Nimoniya ke lakshan

  1. निमोनिया के लक्षण और घरेलू उपचार
  2. निमोनिया होने के कारण लक्षण और उपचार
  3. निमोनिया के घरेलू उपाय
  4. पागलपन ख़त्म करने का इलाज की दवा और लक्षण कारण


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निमोनिया के लक्षण और घरेलू उपचार

न्युमोनिया जो एक बहोत ही गंभीर रोग है, न्युमोनिया यह रोग अक्सर छोटे बच्चो में देखा जाता है और यह छोटे बच्चो के लिए बहोत ही खतरनाक है. इस बीमारी के कारण हर साल दुनिया भर में हजारों बच्चों की मृत्यु हो जाती है. न्युमोनिया को तुरंत पहचानकर इसका इलाज करवाना बहोत जरुरी है. ऐसा जरुरी नहीं की न्युमोनिया सिर्फ बच्चो को होता है. न्युमोनिया यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. जब फेफड़ों में लगातार दर्द रहने लगे तो न्युमोनिया कहलाता है. यह मुख्यः रूप से ठंड लग जाने के कारण तथा फेफड़ों में सूजन आ जाने से हो जाता है. सर्दी, गर्मी में परिवर्तन एका एक पसीना आना, जीवाणुओं द्वारा संक्रमण आदि के कारण हो जाता है. इस बीमारी में फेफड़ों में कफ बढ़ जाता है. छाती में तेज दर्द रहता है. रोगी को बेहोशी आने लगती है. श्वास लेने में कष्ट होता है और खाँसी की भी शिकायत रहती है. लगभग 45 करोड़ लोगों को न्युमोनिया का प्रभाव होता है और इसके कारण लगभग 4 लाख मृत्यु होती हर साल होती है. हम आपको इस लेख में न्युमोनिया के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे जैसे की न्युमोनिया क्या होता है और उसके लक्षण क्या है और न्युमोनिया क्यू होता है और न्युमोनिया के घरेलु उपचार. 7 निमोनिया के बारे में पूछे जाने वाले कुछ प्रशन निमोनिया क्या है? (nimoniya kya hai?) निमोनिया यह रोग मुख्य रूप से विषाणु या जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है. यह बैक्टीरिया, वायरस अथवा पेरासाइट्स के कारण भी हो सकता है. निमोनिया से फेफड़े में एक सूजन वाली परिस्थिति उत्पन हो जाती है और फेफड़ों में लगातार दर्द रहने लगता है.निमोनिया में रोगी को बेहोशी आने लगती है और श्वास लेने में कष्ट होता है और खाँसी की भी शिकायत रहती है. निमोनिया के कुछ मुख्य प्रक...

निमोनिया होने के कारण लक्षण और उपचार

निमोनिया होने के कारण लक्षण और उपचार | Nimoniya ke lakshan aur upchar निमोनिया कई संभावित कारणों से फेफड़ों का संक्रमण है।यह एक गंभीर और जानलेवा बीमारी हो सकती है। यह आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरल या फंगल संक्रमण से शुरू होता है। फेफड़े सूज जाते हैं, और फेफड़ों के अंदर हवा की छोटी थैली या एल्वियोली द्रव से भर जाती है। निमोनिया युवा और स्वस्थ लोगों में हो सकता है । लेकिन यह वृद्ध वयस्कों, शिशुओं, अन्य बीमारियों वाले लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए सबसे खतरनाक है।निमोनिया फेफड़ों का एक संक्रमण है । जो सभी उम्र के लोगों में हल्की से गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यहदुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण के कारण मौतकाप्रमुख कारणहै। निमोनिया के लिए उच्च जोखिम वाले लोगों में वृद्ध वयस्क, बहुत युवा और अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग शामिल हैं। तो आओ जानते हैं निमोनिया होने के कारण लक्षण और उपचार के बारे में । निमोनिया होने के कारण | nimoniya hone ke karan निमोनिया के 30 से अधिक विभिन्न कारण होते हैं । और उन्हें कारण के आधार पर समूहीकृत किया जाता है।निमोनिया होने के मुख्य कारण हैं । बैक्टीरियल निमोनिया | bacterial nimoniya स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया है । यह आमतौर पर तब होता है जब शरीर किसी तरह से कमजोर हो जाता है । जैसे कि बीमारी, खराब पोषण, बुढ़ापा, या बिगड़ा हुआ प्रतिरक्षा, और बैक्टीरिया फेफड़ों में अपना काम करने में सक्षम होते हैं।बैक्टीरियल निमोनिया सभी उम्र को प्रभावित कर सकता है । लेकिन यदि आप शराब का दुरुपयोग करते हैं । सिगरेट पीते हैं, दुर्बल हैं, हाल ही में सर्जरी हुई है, श्वसन रोग या वायरल संक्रमण है, या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है,...

निमोनिया के घरेलू उपाय

घरेलू उपाय निमोनिया का इलाज नहीं कर सकते लेकिन उनका उपयोग इसके लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। ये उपाय आपके डॉक्टर द्वारा किये जा रहे इलाज में दखल नहीं डालेंगे। हालांकि आप इन उपायों का प्रयोग अपने डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह के साथ साथ भी कर सकते हैं। (और पढ़ें - तो आज हम आपको कफ, छाती का दर्द आदि से राहत दिलाने के लिए कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनके इस्तेमाल से आपको बहुत जल्द आराम मिलेगा। लेकिन अगर आपके लक्षण बहुत ज़्यादा गंभीर होने लगें तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं। • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • निमोनिया में आपको शुरुआत में खांसी हो सकती है। यह लक्षण 24 घंटों के भीतर या कुछ दिनों में भी दिखाई दे सकता है। खांसी से आपके फेफड़ों में जमा द्रव को बाहर निकालने में आसानी होती है जिससे शरीर के संक्रमण दूर होते हैं। तो आप जब भी खांसे अच्छे ढंग से खांसे। लेकिन थोड़ा कम खांसे क्योंकि ज़्यादा तेज़ खांसने से आपको सीने में दर्द या जलन हो सकती है। ठीक होने के दौरान या बाद में भी (और पढ़ें - तिल का तेल गले के बलगम को निकालने में मदद करता है। यह प्राकृतिक कफोत्सारक (expectorant) के रूप में भी काम करता है। (और पढ़ें - तिल के तेल का इस्तेमाल कैसे करें - • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच तिल के तेल को मिला दें। • अब उसी में • इस मिश्रण को छान लें और एक चम्मच शहद और चुटकीभर नमक को मिला दें। • अब इस मिश्रण को रोज़ाना एक बार ज़रूर पियें। (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं...

पागलपन ख़त्म करने का इलाज की दवा और लक्षण कारण

पागलपन का इलाज के उपाय और दवा यह एक मानसिक बीमारी होती है, जिसमे रोगी मतिभ्र्रम, कुछ भी बोलना, चेतना क्षीण होना, उलटी सीधी हरकते करना आदि शामिल होते है. इसमें रोगी को पता ही नहीं होता और वह कुछ भी बोलता रहता है, कैसी भी हरकत कर देता है. अगर घरेलु नुस्खे उपाय का सही से प्रयोग किया जाए तो इस रोग से काफी जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है. इसके लिए रोगी को योग प्राणायाम का सहारा भी लेना चाहिए, मानसिक रोग में योग ध्यान से बड़ी कोई दवा नहीं होती, इसके साथ ही प्राकृतिक जीवनशैली भी इसमें बहुत लाभ करती है. चलिए आगे जानते है madness treatment ayurvedic in Hindi language. • यह भी जरूर पड़ें • • • • पागलपन के कारण • किसी हादसे के होने से • दिल या दिमाग पर चोंट लगने से • कोई बुरी खबर सुनने से • सदमे में रहने के कारण • ख़राब भोजन के कारण • जहरीली चीजों के सेवन से • विपरीत और अप्राकृतिक भोजन करने से • ज्यादा डरने से • ज्यादा दुःख होने के कारण • ज्यादा सोच विचार करने से • चिंता और मानसिक तनाव ज्यादा होने के कारण • ज्यादा सम्भोग के कारण पागलपन के लक्षण • मतिभ्रम होना • मुंह से लार आते रहना लक्षण है • साफ़ सफाई न रखना • सोचने समझने की शक्ति ख़त्म होना • डर लगना लक्षण • कुछ भी बोलते रहना • बिना वजह रोना और हंसना • नंगे होकर घूमना • उलटी सीधी हरकते करना • बच्चों जैसे हरकते करना लक्षण • आंखों का इधर उधर घूमना • आदि ऐसे में रोगी का मस्तिष्क नष्ट हो जाता है जिस वजह से उसकी बुद्धि ठीक से काम नहीं करती और वह बच्चों जैसी, उलटी सीधी, आदि बताई गई हरकरते करने लगता है. इन लक्षण को देख कर आप पागलपन की पहचान कर सकते है. पागलपन की दवा और इलाज Pagalpan Ka ilaj in Hindi • सारस्वतारिष्ट (Saraswatarishta) – इस पागलपन ...