कीट द्वारा पुष्प परागण की अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें।

  1. पुष्प
  2. Dominant allele is expressed in :
  3. Given below is the diagrammatic representation of a sarcomere, mark the o..
  4. खण्ड
  5. कीट परागित पुष्यों की विशेषताएँ एवं अनुकूलन लिखिए।
  6. किड द्वारा पुष्प प्रांगण की अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें? » Kidde Dwara Pushp Prangan Ki Anukulta Ka Adhyayan Kar Likhen
  7. किट दवरा पुष्प परागण की अनुकूलता का अध्धययन कर लिखें? » Kit Davara Pushp Paragan Ki Anukulta Ka Adhdhayayan Kar Likhen
  8. कीट परागण (Entomophily) क्या होता है। कीट परागित पुष्पों में अनुकुलन के बारे में बताएं।


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पुष्प

अनुक्रम • 1 विशेषज्ञता • 2 आकारिकी • 2.1 वनस्पति सूत्र/पुष्प सम्बन्धी सूत्र • 3 परागण • 3.1 आकर्षित करने के तरीके • 3.2 परागण तंत्र • 3.3 फूल-परागनों का सम्बन्ध • 4 निषेचन और विसर्जन • 5 विकास • 6 विकास • 6.1 पुष्पण संक्रमण • 7 उपयोग • 8 यह भी देखें/इसे भी देखें • 9 सन्दर्भ • 10 सूत्र • 11 बाहरी कड़ियाँ • 12 इन्हेंभीदेखें विशेषज्ञता [ ] आकारिकी [ ] इस लेख को विकिप्रारूप में लाने के लिए आप इसे (अप्रैल 2023) पुष्प को एक रूपान्तरित प्ररोह को कहा जाता है, छोटे इंटरनोडों और बेयरिंग के साथ, इसके प्ररोह पर एक अग्र नियत होती है) पुष्प कुछ वृन्त से पौधे से जुड़े रहते हैं। यदि पुष्प तने से जुड़े नहीं होते और उनका निर्माण पुष्पवृन्त पर होता है। जब फूल की कुर्सी या उसका पत्र कहते हैं फूल के हिस्से पत्र के ऊपर चक्र में व्यवस्थित होते हैं। चक्र के चार मुख्य भाग (जड़ से प्रारम्भ करके या न्यूनतम आसंथी से लेकर ऊपर तक चलते हुए) इस प्रकार हैं: • • • • युक्ताण्डपी कहा जाता है) स्त्रीकेशर का लसलसा अग्र भाग- वर्त्तिकाग्र पराग का ग्राही होता है, वर्त्तिका यद्यपि ऊपर वर्णित फूलों की संरचना को 'आदर्श' संरचनात्मक योजना माना जा सकता है, परन्तु पौधों की जाति इस योजना से हटकर बदलाव के व्यापक भिन्नता को दिखाते हैं। ये बदलाव फूल-पौधों के विकास में बहुत मायने रखते हैं और वनस्पतिज्ञ इसका गहन प्रयोग पौधों की नस्ल के संबंधों को स्थापित करने के लिए करते हैं। मसलन फूल-पौधों कि दो उपजातियां का भेद उनके प्रत्येक चक्र के पुष्पांगो को लेकर हो सकता है: एक जैसा कि ऊपर वर्णित किया गया है कि व्यक्तिक फूलों के ज्यादातर नस्लों में पूर्ण, उभयलैंगीय, अपूर्ण या एक लिंगीय होते हैं: या तो केवल पुंकेसर या स्त्रीकेसर अंगों को...

Dominant allele is expressed in :

Dominant allele is expressed in both homozygous and heterozygous condition. Principle of Dominance- In heterozygous individuals or hybrids a character is represented by two contrasting factors called alleles or allelomorphs. Out of the two contrasting alleles. Only one is able to express its effect in the individual. It is called dominant factor or dominant allele. The other which does not show its effect in the heterozygous individual is called recessive factor or recessive allele.

Given below is the diagrammatic representation of a sarcomere, mark the o..

Given below is the diagrammatic representation of a sarcomere, mark the option with correct description of the structures labelled as A , B , C and D in the same: (1) A-Elastic fibre that bisects I-band B-Length of this band reduces during muscle contraction but • B-Consist of myosin filaments (actin also) Views: 5,539 1 mm in size and Eucalyptes is the smallest Angiosperm, 100 meters. Angiosperms are subdivided into two classes: Q. Dicotyledonae : These plants have two root system and the stem is branched. Leaves show reticulate venation while the flowers show tetra or pentamerous symmetry.) and open type. Cambium is present between Xylem and Phloem for secondary growth. In Dicots secondary growth is commonly found. e.g. Helianthus annus (sunflower), Hibiscus rosa-sinensis (China rose). Ray florets Given below is the diagrammatic representation of a sarcomere, mark the option with correct description of the structures labelled as A , B , C and D in the same: (1) A-Elastic fibre that bisects I-band B-Length of this band reduces during muscle contraction but Updated On Oct 13, 2022 Topic Structural Organisation in Plants and Animals Subject Biology Class Class 11 Answer Type Video solution: 1 Upvotes 142 Avg. Video Duration 5 min

खण्ड

• A – Telocentric chromosome, B – Acrocentric chromosome, C – Submetacentric chromosome, D – Metacentric chromosome • A – Acrocentric chromosome, B – Telocentric chromosome, C – Metacentric chromosome, D – Submetacentric chromosome • A – Submetacentric chromosome, B – Metacentric chromosome, C – Telocentric chromosome, D – Acrocentric chromosome • A – Metacentric chromosome, B – Submetacentric chromosome, C– Acrocentric chromosome, D – Telocentric chromosome. खण्ड - अ / Section - A 1. (a) कीट द्वारा पुष्प परागण की अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें। 5 Study and write about the flowers adapted to pollination by insects. Updated On Jan 14, 2023 Topic Structural Organisation in Plants and Animals Subject Biology Class Class 11 Answer Type Video solution: 1 Upvotes 128 Avg. Video Duration 5 min

कीट परागित पुष्यों की विशेषताएँ एवं अनुकूलन लिखिए।

कीटपरागित पुष्यों की विशेषताएँ एवं अनुकूलन- • पुष्प, कीटों को आकर्षित करने के लिए रंगीन होते हैं। शलभ (Moth) सफेद पुष्पों की ओर आकर्षित होते हैं। लाल पुष्पों द्वारा तितलियाँ (Butterflies) एवं बरं (Wasp) को आकर्षित किया जाता है। नीले, बैंगनी, पीले पुष्प मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं। मधुमक्खियाँ कभी-कभी लाल पुष्पों पर भी जाती हैं। • कीट परागित पुष्पों के बाह्यदल (Sepals) तथा दल (Petals) पूर्ण विकसित होते हैं। • दल प्रायः रंगीन एवं चमकीले होते हैं। जिन पुष्पों में रंग आकर्षण नहीं होता उनमें पुष्प के अन्य भाग रंगीन एवं आकर्षक होते हैं। जैसे बोगेनविलिया के रंगीन सहपत्र (Bracts), यूफोर्बिया एवं पोइनसेटिया में इनवोल्यूकर (Invalucre) यूफोर्बिया फ्ल्चेराइमा की रंगीन पत्तियाँ, केले और कचालू में स्पेथ (Spathe), मुसैण्डा में एक बाह्यदल बड़ा और आकर्षक होता है एवं अकेसिया और मिमोसा के पुंकेसर रंगीन होते हैं। • पुष्प प्रायः बड़े आकार के होते हैं जिससे ये कीटों को दूर से ही दिखाई दे जाते हैं। जहाँ पुष्प छोटे होते हैं वहाँ ये आकर्षक गुच्छों के रूप में पाए जाते हैं। • पुष्प प्रायः विभिन्न प्रकार की गंध उत्पन्न करते हैं, जो कीटों को अपनी ओर लुभाती हैं; जैसे- बेला, गुलाब, गैंदा, चम्पा, रात की रानी, चमेली, हर सिंगार आदि। कुछ पौधों के पुष्पों से विशेष प्रकार की दुर्गन्ध आती है जो विशेष कीटों को अपनी ओर लुभाती है जैसे-एरिस्टोलोकिया, एरम, रैफ्लेशिया आदि। रेफ्लेशिया के पुष्प में से सड़ते मांस जैसी दुर्गन्ध आती है जो कैरियन मक्खियों को परागण के लिए आकर्षित करता है। • आने वाले कीट को या तो मकरन्द (Nacter) जैसे-अधाटोडा, बटरकप, बेला, लार्कस्पर आदि या खाने वाले परागकण जैसे- मैग्नोलिया, पैपावर, गुलाब...

किड द्वारा पुष्प प्रांगण की अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें? » Kidde Dwara Pushp Prangan Ki Anukulta Ka Adhyayan Kar Likhen

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न किट द्वारा पुष्प प्रांगण के अनुकूलता का अध्ययन कर लिखे लिखे गीत द्वारा पुष्प राना अनुकूलता का अध्ययन कर लिखने की बाजी आपका हर है आपको जीविका का अध्ययन करना आवश्यक है तभी पता हो पाएगा कि किस द्वारा उस प्रांगण की अनुकूलता कैसे होती aapka prashna kit dwara pushp prangan ke anukulta ka adhyayan kar likhe likhe geet dwara pushp rana anukulta ka adhyayan kar likhne ki baazi aapka har hai aapko jeevika ka adhyayan karna aavashyak hai tabhi pata ho payega ki kis dwara us prangan ki anukulta kaise hoti आपका प्रश्न किट द्वारा पुष्प प्रांगण के अनुकूलता का अध्ययन कर लिखे लिखे गीत द्वारा पुष्प र

किट दवरा पुष्प परागण की अनुकूलता का अध्धययन कर लिखें? » Kit Davara Pushp Paragan Ki Anukulta Ka Adhdhayayan Kar Likhen

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। रसोली की द्वारा पुष्प राजगढ़ की अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें कि द्वारा जो पुष्पों का परागण होता है होता क्या है उसमें कोई कीट होता है यह तितली हो गई है भंवरे हो गए 11 पर बैठे उस पर 10 चूसा स्वच्छ खजूरी की और कूड़े तू कुछ उनके पैरों में पंखों में मुंह पर कुछ कर रह जाते हैं जब जब दूसरे उस पर जाते हैं जब दूसरे पर जाते हैं तो वहां पर भी हो जो एक पुष्प से परागण आए थे दूसरी पुस्तक वहां पर रहते हैं इसी तरह से उस पर और उस पर अगर होता है जितना पुष्पराजगढ़ की प्रक्रिया संपन्न होती है rasoli ki dwara pushp rajgadh ki anukulta ka adhyayan kar likhen ki dwara jo pushpon ka paragan hota hai hota kya hai usme koi kit hota hai yah titli ho gayi hai bhanware ho gaye 11 par baithe us par 10 chusa swachh khajuri ki aur koode tu kuch unke pairon me pankhon me mooh par kuch kar reh jaate hain jab jab dusre us par jaate hain jab dusre par jaate hain toh wahan par bhi ho jo ek pushp se paragan aaye the dusri pustak wahan par rehte hain isi tarah se us par aur us par agar hota hai jitna pushprajgarh ki prakriya sampann hoti hai रसोली की द्वारा पुष्प राजगढ़ की अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें कि द्वारा जो पुष्पों का परागण

कीट परागण (Entomophily) क्या होता है। कीट परागित पुष्पों में अनुकुलन के बारे में बताएं।

कीट परागण (Entomophily) :- वैसे पुष्प जिसमें कीट द्वारा परागण होता है, उसे कीट परागित पुष्प कहा जाता है तथा पुष्प में इस प्रकार से होने वाले परागण को कीट परागण कहते हैं। कीट परागण के लिए मधुमक्खियां, तितलियां इत्यादि पुष्प से मकरंद (nectar) प्राप्त करने के लिए आकर्षित होते है। जैसे – प्राइमुला, यक्का (Yucca) या अंडाफल, साल्विया या गार्डेन सेड आदि पुष्पों में कीट परागण होते हैं। • प्राइमुला में पुष्प दल संयुक्त होकर नालवत रचना बनाते हैं और इसके ऊपर दलपुंज (corolla) फैले होते हैं। ऐसे पुष्प दो प्रकार के होते हैं – (a) पिन– आइड ( pin-eyed) :- इनमें वर्तिका लंबी होती है इसजाती कारण वर्तिकाग्र पुष्पदल नलिका के मुख के पास पहुंच है। ( b) थ्रम– आइड ( thrum– eyed) :- इनमें वर्तिका छोटी होती है तथा पुंकेसर लंबे हो कर पुष्पदल के मुख के पास पहुंच जाते हैं। चित्र :- प्राइमुला वल्गैरिस। मधुमक्खी थ्रम-आइड पुष्प पर बैठकर मकरंद खोजती है उस समय परागकण उसके सिर पर चिपक जाते हैं। जब यह मक्खी पिन-आइड पुष्प पर बैठकर मकरंद लेने का प्रयास करती है तो परागकण वर्तिकाग्र पर चिपक जाते हैं तथा साथ-साथ पिन-आइड पुष्प के परागण मक्खी के सिर पर चिपक जाते हैं और मक्खी के थ्रम-आइड पुष्प पर जाने से पर-परागण होता है। • साल्विया या गार्डन सेज पुष्प के बाह्य दलपुंज और दलपुंज द्वि-ओष्ठी (bilipped) होते हैं। उपरी ओष्ठ में पुंकेसर तथा वर्तिका ढँकी रहती है तथा नीचे का ओष्ठ रूपांतरण से चबूतरा बनाता है जिस पर कीट आसानी से बैठ सकते हैं। जब मधुमक्खी निचले ओष्ठ पर बैठकर शुंडिका (proboscis) दलनलिका के निचले भाग तक फैलाकर मकरंद लेना चाहती है तब उसी समय परागकोष फट जाते हैं तथा परागकण मधुमक्खी की पीठ पर बिखर जाते हैं। जब मधुम...