मकर संक्रांति कब मनाई जाती है

  1. makar sankranti 2023 why is makar sankranti celebrated makar sankranti date and time in hindi swt
  2. मकर संक्रांति उत्तराखंड. Makar sankranti Uttarakhand
  3. Makar Sankranti 2023: जानें, कब है मकर संक्रांति का त्यौहार 14 या 15 जनवरी
  4. मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का महत्व
  5. मकर संक्रांति 2022 14 या 15 जनवरी कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
  6. मकर सक्रांति क्या है यह कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति का महत्व


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Makar Sankranti 2023: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?, क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए इसके पीछे की कहानी सनातन धर्म में मकर संक्रांति को खास महत्व दिया गया है. इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर हर कोई कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं साल 2023 में मकर संक्रांति कब है, इसकी शुरुआत कैसे हुई, इसके पीछे की कहानी क्या है. Makar Sankranti 2023: सनातन धर्म में मकर संक्रांति को खास महत्व दिया गया है. इस दिन सूर्य देवता, मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी के साथ मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है. इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर हर कोई कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं साल 2023 में मकर संक्रांति कब है, इसकी शुरुआत कैसे हुई. इसके पीछे की कहानी क्या है. पिछले साल भी मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) को लेकर लोग असमंजस में थें. इस साल भी मकर संक्रांति को लेकर लोग कंफ्यूज है. लेकिन आपको बता दें इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को नहीं, 15 जनवरी को मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि हिंदू पंचांग में सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 12 मिनट पर मकर राशि में गोचर में प्रवेश करेंगा. जबकि उदय 15 जनवरी को हो रही है. इस लिए मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. साल 2023 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti Date) 15 जनवरी दिन रविवार को पड़ रहा है. मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी 2023 सुबह 8 बजकर 57 मिनट रहेगी. पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 5:46 बजे तक रहेगा. दोपहर (अवधि - 10 घंटे 31 मिनट) और मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और रात 9:00 बजे समाप्त होगा (अवधि - 1 घंटा 45 मिनट). ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया, पहली बार मकर ...

मकर संक्रांति उत्तराखंड. Makar sankranti Uttarakhand

देवभूमि उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं रीति-रिवाजों के लिए भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उत्तराखंड को लोकपर्वों का शहर भी कहा जाता है। यहां पर प्रकृति के हर नए रूप धारण करने में एवं किसी भी ऐतिहासिक महत्व को संजोने के लिए लोक पर्व आयोजित किए जाते हैं। उन्हीं लोक पर्वों में से एक है मकर संक्रांति जोकि उत्तराखंड में बड़ी ही धूमधाम एवं आस्था भाव के साथ मनाया जाता है। देवभूमि उत्तराखंड के आज के इस लेख में हम आपको मकर संक्रांति उत्तराखंड ( Makar sankranti Uttarakhand) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। मकर सक्रांति कब है और उत्तराखंड में मकर सक्रांति किस तरह से मनाई जाती है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना। Table of Contents • • • • • • • • • • • • मकर संक्रांति उत्तराखंड. Makar sankranti Uttarakhand मकर संक्रांति भारत के प्रमुख लोक पर्व में से एक है जो कि जनवरी माह में मनाया जाता है। मकर सक्रांति की पौराणिक महत्व के बारे में जाने तो पता चलता है कि भगवान सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उनके इस राशि में प्रवेश करने के दौरान पर्व मनाया जाने का प्रचलन भारतीय सभ्यता में शुरुआत से ही रहा है। इसलिए हर वर्ष बड़ी ही धूमधाम एवं आस्था भाव के साथ मकर सक्रांति पर्व आयोजित किया जाता है। बताना चाहेंगे कि मकर सक्रांति न केवल भारत का हिंदू पर्व है बल्कि इसे नेपाल में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन देव जी धरती पर अवतरित होते हैं। जिससे आत्मा को मोक्ष प्राप्त होती है अंधकार का नाश एवं प्रकाश का स्वागत होता है। इस तरह से मकर सक्रांति पर अपने ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्...

Makar Sankranti 2023: जानें, कब है मकर संक्रांति का त्यौहार 14 या 15 जनवरी

• 4 hours ago • 7 hours ago • 7 hours ago • 8 hours ago • 10 hours ago • 10 hours ago • 10 hours ago • 10 hours ago • 11 hours ago • 13 hours ago • 13 hours ago • 14 hours ago • 15 hours ago • 16 hours ago • 17 hours ago • 19 hours ago • 21 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 38.8°C Makar Sankranti 2023: यूं तो हर महीने सूर्य देव एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं लेकिन जब यह अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इसे साल की सबसे बड़ी संक्रांति का नाम दिया जाता है। इस दिन किया हुआ दान-पुण्य कभी खाली नहीं जाता। इस पर्व को देव दान पर्व के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो सूर्य के राशि परिवर्तन के हिसाब से मनाया जाता है। वैसे तो लगभग हर बार यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन वर्ष 2023 में कुछ ज्योतिषिय फेरबदल के कारण इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति पड़ रही है। तो आइए जानते हैं, इस बार क्यों 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति और इस दिन बन रहे हैं, कौन से शुभ योग। 1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें Rahu Ketu Transit 2023-24:18 महीने के लिए होने जा रहा है राहु-केतु का गोचर जानें, कन्या राशि का हाल • Guru Pradosh: शत्रु को अपना मित्र बनाने के लिए आज करें यह आसान उपाय Why Makar Sankranti will be celebrated on 15th January 15 जनवरी को क्यों मनाई जाएगी मकर संक्...

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का महत्व

भारत देश में हर साल हजारों त्यौहार मनाये जाते है। इन सभी त्योहारों के पीछे महज सिर्फ परंपरा या रूढ़िवादी बातें नहीं होती है, हर एक त्यौहार से जुड़ा होता है ज्ञान, विज्ञान और विश्वास। हर साल 14 या 15 जनवरी को हिन्दूओं द्वारा मनाये जाने वाला त्यौहार मकर संक्रांति को ही लें, तो यह पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है अतः यह न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि एक मौसमी परिवर्तन भी है। भारत मे बड़े पैमाने पर मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से एक मकर संक्रांति, विभिन्न संस्कृतियों में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। तो चलिए देखते है। मकर संक्रांति कब कैसे और क्यों मनाई जाती है साथ ही इसका महत्व क्या है। मकर संक्रांति कब होती है? / Makar Sankranti Kab Manai Jati hai? हर साल मकर संक्रांति एक निश्चित तिथि पर मनाई जाती है जो हर साल 14 जनवरी को होती है। मकर संक्रांति जनवरी के महीने में शीतकालीन संक्रांति के रूप में मनाई जाती है। यह वह दिन है जब सूर्य कर्क राशि से मकर नक्षत्र या राशि में प्रवेश करता है। यह सर्दियों के मौसम की समाप्ति और नई फसल के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है। मकर संक्रांति का महत्व / Makar Sankranti ka mehtav एक साल मे 12 बार संक्रांति आती है, हर महीने मे एक संक्रांति। यह वर्ष के वो बारह दिन होते हैं जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि मे प्रवेश करता है। लेकिन मकर राशि में इसके प्रवेश का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति से सूर्य अपनी उत्तरवर्ती यात्रा शुरू करता है, अर्थात उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। जो सर्दियों के महीने के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। यह माघ महीने की शुरुआत भी होती है। मकर संक्रां...

मकर संक्रांति 2022 14 या 15 जनवरी कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति को लेकर सुधा डेयरी ने विशेष तैयारी की है। डेयरी के मार्केटिंग असिस्टेंट देवेंद्र कुमार ने बताया कि इसके लिए एक लाख लीटर दूध का स्टाक किया गया है। मंगलवार को 15 हजार लीटर दूध और चार ङ्क्षक्वटल दही बेचा गया है। अन्य दिनों में सात से आठ हजार लीटर दूध और एक ङ्क्षक्वटल दही की बिक्री होती है। बताया कि एक से 15 किलो के जार में दही तैयार किया गया है। पर्व को लेकर बाजार में बढ़ी रौनक मकर संक्रांति को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है। इस दिन दही-चूड़ा के साथ तिल और तिल से बने सामग्री का विशेष महत्व होता है। 260 रुपये से लेकर 280 रुपये किलो बिक रहा तिलकुट बाजार में चीनी से बने तिलकुट की कीमत 260 रुपया प्रति किलो, गुड वाले तिलकुट का 280 रुपया प्रति किलो और खोआ वाला तिलकुट 350 रुपया प्रति किलो बिक रहा है। इसके साथ ही 60 रुपया प्रति किलो, चूड़ा 28 रुपया प्रति कलो, भूंजा चूड़ा 40 रुपया किलो, तिल काला 120 रुपया किलो, सादा तिल 200 रुपया किलो, गुड टीन 40 रुपया किलो, गुड ढेला 60 रुपया किलो, तिलकुट लोकर 200 रुपया किलो और बादाम 120 रुपया प्रति किलो बिक रहा है।

मकर सक्रांति क्या है यह कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति का महत्व

मकर सक्रांति क्या है यह कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति का महत्व भारत एक ऐसा देश है.जहां पर अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं और भारत में हर साल कई ऐसे खुशी के अवसर आते हैं जो कि त्योहारों की तरह ही धूमधाम से मनाये जाते हैं क्योंकि भारत में सभी धर्म के लोग रहते हैं लेकिन ज्यादातर हिंदू धर्म के लोग ही रहते हैं इसलिए हर साल हिंदू धर्म के त्योहारों को ज्यादा मनाया जाता है.हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.कि दूसरे धर्म के लोगों के त्योहारों को मनाने में कोई रोक है.सभी धर्म के लोग अपने अपने त्योहारों को खुशी से मनाते हैं . हिंदू धर्म में ज्यादा त्यौहार आते हैं क्योंकि हिंदू धर्म लोगों की आस्था देवी देवताओं के साथ ज्यादा जुड़ी हुई होती है.भारत में हर साल अलग-अलग प्रकार से कई चीजों की पूजा की जाती है.कई जगह पर पत्थरों की पूजा होती है.तो कहीं जगह पर पेड़ों की पूजा होती है.इसके अलावा कई जगह नदियों व तालाबों की पूजा होती है.क्योंकि हमारे देश में हर साल की पूजा होती है. नदियों की पूजा पूजा पूजा पूजा देवी देवताओं की पूजा होती है.क्योंकि हमारे देश के लोगों का मानना है.कि हम किसी भी भगवान की पूजा करते हैं तो भगवान हमें कभी निराश नहीं करते इसी तरह से हमारे देश में सभी प्रकृति के अंगों को देवो स्थान दिया गया है.इसीलिए हमारे देश में सूर्य देवता शनि देवता जल देवता अग्नि देवता जैसे देवों की भी पूजा की जाती है.तो इस ब्लॉग में हम आपको सूर्यदेव से जुड़े हुए एक ऐसे ही पर्व के बारे में बताने वाले हैं इस ब्लॉग में आपको मकर संक्रांति के त्योहार के बारे में बताएंगे यह त्योहार भारत में मनाए जाने वाला एक बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है.इस ब्लॉग में हम आपको मकर सक्रांति कब कैसे और क्यों मनाई जाती है.इसके ...