Maa kushmanda mantra in hindi

  1. नवरात्रि का चौथा दिन: पढ़ें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, श्लोक, मंत्र एवं भोग
  2. Maa Kushmanda Aarti And Puja Mantra ऐसे करें मां कूष्मांडा की आरती इन मंत्रों के जाप से पूर्ण होंगी मनोकामनाएं
  3. Chaitra Navratri 2022 Maa Kushmanda Aarti: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की करें ये आरती खास, होगा हर दुख का नाश


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नवरात्रि का चौथा दिन: पढ़ें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, श्लोक, मंत्र एवं भोग

इन दिनों शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कूष्माण्डा (कूष्मांडा) कहलाती हैं।

Maa Kushmanda Aarti And Puja Mantra ऐसे करें मां कूष्मांडा की आरती इन मंत्रों के जाप से पूर्ण होंगी मनोकामनाएं

Maa Kushmanda Aarti And Puja Mantra: आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है। आठ भुजाओं वाली मां कूष्मांडा अपने भक्तों के सभी कष्टों और दुखों का नाश कर देती हैं। आदिशक्ति मां दुर्गा ने असुरों का दमन करने के लिए कुष्मांडा स्वरूप धारण किया था। मां कूष्मांडा को लाल फूल प्रिय है, पूजा के समय उनको गुड़हल का फूल चढ़ाएं। नवरात्रि के चौथे दिन आपको मां कूष्मांडा को नीचे दिए गए मंत्रों के जाप से प्रसन्न करना चाहिए। पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें, जिससे प्रसन्न होकर मां आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगी। मां कूष्मांडा की प्रार्थना सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥ मां कूष्मांडा बीज मंत्र ऐं ह्री देव्यै नम:। मंत्र 1. सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्य्स्त्राहि नो देवि कूष्माण्डेति मनोस्तुते।। 2. ओम देवी कूष्माण्डायै नमः॥ मां ​कूष्मांडा की आरती/Maa Kushmanda Ki Aarti कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥ पिगंला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी मां भोली भाली॥ लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥ तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥ मां के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥ तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो मां संकट मेरा॥ मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥ तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥ Chaitra Navratri 2020 Maa Kushmanda: आज है चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन, जानें मां कूष्मांडा की पूजा ...

Chaitra Navratri 2022 Maa Kushmanda Aarti: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की करें ये आरती खास, होगा हर दुख का नाश

नई दिल्ली: आज 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) शुरू हो चुके हैं. जिसमें चौथा दिन मां कूष्मांडा (maa kushmanda) को समर्पित होता है. नवरात्रि उपासना में चौथे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधना की जाती है. इस दिन साधक का मन 'अनाहत' चक्र में स्थित (kushmanda maa ki aarti) होता है. इसलिए, इस दिन उसे अत्यंत पवित्र मन से कूष्माण्डा देवी (jai maa kushmanda) के स्वरुप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के काम में लग्न रहना चाहिए. आठ भुजाओं वाली मां कूष्मांडा अपने भक्तों के सभी कष्टों और दुखों (maa kushmanda navdurga) का नाश कर देती हैं. चैत्र नवरात्रि में पूजा के बाद मां कूष्मांडा की आरती करें. माना जाता है इससे प्रसन्न होकर (maa kushmanda aarti) मां आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगी. यह भी पढ़े : मां कूष्मांडा की आरती (aarti kushmanda mata ki) कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥ पिगंला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी माँ भोली भाली॥ लाखों नाम निराले तेरे । भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ सबकी सुनती हो जगदंबे। सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥ तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥ माँ के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥ तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो माँ संकट मेरा॥ मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥ तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥