले निल्स गुस्टफ एकहोम ने 1901 में किया था। ग्रीन हाउस प्रभाव में वृद्धि [ ] • Afrikaans • Aragonés • العربية • الدارجة • অসমীয়া • Asturianu • Azərbaycanca • Беларуская • Български • भोजपुरी • বাংলা • Bosanski • Català • Čeština • Cymraeg • Dansk • Deutsch • Zazaki • डोटेली • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Français • Gaeilge • Gàidhlig • Galego • עברית • Hrvatski • Kreyòl ayisyen • Magyar • Հայերեն • Interlingua • Bahasa Indonesia • Igbo • Ido • Íslenska • Italiano • 日本語 • ქართული • Қазақша • ಕನ್ನಡ • 한국어 • Кыргызча • Latina • Lëtzebuergesch • Lombard • Lietuvių • Latviešu • Македонски • മലയാളം • मराठी • Bahasa Melayu • नेपाली • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • Occitan • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • پښتو • Português • Runa Simi • Română • Русский • Srpskohrvatski / српскохрватски • සිංහල • Simple English • Slovenčina • Slovenščina • Shqip • Српски / srpski • Svenska • தமிழ் • తెలుగు • Тоҷикӣ • ไทย • Tagalog • Türkçe • ئۇيغۇرچە / Uyghurche • Українська • Tiếng Việt • 吴语 • 中文 • Bân-lâm-gú • 粵語

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है

आपने ग्लोबल वार्मिंग के बारे में तो सुना ही होगा की ये क्या होता है और इससे क्या नुक्सान हो सकता है. ग्लोबल वार्मिंग की सबसे बड़ी वजह में से एक बड़ी वजह है ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट. ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट क्या है (What is Green house effect in Hindi) और इस में गैस कौन कौन सी है इसकी जानकारी होनी हर इंसान के लिए बेहद जरुरी है क्यों की हर कोई इसी पृथ्वी पर निर्भर है. यहाँ के उचित वातावरण के बिना मनुष्य की सामान्य जिंदगी संभव नहीं है. वातावरण का संतुलन सबसे महत्वपूर्ण होता है क्यों संतुलन बिगड़ा तो वातावरण में प्रभाव पड़ता है और फिर सीधे सीधे लोगों की ज़िन्दगी में इसका असर देखने को मिलता है. हमारी पृथ्वी लगातार गर्म होती जा रही है जिसे हम ग्लोबल वार्मिंग के नाम से जानते हैं. यही वजह है की सभी देशों के सरकार वातावरण संतुलन बनाये रखने के लिए वृक्षारोपण का कार्यक्रम लगातार चलाये रहे हैं और अधिक से अधिक लोगों को इस में शामिल कर के पृथ्वी की हरियाली बढ़ा रहे हैं. जितने अधिक पेड़ होंगे पृथ्वी का संतुलन बना रहेगा, पेड़ों के कम होने की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जायेगी. इस तरह पृथ्वी की गर्मी बढ़ने में इसका अहल रोल होता है.ये पोस्ट ग्रीनहाउस प्रभाव किसे कहते हैं इसकी पूरी जानकारी आपको यहाँ पुरे विस्तार से देगा. ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट क्या होता है (What is greenhouse effect in Hindi) और इसके फायदे और नुक्सान क्या है ये भी आप यहाँ जानेंगे. 1.6 संक्षेप में ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट क्या है – What is Greenhouse Effect in Hindi हमारे सौर मंडल के अधिकतर ग्रह या ठन्डे मौसम की चपेट में हैं या फिर कुछ सूर्य रोशनी में बहुत गर्म हैं. पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहाँ का मौसम बहुत हल्का और स्थिर है. पृथ्वी के वातावरण के का...

हिन्दी निबंध : ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव

जैव ईधनों के जलने से प्रति वर्ष 5 बिलियन टन से भी ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड का जुड़ाव वातावरण में होता है जिसमें उत्तरी तथा मध्य अमेरिका, एशिया, यूरोप तथा मध्य एशियन गणतंत्रों का योगदान 90 प्रतिशत से भी ज्यादा का होता है। पूर्व-औद्योगीकरण काल की तुलना में वायु में कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर आज 31 प्रतिशत तक बढ़ गया है। चूंकि वन कार्बन डाईऑक्साइड के प्रमुख अवशोषक होते हैं अतः वन-विनाश भी इस गैस की वातावरण में निरन्तर वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। वर्ष 1880 से 1890 के बीच कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा लगभग 290 पीपीएम (पार्ट्स ऑफ पर मिलियन), वर्ष 1980 में इसकी मात्रा 315 पीपीएम, वर्ष 1990 में 340 पीपीएम तथा वर्ष 2000 में 400 पीपीएम तक बढ़ गई है। ऐसी संभावना है कि वर्ष 2040 तक वातावरण में इस गैस की सान्द्रता 450 पीपीएम तक बढ़ जाएगी। कार्बन डाईऑक्साइड का वैश्विक तपन वृद्धि में 55 प्रतिशत का योगदान है। औद्योगीकृत विकसित देश वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड वृद्धि के लिए ज्यादा उत्तरदायी हैं। मिथेन गैस:मिथेन भी एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हरितगृह गैस है जो 1 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से वातावरण में बढ़ रही है। मिथेन की तपन क्षमता 36 है। यह गैस कार्बन डाईऑक्साइड की तुलना में 20 गुना ज्यादा प्रभावी होती है। पिछले 100 वर्षों में वातावरण में मिथेन की दोगुनी वृद्धि हुई है। धान के खेत, दलदली भूमि तथा अन्य प्रकार की नम भूमियां मिथेन गैस के उत्सर्जन के प्रमुख स्रोत हैं। एक अनुमान के अनुसार वातावरण में 20 प्रतिशत मीथेन की वृद्धि का कारण धान की खेती तथा 6 प्रतिशत कोयला खनन है। इसके अतिरिक्त, शाकभक्षी पशुओं तथा दीमकों में आंतरिक किण्वन (एन्टरिक फरमेन्टेशन) भी मिथेन उत्सर्जन के स्रोत हैं। वर्ष 1750 की तुलना म...