मां कालरात्रि की आरती

  1. माँ कालरात्रि की आरती , कथा , मंत्र , पूजा विधि और सन्देश
  2. Navratri 2021 Day 7 आज के दिन मां कालरात्रि की इस तरह करें पूजा जानें मंत्र आरती भोग विधि और कथा
  3. Maa Kalratri Ki Aarti आज करें मां कालरात्रि के कवच और आरती का पाठ दूर होगा अकाल मृत्यु का भय
  4. navratri 2020 maa kalratri ki aarti puja vidhi mantra today is saptami tithi worship maa kalratri with this aarti while worshiping maa kalratri rdy


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माँ कालरात्रि की आरती , कथा , मंत्र , पूजा विधि और सन्देश

कालरात्रि माता को देवी दुर्गा के नौ रूपों में से सातवां स्वरूप कहा गया है। नवरात्र के सातवें दिन माता के इसी स्वरूप को ध्यान में रखकर इनकी पूजा की जाती है। देवी का यह नाम उनके स्वरूप के कारण से है। इस स्वरूप में माता का वर्ण काजल के समान काला है। कथा है कि शुंभ-निशुंभ और उसकी सेना को देखकर देवी को भयंकर क्रोध आया और इनका वर्ण श्यामल हो गया। इसी श्यामल स्वरूप से देवी कालरात्रि का जन्म हुआ। मां कालरात्रि की आरती: काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा महा चंडी तेरा अवतारा पृथ्वी और आकाश पर सारा महाकाली है तेरा पसारा खंडा खप्पर रखने वाली दुष्टों का लहू चखने वाली कलकत्ता स्थान तुम्हारा सब जगह देखूं तेरा नजारा सभी देवता सब नर नारी गावे स्तुति सभी तुम्हारी रक्तदंता और अन्नपूर्णा कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ना कोई चिंता रहे ना बीमारी ना कोई गम ना संकट भारी उस पर कभी कष्ट ना आवे महाकाली मां जिसे बचावे तू भी‘भक्त’ प्रेम से कह कालरात्रि मां तेरी जय माँ कालरात्रि के बीज मंत्र: ॐ देवी कालरात्र्यै नमः’ स्तुति:या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ माँ कालरात्रि प्रार्थना मंत्र: एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥ मां कालरात्रि की पूजा विधि इस दिन सुबह के समय उठ जाना चाहिए और सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें। फिर मां की पूजा आरंभ करें। सर्वप्रथम गणेश जी की अराधना करें। कलश देवता की विधिवत पूजा करें। इसके बाद मां को अक्षत, धूप, रातरानी के पुष्प, गंध, रोली, चंदन अर्पित करें। इसके बाद पान, सुपार...

Navratri 2021 Day 7 आज के दिन मां कालरात्रि की इस तरह करें पूजा जानें मंत्र आरती भोग विधि और कथा

Navratri 2021 Day 7: आज के दिन मां कालरात्रि की इस तरह करें पूजा, जानें मंत्र, आरती, भोग विधि और कथा Navratri 2021 Day 7 आज चैत्र नवरात्रि का सांतवा दिन है। आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा की विधान है। मान्यता है कि मां की पूजा करने से व्यक्ति को उसके हर पाप से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही शत्रुओं का भी नाश हो जाता है। Navratri 2021 Day 7: आज चैत्र नवरात्रि का सांतवा दिन है। आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा की विधान है। मान्यता है कि मां की पूजा करने से व्यक्ति को उसके हर पाप से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही शत्रुओं का भी नाश हो जाता है। मां को कालरात्रि इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनका रंग काला है। इनके तीन नेत्र हैं। मां के हाथ में खड्ग और कांटा है। मां का वाहन गधा है। इनका स्वरूप आक्रामक व भयभीत करने वाला है। आइए जानते हैं नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा कैसे की जाती है। पढ़ें आरती, मंत्र, भोग, कथा, पूजा विधि। इस दिन सुबह के समय उठ जाना चाहिए और सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें। फिर मां की पूजा आरंभ करें। सर्वप्रथम गणेश जी की अराधना करें। कलश देवता की विधिवत पूजा करें। इसके बाद मां को अक्षत, धूप, रातरानी के पुष्प, गंध, रोली, चंदन अर्पित करें। इसके बाद पान, सुपारी मां को चढ़ाएं। घी या कपूर जलाकर माँ की आरती करें। व्रत कथा सुनें। मां को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें। अपनी सामर्थ्यनुसार ब्राह्यणों को दान दें। इससे आकस्मिक संकटों से रक्षा करती हैं। मां कालरात्रि की कथा: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार कैलाश पर्वत पर मां पार्वती की अनुपस्थिति में दुर्गासुर नामक राक्षस हमला करने की कोशिश कर रहा था। उस राक्षस का वध करने के लिए देवी पार्वती ने कालरात्रि को...

Maa Kalratri Ki Aarti आज करें मां कालरात्रि के कवच और आरती का पाठ दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

Maa Kalratri Ki Aarti: मां दुर्गा के रौद्र रूप काली, भद्रकाली, महाकाली का ही एक स्वरूप मां कालरात्रि हैं। मां कालरात्रि का पूजन नवरात्रि की सप्तमी तिथि को किया जाता है। काली मां को कलियुग में प्रत्यक्ष फल देने वाली देवी माना जाता है। मान्यता है कि मां कालरात्रि के पूजन से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। मां कालरात्रि काल पर भी विजय प्रदान करती हैं। मां कालरात्रि का विकराल रूप दैत्यों, भूत-प्रेत के नाश के लिए, जबकि वो भक्तों को शुभफल प्रदान करती हैं। इस कारण ही मां को शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि के पूजन में रातरानी के फूल और गुड़ जरूर चढ़ाएं। ऐसा करने से मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी तरह के भय और दुख दूर करती हैं। ललाटेसततंपातुदुष्टग्रहनिवारिणी॥ रसनांपातुकौमारी भैरवी चक्षुणोर्मम कहौपृष्ठेमहेशानीकर्णोशंकरभामिनी। वíजतानितुस्थानाभियानिचकवचेनहि। तानिसर्वाणिमें देवी सततंपातुस्तम्भिनी॥ मां कालरात्रि की आरती - कालरात्रि जय-जय-महाकाली। काल के मुह से बचाने वाली॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतार॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥ खडग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥ रक्तदंता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥ ना कोई चिंता रहे बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥ उस पर कभी कष्ट ना आवें। महाकाली मां जिसे बचावे॥ तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि मां तेरी जय॥ डिस्क्लेमर ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर...

navratri 2020 maa kalratri ki aarti puja vidhi mantra today is saptami tithi worship maa kalratri with this aarti while worshiping maa kalratri rdy

Navratri 2020: आज है सप्तमी तिथि, मां कालरात्रि की पूजा के समय इस आरती से करें मां कालरात्रि की आराधना इस समय शारदीय नवरात्रि पर्व चल रहा है. आज नवरात्रि की सप्तमी तिथि है. इस दिन मां भवानी के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, दुर्गा मां की पूजा के लिए सप्तमी तिथि बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है. सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है. Navratri 2020: इस समय शारदीय नवरात्रि पर्व चल रहा है. आज नवरात्रि की सप्तमी तिथि है. इस दिन मां भवानी केसातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, दुर्गा मां की पूजा के लिए सप्तमी तिथि बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है. सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती है, इस कारण इनका नाम कालरात्रि पड़ गया. देवी कालरात्रि तीन नेत्रों वाली माता है. उनके समस्त अंग बिजली के समान विक्राल है. यह काले रंग और अपने विशाल बालों को फैलाए हुए चार भुजाओं वाली दुर्गा माता है. नवरात्रि के सातवें दिन यानि आज मां कालरात्रि की यह आरती अत्यंत जरूरी होती है...