कार्तिक मास कब से लग रहा है 2022

  1. कार्तिक स्नान कब से शुरू है? – ElegantAnswer.com
  2. Paush Month 2022: कब से शुरू हो रहा है पौष का महीना, इस माह में सूर्य देव की पूजा से मिलेगा मान
  3. Surya Grahan 2022 Last Solar Eclipse On 25 October Of The Year Know Here Which People Will Be Affected
  4. Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस महीने का महत्व और नियम
  5. Diwali 2022 Calendar 23 अक्टूबर से शुरू हो रहा दिवाली का पर्व जानें धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की तिथि और मुहूर्त
  6. Kartik Purnima 2022 कार्तिक पूर्णिमा पर आज लग रहा चंद्रग्रहण आठ नंवबर को बन रहा खास संयोग
  7. kartik chhath mahaparv 2022 date when is nahay khay kharna bml
  8. Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस महीने का महत्व और नियम
  9. kartik chhath mahaparv 2022 date when is nahay khay kharna bml
  10. Kartik Purnima 2022 कार्तिक पूर्णिमा पर आज लग रहा चंद्रग्रहण आठ नंवबर को बन रहा खास संयोग


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कार्तिक स्नान कब से शुरू है? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंहिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास पहला महीना होता है। 2022 में चैत्र महीना 19 मार्च से शुरू होकर 16 अप्रैल तक चलेगा। अगहन कौन से महीने में लगेगा? इसे सुनेंरोकेंAghan Shukla Paksha 2021: हिंदी पंचांग के नौवें महीने को मार्गशीर्ष या अगहन कहा जाता है। इस माह को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। चतुर्मास के बाद पड़ने के कारण इस माह में विवाह आदि के शुभ कार्य किए जाते हैं। इस साल मार्गशीर्ष या अगहन माह की शुरूआत 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के बाद से हुई थी। कार्तिक SNAN कब से शुरू है 2021? इसे सुनेंरोकेंइस साल 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना का वशेष महत्व माना जाता है. इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत कई धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं. कार्तिक Purnima कब से शुरू है 2021? इसे सुनेंरोकेंकार्तिक पूर्णिमा 2021 व्रत तिथि और मुहूर्त: इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा मुहूर्त: मुहूर्त का समय: पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे शुरू होती है और 19 नवंबर को दोपहर 2:26 बजे समाप्त होती है। चैत्र मास कब से लग रहा है 2022? इसे सुनेंरोकेंChaitra Maas 2022: चैत्र मास हिंदी नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से भारतीय नववर्ष का आरंभ होता है। इस साल चैत्र मास की शुरुआत 18 मार्च, 2022 यानी होली के दिन से हो चुकी है। 2022 में हिंदू नववर्ष कब है? इसे सुनेंरोकेंसंबंधित खबरें Hindu Nav Varsh 2022: हिंदू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के...

Paush Month 2022: कब से शुरू हो रहा है पौष का महीना, इस माह में सूर्य देव की पूजा से मिलेगा मान

Paush Month 2022: कब से शुरू हो रहा है पौष का महीना, इस माह में सूर्य देव की पूजा से मिलेगा मान-सम्मान, जानें महत्व | paush month 2022 starting date significance of surya dev puja in push month | Hindi News, Paush Month 2022: कब से शुरू हो रहा है पौष का महीना, इस माह में सूर्य देव की पूजा से मिलेगा मान-सम्मान, जानें महत्व Paush Month Significance 2022: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का दसवां महीना पौष का होता है. मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के बाद पौष का महीना शुरू हो जाएगा. बता दें कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा 8 दिसंबर के दिन पड़ रही है और 9 दिसंबर से पौष माह शुरू होगा. हिंदू धर्म में हर माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. मार्गशीर्ष माह में श्री कृष्ण की पूजा का खास महत्व है. उसी प्रकार पौष का महीना सूर्य देव को समर्पित है. इस माह में सूर्य देव की उपासना का खास महत्व बताया गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार पौष का महीना 9 दिसंबर से शुरू होकर 7 जनवरी 2023 तक रहेगा. विक्रम सांवत के अनुसार पौषा का महीना दसवां महीना होता है. बता दें कि हिंदू धर्म में महीनों के नाम चंद्र नक्षत्र के आधार पर रखे जाते हैं. पौष माह की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है इसलिए इसे पौष का महीना कहा जाता है. पौष माह में सूर्य देव की पूजा का महत्व हिंदू धर्म में हर माह किसी न किसी देवी-देवता की पूजा को समर्पित होता है. जिस प्रकार कार्तिक माह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा को समर्पित है. उसी प्रकार मार्गशीर्ष माह में श्री कृष्ण की पूजा का महत्व बताया गया है. वैसे ही पौष महीना सूर्य देव की उपासना की जाती है. ज्योतिष अनुसार इस माह में सूर्य की पूजा भग नाम से की जाती है. वहीं, इस माह को पितर...

Surya Grahan 2022 Last Solar Eclipse On 25 October Of The Year Know Here Which People Will Be Affected

Last Surya Grahan 2022: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी गोवर्धन पूजा के दिन लगेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 29 मिनट से लेकर 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक मान्य होगा. सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटा पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जो की ग्रहण की समाप्ति तक रहता है. आइए जानते हैं कि साल केआखिरी सूर्य ग्रहण की तारीख क्या है और इस ग्रहण का क्या असर होने वाला है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 5 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट त्योहार मनाया जाएगा. इसके साथ ही इस दिन प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है. इस दिन प्रदोष व्रत के लिए पूजा का समय शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक है. सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं | solar eclipse will be visible in india or not साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह सूर्य भारत में नहीं देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. जबकि सूतक काल ग्रहण समाप्त होने पर खत्म होता है. यह सूर्य ग्रहण यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप का उत्तरपूर्वी भाग, एशिया का दक्षिण-पश्चिमी भाग और अटलांटिक में देखा जा सकता है. सूर्य ग्रहण का दिवाली और गोवर्धन पूजा पर क्या होगा असर | What will be the effect of sol...

Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस महीने का महत्व और नियम

• • Faith Hindi • Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस प्रिय महीने का महत्व और नियम Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस प्रिय महीने का महत्व और नियम Kartik Month 2022: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है ओर इस महीने से ही शादी​-विवाह व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. साथ ही कार्तिक स्नान से भी शुभ फल प्राप्त होता है. भगवान विष्णू Kartik Month 2022: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य पंचांग में मुहूर्त देखने के बाद ही किया जाता है. खास तौर पर शादी-विवाह, मुंडन व गृह प्रवेश आदि ये सभी कार्य करने के लिए लोग कार्तिक माह का इंतजार करते हैं. जो कि चातुर्मास का अंतिम म​हीना होता और इसे भगवान विष्णु का प्रिय महीना भी कहा जाता है. कहते हैं कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान करना और दान-पुण्य करना बेहद ही फलदायी होता है. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लेकिन कार्तिक माह के कुछ नियम भी होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कार्तिक माह का महत्व और इसके नियम. Also Read: • • • शुरू हुआ कार्तिक मास स्कंद पुराण में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना गया है और कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु का प्रिय महीना है. इसलिए इस महीने में मांगलिक कार्य किए जाते हैं और मान्यता है कि इस माह देव तत्व मजबूत होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर 2022 से कार्तिक मास की शुरुआत हो गई है और यह 8 नवंबर 2022 को समाप्त होगा. कार्तिक स्नान है बेहद महत्वपूर्ण हिंदू धर्म में कार्तिक स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना गया है और कहते हैं इस पूरे माह पवित...

Diwali 2022 Calendar 23 अक्टूबर से शुरू हो रहा दिवाली का पर्व जानें धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की तिथि और मुहूर्त

Diwali 2022 Calendar: 23 अक्टूबर से शुरू हो रहा दिवाली का पर्व, जानें धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की तिथि और मुहूर्त Diwali 2022 Calendar कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पर् मनाया जाता है। पांच दिनों तक चतलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। धरतेरस के बाद क्रमश नरक चतुर्दशी दिवाली गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। नई दिल्ली, Diwali 2022 Calendar: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। दीपावली का पर्व की तैयारी काफी जोरो शोरों से चल रही है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है। वहीं दिवाली मनाने के पीछे की कहानी भगवान श्रीराम से संबंधित है। माना जाता है कि प्रभु श्री राम लंकापति रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर पूरी अयोध्या को रोशनी से जगमगा दिया। तभी से हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और समापन भैया दूज के साथ होता है। जानिए दिवाली के 5 दिनों का पूरा कैलेंडर और शुभ मुहूर्त। पूजन का शुभ मुहूर्त - 23 अक्टूबर 2022 को रविवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक प्रदोष काल: शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक। वृषभ काल: शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक। नरक चतुर्दशी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस साल नरक चतुर्दशी और दिवाली का पर्व एक ही दिन मनाया जा रहा है। माना जाता है कि कार्तिक माह...

Kartik Purnima 2022 कार्तिक पूर्णिमा पर आज लग रहा चंद्रग्रहण आठ नंवबर को बन रहा खास संयोग

जागरण संवाददाता, पटना। Chandra Grahan 2022:सनातन धर्मावलंबी के सबसे पुण्यकारी मास के पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा है I कार्तिक पूर्णिमा आठ नवंबर दिन मंगलवार को भरणी नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग में मनायी जाएगी I भारतीय संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। इसी दिन काशी में देवताओं की दीपावली के रूप में देव दीपावली महोत्सव मनाया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। इस दिन कई धार्मिक आयोजन, पवित्र नदी में स्नान, पूजन और दान -धर्म का विधान है। वर्ष के बारह मासों में कार्तिक मास आध्यात्मिक एवं शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। श्रद्धालु पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद श्री सत्यनारायण की कथा का श्रवण, गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करके पापमुक्त-कर्जमुक्त होकर भगवान विष्णु की कृपा पाते हैं। दीपदान से दस यज्ञ के बराबर पुण्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु की अपार कृपा बरसती है I इस दिन गंगा स्नान से शरीर में पापों का नाश एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है I भगवान नारायण ने अपना पहला अवतार मत्स्य अवतार के रूप में कार्तिक पूर्णिमा को लिए थे I इस दिन श्रीकेशव के निकट अखण्ड दीप दान करने से दिव्य कान्ति की प्राप्ति होती है I साथ ही जातक को धन, यश, कीर्ति का लाभ भी मिलता है I गंगा स्नान के बाद दीप-दान करना दस यज्ञों के समान होता है। इस दिन अन्न, धन, वस्त्र, घी आदि दान करने से कई गुना फल मिलता है I गंगा स्नान से मिलता है पूरे वर्ष का फल ज्योतिषी झा के अनुसार कार्तिक माह की त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को पुराणों ने अति पुष्करिणी कहा है। स्कंद पुराण के...

kartik chhath mahaparv 2022 date when is nahay khay kharna bml

Karthik Chhath Puja: कार्तिकी छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, कोलकाता और पश्चिम बंगाल राज्यों में मनाए जाने वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है. यह एक प्राचीन त्योहार है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है. चूंकि कार्तिक मास में शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, इसलिए इसे कार्तिकी छठ कहा जाता है. यह ग्रेगोरियन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के महीने में पड़ता है. कार्तिक मास के दिन सुहावने होने के कारण यह उत्सव बड़ी धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. 29 अक्टूबर को खरना है. डूबते सूर्य को 30 अक्टूबर को व उगते सूर्य को 31 अक्तूबर को अर्घ्य दिया जायेगा. इसके साथ ही सूर्योपासना का पर्व संपन्न हो जायेगा. इसे लेकर सभी छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू हो गयी है. घाट पर उगे घास को काटने, मकड़ी का जाला हटाने व वहां फूल-पौधे लगाने के दौरान छठ घाटों पर गीत गूंज रहे हैं.

Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस महीने का महत्व और नियम

• • Faith Hindi • Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस प्रिय महीने का महत्व और नियम Kartik Month 2022: आज से शुरू हो गया कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु के इस प्रिय महीने का महत्व और नियम Kartik Month 2022: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है ओर इस महीने से ही शादी​-विवाह व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. साथ ही कार्तिक स्नान से भी शुभ फल प्राप्त होता है. भगवान विष्णू Kartik Month 2022: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य पंचांग में मुहूर्त देखने के बाद ही किया जाता है. खास तौर पर शादी-विवाह, मुंडन व गृह प्रवेश आदि ये सभी कार्य करने के लिए लोग कार्तिक माह का इंतजार करते हैं. जो कि चातुर्मास का अंतिम म​हीना होता और इसे भगवान विष्णु का प्रिय महीना भी कहा जाता है. कहते हैं कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान करना और दान-पुण्य करना बेहद ही फलदायी होता है. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लेकिन कार्तिक माह के कुछ नियम भी होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कार्तिक माह का महत्व और इसके नियम. Also Read: • • • शुरू हुआ कार्तिक मास स्कंद पुराण में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना गया है और कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु का प्रिय महीना है. इसलिए इस महीने में मांगलिक कार्य किए जाते हैं और मान्यता है कि इस माह देव तत्व मजबूत होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर 2022 से कार्तिक मास की शुरुआत हो गई है और यह 8 नवंबर 2022 को समाप्त होगा. कार्तिक स्नान है बेहद महत्वपूर्ण हिंदू धर्म में कार्तिक स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना गया है और कहते हैं इस पूरे माह पवित...

kartik chhath mahaparv 2022 date when is nahay khay kharna bml

Karthik Chhath Puja: कार्तिकी छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, कोलकाता और पश्चिम बंगाल राज्यों में मनाए जाने वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है. यह एक प्राचीन त्योहार है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है. चूंकि कार्तिक मास में शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, इसलिए इसे कार्तिकी छठ कहा जाता है. यह ग्रेगोरियन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के महीने में पड़ता है. कार्तिक मास के दिन सुहावने होने के कारण यह उत्सव बड़ी धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. 29 अक्टूबर को खरना है. डूबते सूर्य को 30 अक्टूबर को व उगते सूर्य को 31 अक्तूबर को अर्घ्य दिया जायेगा. इसके साथ ही सूर्योपासना का पर्व संपन्न हो जायेगा. इसे लेकर सभी छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू हो गयी है. घाट पर उगे घास को काटने, मकड़ी का जाला हटाने व वहां फूल-पौधे लगाने के दौरान छठ घाटों पर गीत गूंज रहे हैं.

Kartik Purnima 2022 कार्तिक पूर्णिमा पर आज लग रहा चंद्रग्रहण आठ नंवबर को बन रहा खास संयोग

जागरण संवाददाता, पटना। Chandra Grahan 2022:सनातन धर्मावलंबी के सबसे पुण्यकारी मास के पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा है I कार्तिक पूर्णिमा आठ नवंबर दिन मंगलवार को भरणी नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग में मनायी जाएगी I भारतीय संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। इसी दिन काशी में देवताओं की दीपावली के रूप में देव दीपावली महोत्सव मनाया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। इस दिन कई धार्मिक आयोजन, पवित्र नदी में स्नान, पूजन और दान -धर्म का विधान है। वर्ष के बारह मासों में कार्तिक मास आध्यात्मिक एवं शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। श्रद्धालु पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद श्री सत्यनारायण की कथा का श्रवण, गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करके पापमुक्त-कर्जमुक्त होकर भगवान विष्णु की कृपा पाते हैं। दीपदान से दस यज्ञ के बराबर पुण्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु की अपार कृपा बरसती है I इस दिन गंगा स्नान से शरीर में पापों का नाश एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है I भगवान नारायण ने अपना पहला अवतार मत्स्य अवतार के रूप में कार्तिक पूर्णिमा को लिए थे I इस दिन श्रीकेशव के निकट अखण्ड दीप दान करने से दिव्य कान्ति की प्राप्ति होती है I साथ ही जातक को धन, यश, कीर्ति का लाभ भी मिलता है I गंगा स्नान के बाद दीप-दान करना दस यज्ञों के समान होता है। इस दिन अन्न, धन, वस्त्र, घी आदि दान करने से कई गुना फल मिलता है I गंगा स्नान से मिलता है पूरे वर्ष का फल ज्योतिषी झा के अनुसार कार्तिक माह की त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को पुराणों ने अति पुष्करिणी कहा है। स्कंद पुराण के...