हिंदी साहित्य के आरम्भिक काल को आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने क्या कहा है?

  1. Acharya Ramchandra Shukla In Hindi
  2. 300+ TOP Hindi Sahitya MCQs and Answers हिंदी साहित्य Quiz 2023
  3. रामचन्द्र शुक्ल
  4. आचार्य रामचंद्र शुक्ल – डॉ. नीरज दइया
  5. आदिकाल के नामकरण का विश्लेषण
  6. हिंदी साहित्य : मुख्य तथ्य MCQ Practice Quiz 1


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Acharya Ramchandra Shukla In Hindi

Acharya Ramchandra Shukla In Hindi – आचार्य रामचंद्र शुक्ल जीवन परिचय आचार्य रामचंद्र शुक्ल ( Acharya Ramchandra Shukla )को हिंदी साहित्य का कीर्ति स्तंभ माना जाता है। हिंदी साहित्य में वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्होंने ही की। हिन्दी निबंध के क्षेत्र में शुक्ल जी का स्थान सर्वोपरि है। हिन्दी साहित्य का इतिहास उनकी द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तकों मे एक है। शुक्ल जी हिन्दी के अद्वितीय, मौलिक और गंभीर निबंधकार थे। उन्होंने अपने दृष्टिकोण से विभिन्न भावों की पुनर्व्याख्या की। आचार्य शुक्ल ( Acharya Ramchandra Shukla) में बहुआयामी प्रतिभा मौजूद थी, जिससे उनके आलोचकीय व्यक्तित्व को निखारने में मदद मिली। उनकी आलोचकीय व्याख्या बहुत गंभीर और रोचक थी। उन्होंने हिन्दी शब्द सागर तथा नागरी प्रचारिणी का संपादन किया। कासी हिन्दू विश्वविध्यालय में वे हिन्दी के विभागाध्यक्ष के पद पर आसीन रहे। उन्होंने व्यावहारिक तथा भावात्मक निबंधों की रचना के द्वारा हिंदी साहित्य की अद्वितीय सेवा की। शुक्ल जी ने अपनी रचनाओं में कोमलता, भवात्मक मधुरता और सहृदयता जैसे भावों के समायोजन से गंभीर विचारात्मक निबंधों की रचना की। संस्कृत काव्यशास्त्र की नये ढंग से व्यावहारिक व्याख्या की। उन्होंने हिंदी साहित्य का पहली बार व्यवस्थित और वैज्ञानिक ढंग से इतिहास लिखा। आचार्य रामचंद्र शुक्ल बीसवीं शताब्दी के हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। तो दोस्तों आईये Acharya Ramchandra Shukla के बारें में विस्तार से जानते हैं। Acharya Ramchandra Shukla In Hindi – आचार्य रामचंद्र शुक्ल जीवन परिचय आचार्य रामचंद्र शुक्ल संक्षिप्त झलक – Acharya Ramchandra Shukla in hindi • जन्म – 4 अक्टूबर 1884ईस्वी, बस्ती, उत्तर प्रदेश • रचना – हिं...

300+ TOP Hindi Sahitya MCQs and Answers हिंदी साहित्य Quiz 2023

Hindi Sahitya Multiple Choice Questions – Hindi literature 1. हिन्दी साहित्य के आरंभिक काल को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने क्या कहा है ? A.आदि काल B.चारण काल C.वीरगाथा काल D.सिद्ध – सामंत काल Answer: वीरगाथा काल 2. वीरगाथा काल का कवि नहीं है ? A.चन्दबरदाई B.नामदेव C.जगनिक D.मधुकर Answer: नामदेव 3. वीरगाथा काल के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं – A.चन्दबरदाई B.जगनिक C.दलपति विजय D.विद्यापति Answer: चन्दबरदाई 4. पृथ्वीराज रासो के रचनाकार हैं – A.जयदेव B.चन्दबरदाई C.जगनिक D.विद्यापति Answer: चन्दबरदाई 5. कबीरदास की भाषा थी – A.ब्रज B.कन्नौजी C.सधुक्कड़ी D.खड़ी बोली Answer: सधुक्कड़ी 6. कटकटान कपि कुंजर भारी | दहुभुजदंड तमकि महिमारी || डोलत धरनि सभापद खसे| चले भाजि भय मारुत ग्रसे || प्रस्तुत पंकित्यों के रचयिता हैं – A.तुलसीदास B.जायसी C.देव D.नूर मोहम्मद Answer: तुलसीदास 7. नयन जो देखा कमल-सा निरमल नीर सरीर | हंसत जो देखा हंस भा दसन नगहीर || प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता हैं – A.तुलसीदास B.जयशंकर प्रसाद C.जायसी D.कबीरदास Answer: जायसी 8. शिवा बावनी’ के रचनाकार हैं – A.पद्माकर B.भूषण C.केशबदास D.जगनिक Answer: भूषण 9. नर की और नल की गति एके करि जोय | जेतो नीचो हे चले तेतो ऊँचो होय || प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं – A.तुलसीदास B.महावीर प्रसाद द्विवेदी C.बिहारीलाल D.केशवदास Answer: बिहारीलाल 10. सखि वे मुझसे कह कर जाते | प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं – A.अज्ञेय B.मैथिली शरण गुप्त C.हरिऔध D.जयशंकर प्रसाद Answer: मैथिली शरण गुप्त 11. हिन्दी कविता को छंदों की परिधि से मुक्त करानेवाले थे – A.सुमित्रानंदन पन्त B.जयशंकर प्रसाद C.महादेवी वर्मा D.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला Answer: सूर्यकांत त्रिपा...

रामचन्द्र शुक्ल

अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 2 कृतियाँ • 2.1 मौलिक कृतियाँ • 2.2 अनूदित कृतियाँ • 2.3 सम्पादित कृतियाँ • 3 भाषा • 4 शैली • 5 साहित्य में स्थान • 5.1 नोट • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ जीवन परिचय [ ] रामचन्द्र शुक्ल का जन्म 1884 ईस्वी में उत्तर प्रदेश [ अध्ययन के प्रति लग्नशीलता शुक्ल में बाल्यकाल से ही थी। किंतु इसके लिए उन्हें अनुकूल वातावरण न मिल सका। मिर्जापुर के लंदन मिशन स्कूल से 1901 में स्कूल फाइनल परीक्षा (FA) उत्तीर्ण की। उनके पिता की इच्छा थी कि शुक्ल कचहरी में जाकर दफ्तर का काम सीखें, किंतु शुक्ल उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे। पिता जी ने उन्हें वकालत पढ़ने के लिए 1903 से 1908 तक आनन्द कादम्बिनी के सहायक संपादक का कार्य किया। 1904 से 1908 तक लंदन मिशन स्कूल में ड्राइंग के अध्यापक रहे। इसी समय से उनके लेख पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगे और धीरे-धीरे उनकी विद्वता का यश चारों ओर फैल गया। उनकी योग्यता से प्रभावित होकर 1908 में काशी शब्दसागर की उपयोगिता और सर्वांगपूर्णता का अधिकांश श्रेय रामचंद्र शुक्ल को प्राप्त है। वे 2 फरवरी 1941 को हृदय की गति रुक जाने से शुक्ल का देहांत हो गया। कृतियाँ [ ] इस अनुभाग में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (मई 2023) स्रोत खोजें: · · · · शुक्ल की कृतियाँ तीन प्रकार की हैं: मौलिक कृतियाँ [ ] तीन प्रकार की हैं-- आलोचनात्मक ग्रंथ निबन्धात्मक ग्रन्थ उनके निबन्ध मित्रता, अध्ययन आदि निबन्ध सामान्य विषयों पर लिखे गये निबन्ध हैं। मित्रता निबन्ध जीवनोपयोगी विषय पर लिखा गया उच्चकोटि का निबन्ध है जिसमें शुक्लजी की लेखन शैली गत विशेषतायें झलकती हैं। क्रोध निबन्ध में उन्होंने सामाजिक जीवन मे...

आचार्य रामचंद्र शुक्ल – डॉ. नीरज दइया

ऑनलाइन शिक्षण मॉड्यूल- • आज की उपस्थिति दर्ज कीजिए (09-00 से 10.00 तक) यहां क्लिक करें 12-06-2020 • मूल पाठ : प्रेमघन की छाया-स्मृति (रामचंद्र शुक्ल) pdf • आज का टेस्ट वस्तुनिष्ठ नहीं है : निम्नलिखित प्रश्नों को हल कर इमेज भेजेंगे। • • प्रश्न- रामचंद्र शुक्ल का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी भाषागत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (अंक-4) और नीचे अभ्यास कार्य में दिए गए 10 प्रश्न करेंगे। उत्तर संकेत के रूप में नीचे हल दिए गए हैं उन्हें पढ़ कर संक्षेप में उत्तर लिखेंगे। सीबीएसई परीक्षा में दो प्रकार के प्रश्न होंगे जो अंक दो या तीन के होंगे। इसलिए बड़े प्रश्न को परीक्षा में अंश के रूप में भी पूछा जा सकता है। • उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी ‘ प्रेमघन‘ जो एक बड़े लेखक के उनके बारे में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने संस्मरणात्मक निबंध लिखा है जिसके प्रमुख बिंदु निम्नानुसार है- जिन विद्यार्थियों के पास किताबें नहीं है उनके लिए सप्रसंग व्याख्या का पूरा पैराग्राफ – इन दोनों अंशों की सप्रसंग व्याख्या लिख कर अभ्यास करेंगे। उत्तर तीन बिंदुओं- प्रसंग, व्याख्या और विशेष के रूप में लिखेंगे। (क) मेरे पिताजी फ़ारसी के अच्छे ज्ञाता और पुरानी हिन्दी कविता के बड़े प्रेमी थे। फ़ारसी कवियों की उक्तियों को हिन्दी कवियों की उक्तियों के साथ मिलाने में उन्हें बड़ा आनन्द आता था। वे रात को प्राय: रामचरितमानस और रामचन्द्रिका, घर के सब लोगों को एकत्रा करके बड़े चित्तकर्षक ढंग से पढ़ा करते थे। आधुनिक हिन्दी साहित्य में भारतेन्दुजी के नाटक उन्हें बहुत प्रिय थे। उन्हें भी वे कभी कभी सुनाया करते थे। जब उनकी बदली हमीरपुर जिले की राठ तहसील से मिर्जापुर हुई तब मेरी अवस्था आठ वर्ष की थी। उसके पहिले ही से भारतेन्दु के सम्बन्ध में एक ...

आदिकाल के नामकरण का विश्लेषण

मित्रों, आदिकाल का नामकरण मूल रूप से हिंदी साहित्य के इतिहास के नामकरण के आधार पर किया जाता है। लेकिन इसके लिए अनेक विद्वानों ने हिंदी साहित्य के महान और विद्वान रचनाकारों के जीवन काल के समय को आदिकाल के नामकरण का आधार माना है, जिसके बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से जानकारी दी है कि किस प्रकार हिंदी साहित्य के धुरंधरों के काल को आदिकाल के नामकरण का आधार बनाया गया है। यदि आप भी आज यह जानना चाहते हैं कि हिंदी साहित्य के तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि aadikal ke naamkaran ka vishleshan क्या होगा- आदिकाल के नामकरण का विश्लेषण | Aadikal ke naamkaran ka vishleshan kijiye हिंदी साहित्य के प्रख्यात विद्वानों ने आदिकाल के नामकरण का काम उस समय पैदा हुए कुछ महान हिंदी साहित्य के विद्वानों के जीवन काल के आधार पर रखा है, जैसे कि:- • विद्वानों ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल के जीवन काल को वीरगाथा काल कहा है। • डॉक्टर ग्रियर्सन के जीवन काल को चारण काल कहा है। • मिश्र बंधु के जीवन काल को आरंभिक काल कहा है। • रामकुमार वर्मा के जीवन काल को चारण काल या फिर संधि काल कहा है। • राहुल सांकृत्यायन के काल को सिद्ध सामंत काल कहा है। • महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के जीवन काल को बीज-बपन काल कहा है। • हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के जीवन काल को आदि काल कहा है। • विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के काल को वीरकाल कहा है। • मोहन अवस्थी जी के जीवन काल को आधार काल कहा है। 1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी के काल का मत आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी के काल को वीरगाथा काल कहा गया है, और इस नामा करण का आधार स्पष्ट करते हुए विद्वानों ने कहा है, कि आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने आदिकाल की इस समयावधि के बीच में रचना की है, वह वीरगाथा को दर्शात...

हिंदी साहित्य : मुख्य तथ्य MCQ Practice Quiz 1

हिंदी साहित्य : मुख्य तथ्य is very important topic of सामान्य हिंदी व्याकरण in the exam point of view. We are going to share the set of 20 Multiple Choice Questions in this post. Complete the all practice set of this topic that are provided by Super Pathshala. GK questions of this post "हिंदी साहित्य : मुख्य तथ्य MCQ Practice Quiz 1" are very helpful for various government exams e.g. UPSC, SSC, Railway, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, MP SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam etc. General Knowledge or Samanya Gyan is very important section to crack any exam. In this section we are providing GK in Hindiand GK Questions in Englishin another section. These Online Quizcontain the previous year asked questions in various govt exams, so practice these Online GK Test in Hindiat least one set of each subject daily. Get also all other subjects GK Questions and Answers in MCQ format from Super Pathshala. Complete Chapter wise/Topic wise Objective GK in Hindi [