परगो बीमारी डॉग ट्रीटमेंट

  1. पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)
  2. Dog Donate Blood: Doggy Saved His Life By Giving Blood To His Brother, Know What Is The Whole Matter Ann
  3. Parvovirus: डॉग लवर्स हो जाएं सावधान, तेजी से फैल रहा है खतरनाक पार्वो वायरस, ऐसे करें बचाव
  4. ऑटिज़्म (Autism): कारण, लक्षण, बचाव, निदान और उपचार
  5. कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट में दी जानें वाली इन थेरिपी के बारे में जाने यहां
  6. एंग्जायटी का होम्योपैथिक इलाज और दवा
  7. Dog Donate Blood: Doggy Saved His Life By Giving Blood To His Brother, Know What Is The Whole Matter Ann
  8. एंग्जायटी का होम्योपैथिक इलाज और दवा
  9. ऑटिज़्म (Autism): कारण, लक्षण, बचाव, निदान और उपचार
  10. पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)


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पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)

Table of Contents • • • • • • • • पीसीओडी का क्या मतलब होता है? पीसीओडी फुल फॉर्म ‘पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज’ होता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में पीसीओडी कहते हैं। यह महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हार्मोन में असंतुलन के कारण होती है। पीसीओडी से पीड़ित महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है एवं अंडाशय पर सिस्ट बनने लगते हैं। पीसीओडी में प्रेगनेंसी हासिल करना एक महिला के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पीसीओडी के कारण पीसीओडी के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन निम्नलिखित को इसके मुख्य कारणों में गिना जाता है: • अस्वस्थ जीवनशैली • निष्क्रिय जीवनशैली • खान-पान में लापरवाही • शारीरिक गतिविधि नहीं करना • पीरियड्स में असंतुलन होना • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं करना • आनुवंशिक कारण • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना • अचानक से वजन बढ़ना यानी मोटापा होना • सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन करना पीसीओडी के लक्षण पीसीओडी के लक्षण पर ध्यान देकर इसे गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। पीसीओडी के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं: • • शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना • बाल झड़ना • श्रोणि में दर्द होना • वजन बढ़ना • मुहांसे आना • बांझपन की शिकायत होना • त्वचा तैलीय होना • ब्लड प्रेशर बढ़ना • दूसरे हार्मोन में असंतुलन होना • नींद नहीं आना • थकान महसूस करना • • मूड में अचानक बदलाव आना अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करती हैं तो जल्द से जल्द स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। उपचार शुरू होते ही आप खुद में पीसीओडी ठीक होने के लक्षण अनुभव करना शुरू कर सकती हैं। पीसीओडी मेडिकल जांच विशेष रूप से पीसीओडी का मेडिकल जांच यानी निदान...

Dog Donate Blood: Doggy Saved His Life By Giving Blood To His Brother, Know What Is The Whole Matter Ann

Dog Donate Blood in Jodhpur: इंसानों को खून की जरूरत हो तो किसी भी इंसान के उसी ग्रुप का खून चढ़ाकर उसकी जान बचा ली जाती है. इसकी जागरूकता के लिए आपने ब्लड डोनेशन कैंप व ब्लड बैंक देखे होंगे आज जोधपुर पशु चिकित्सालय में एकस्पिट्सडॉग इलाज के लिए लाया गया डॉग में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम थी ऐसे में डॉक्टर ने डॉग के मालिक को उसके सिबलिंग को ढूंढ कर लाने के लिए कहा तो डॉग के मालिक ने अपने डॉग की बहन डॉगी को अस्पताल लेकर पहुंचा डॉक्टर के अनुसार जोधपुर के वेटरनरी हॉस्पिटल का यह पहला मामला है. जब इस तरह से एक डॉग का ब्लड दूर से डॉग को चढ़ाया गया ब्लड चढ़ाने के बाद बीमार डॉग बिल्कुल स्वस्थ हैं. क्या है पूरा मामला जोधपुर के रहवासी नारायण जोशी का पालतू डॉग टॉफी जोकिस्पिट्स ब्रीडका है उसके बीमार होने पर उसको जांच के लिए रातानाडा स्थित पशु चिकित्सालय में लाया गया. वहां पर पशु चिकित्सालय मैं मौजूद पशु चिकित्सक संजय कृष्ण व्यास ने डॉग का चेकअप किया चेकअप के दौरान ब्लड टेस्ट किया तो पता चला कि उसका हीमोग्लोबिन 2.7 हो गया है. जबकि आमतौर पर स्वस्थ डॉग का हिमोग्लोबिन 12 से 18 के बीच में रहता है. ऐसे में उसकी जान बचाने के लिए उसको सिबलिंग ढूंढा गया नारायण जोशी अपने टफी की सिबलिंग को लेकर आए उसके ब्लड को टफी के ब्लड मैच करवाया गया डॉक्टर ने बताया कि दोनों के ब्लड को मिक्स कर रखा गया और देखा गया कि उसका थक्का तो बन रहा हैं. थक्का नहीं जमने सिबलिंग डॉगी का ब्लड निकालने के लिए ऐसी कोई अलग पाऊँच वगैरह नहीं थी ऐसे सिरिंज में भरकर ब्लड डोनर के शरीर में ब्लड निकाला और शरीर से ही दवाई मिलाई जिससे कि खून का थक्का ना जमे और ब्लड को चढ़ाया गया एक तरफ निकाल कर दूसरी तरफ हाथों-हाथ खून चढ़ाया गया 10 द...

Parvovirus: डॉग लवर्स हो जाएं सावधान, तेजी से फैल रहा है खतरनाक पार्वो वायरस, ऐसे करें बचाव

रिपोर्ट:अनुज गौतम सागर: अगर आप कुत्ते पालने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए. इन दिनों कुत्तों में पार्वो वायरस नाम की संक्रमित बीमारी फैल रही है, जो समय पर इलाज ना मिलने की वजह से बेजुबान कुत्तों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. इस बीमारी के फैलने के पीछे कारण मौसम में हो रहे बदलाव को बताया जा रहा है. जिले के पशु चिकित्सालय में प्रतिदिन 12 से 15 कुत्तों का उपचार हो रहा है. पशु चिकित्सक और स्पेशलिस्ट नीरज सिंह का कहना है कि इस समय पार्वो वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी में कुत्ते पानी बहुत पीते हैं, कुत्ते के मुंह से झाग निकलना और बदबूदार दस्त करना, इस बीमारी की पहचान है. बीमारी का उपचार समय पर नहीं हुआ तो यह जानलेवा हो सकता है. वैक्सीन बाजार में उपलब्ध वैक्सीनेशन इस बीमारी से बचने का सबसे कारगर उपाय है.डाक्टर नीरज सिंह बताते हैं कि यह बीमारी जो छोटे डॉग यानी पपीज होते हैं, उनमें डेढ़ 2 महीने से फैलने लगती है.अभी पूरे मध्यप्रदेश में बीमारी फैली हुई है. यह बीमारी वैसे तो पहले भी इसी मौसम में होती रही लेकिन इस बार मौसम की जो कंडीशन है वह हर किसी वायरस के लिए फेवरेबल कंडीशन है. चाहे पार्गो वायरस हो या एनिमल के कोई अन्य वायरस. इसके कुछ लक्षण होते है, जिससे बीमारी की पहचान की जा सकती है. इसमें उल्टी दस्त से शुरुआत होती है. कुत्ते बहुत ज्यादा पानी पीते हैं, पानी पीने के साथ-साथ यह ठंडे में बैठे रहते हैं. छींकते हैं और मुंह से झाग निकलाते हैं इतना ही नहीं कभी-कभी बदबूदार दस्त भी आते हैं. प्रतिदिन आ रहे केस अस्पताल में प्रतिदिन कई केस आ रहे हैं. डॉक्टर्स द्वारा ट्रीटमेंट किया जा रहा है. इस वायरस की वैक्सीन है, जो लगाई जा रही है. डॉक्टर्स के मुताबिक जब दो या ढाई महीने क...

ऑटिज़्म (Autism): कारण, लक्षण, बचाव, निदान और उपचार

• • • • ऑटिज़्म (Autism) को मेडिकल भाषा में ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (autism spectrum disorder) कहते हैं। यह एक विकास संबंधी गड़बड़ी है जिससे पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में, पढ़ने-लिखने में और समाज में मेलजोल बनाने में परेशानियां आती हैं। ऑटिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिससे पीड़ित व्यक्ति का दिमाग अन्य लोगों के दिमाग की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। वहीं, ऑटिज़्म से पीड़ित लोग भी एक-दूसरे से अलग होते हैं। यानि कि आटिज्‍म के अलग-अलग मरीजों को अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि इस बीमारी के बारे में अभी तक बहुत ज्‍यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है और न ही वर्तमान में इसका कोई कम्‍प्‍लीट इलाज है। वैसे तो इस बीमारी से पीड़ित लोग नौकरी करने, परिवार और दोस्तों के साथ मेल-मिलाप करने में सक्षम होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें इसके लिए दूसरों की मदद लेनी पड़ती है। जहां कुछ ऑटिस्टिक लोगों को पढ़ने-लिखने में परेशानी होती है तो वहीं ऑटिज्‍म के कुछ मरीज या तो पढ़ने लिखने में बहुत तेज होते हैं या सामान्‍य होते हैं। परिवार, टीचर्स या दोस्‍तों के सहयोग से ये लोग नई स्किल्स सीखने में भी सक्षम होते हैं और बिना किसी सहारे के काम कर पाते हैं। कुछ स्टडीज़ में ऐसा देखा गया है कि डायग्नोसिस और इंटरवेंशन ट्रीटमेंट सर्विसेज़ की जल्द मदद से ऑटिस्टिक लोगों को सामाजिक व्यवहार और नयी स्किल्स सीखने में मदद मिलती है जिससे, वे अपना जीवन बेहतर तरीके से जी पाते हैं। Also Read • • • ऑटिज़्म के प्रकार ऑटिज़्म के तीन प्रकार निम्‍न हैं: 1.ऑटिस्टिक डिसॉर्डर (क्लासिक ऑटिज़्म): यह ऑटिज़्म का सबसे आम प्रकार है। जो लोग ऑटिज्‍म के इस डिसऑडर से प्रभावित होते हैं उन्‍हें सामाजिक व्यवहार में और अन्य लोगों से बातचीत...

कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट में दी जानें वाली इन थेरिपी के बारे में जाने यहां

अपने आसपास कैंसर (Cancer) जैसी खतरनाक बीमारी का नाम सुनते ही दिमाग में कई तरह के नकारात्मक ख्याल आने लगते हैं। कैंसर, एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है और सबसे दर्दनाक स्थिति तब होती है, जब इस बीमारी के बारे में पता आखिरी चरण में जाकर लगता है। समय पर ठीक इलाज और देखभाल कर ली जाए, तो कैंसर को आसानी से मात दिया जा सकता है। कैंसर के उपचार (Treatment) के लिए आज के समय कई नए और एडवासं ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं। ऐसी बहुत सी ऐसी थेरिपीज आ चुकी है, जो कैंसर के लिए इलाज के लिए बेस्ट साबित हुई हैं। हम यहां बात करेंगें उन और पढ़ें : कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट (Advanced Cancer Treatment) 1-पर्सनलाइज्ड और प्रीसीजन मेडिसिन (Personalized And Precision Medicine) कई शोधकर्ताओं ने पाया है कि कैंसर हर मरीज में अलग-अलग एक्टिविटिज करता है। ऐसे में पर्सनलाइज्ड और प्रीसीजन मेडिसिन ट्रीटमेंट में डॉक्टर्स ट्यूमर को आसानी से समझ पाते हैं। इसमें जीव परिवर्तन और म्यूटेशन की मदद से डॉक्टरों को यह तय करने में आसानी हो जाती है कि टार्गेटेड ट्रीटमेंट्स (Targeted Treatments) कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट में टार्गेटेड ट्रीटमेंट की अहम भूमिका है। इसमें उन जीन, प्रोटीन्स और रक्त कोशिकाओं पर गौर किया जाता है, जो कैंसर सेल्स को बढ़ाने में सहायक होते हैं। टार्गेटेड ट्रीटमेंट्स के उदाहरण • त्रास्तुज़ुमाब (Trastuzumab) या हरसेप्टिन (Herceptin) दवाई के जरिए कैंसर का इलाज होता है जिसमें एचईआर -2 जीन म्यूटेशन होता है। हरसेप्टिन इम्यून टार्गेटेड थैरेपी का एक उदाहरण है। यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज की श्रेणी में आता है। • एफेटीनिब (Afatinib) या गिलोट्रिफ (Gilotrif) और सेटूक्सीमैब (Cetuximab) या इरबिटुक्स (Erbitux) जैसी दवाईयां कैंसर में ई...

एंग्जायटी का होम्योपैथिक इलाज और दवा

• • • यौन स्वास्थ्य • • • • • • • महिला स्वास्थ्य • • • • • • • त्वचा की समस्या • • • • बालों की समस्या • • • • • पुरानी बीमारी • • • • • • • • • • • • • • बीमारी • यौन स्वास्थ्य • पॉडकास्ट • अस्पताल खोजें • डॉक्टर खोजें • हेल्थ टी.वी. • वेब स्टोरीज • • इलाज • • • • • • • • • • योग और फिटनेस • • • • • • महिला • • • • • • अन्य विषय • • • • • • • • • • पैनिक डिसऑर्डर :यह अचानक घबराने या भय लगने की स्थिति है। गंभीर मामलों में इसमें • जनरलाइज्ड एंजाइटी डिसऑर्डर :इस स्थिति में व्यक्ति लंबे समय तक एक से अधिक विषयों के बारे में अत्यधिक • फोबिया :डर के कारण रिएक्शन को • पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) :पीटीएसडी एक विकार है जो किसी ध्यान रहे, एंजाइटीकी स्थिति गंभीर होने पर तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। चिंता के लिए सबसे आम प्रमाणित होम्योपैथिक चिकित्सक हमेशा किसी उपाय को निर्धारित करने से पहले मरीज में विशिष्ट परिस्थितियों से पीड़ित होने की प्रवृत्ति और • • • • • एथुसा साइनापियम सामान्य नाम : फूल्स पार्सले लक्षण : एथुसा साइनापियम दिमाग और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी स्थिति को ठीक करने के लिए प्रभावी है, लेकिन इस उपाय से लाभ उठाने वाले व्यक्ति • बेचैनी • घबराहट के साथ चिंता करना • फोकस करने या किसी कार्य को करने में परेशानी • ब्रेन फाग (ऐसी स्थिति जिसमें मस्तिष्क थका होता है, जिसके कारण शरीर के कार्यों में समन्वय बिगड़ जाता है) गर्मियों के महीनों में शाम के समय करीब 3 से 4 बजे के आसपास यह लक्षण बिगड़ जाते हैं, जबकि खुली हवा में रहने से लक्षणों से राहत मिलती है। एमिलीनम नाइट्रोजम सामान्य नाम : अमाइल नाइट्राइट लक्षण : एमाइलेनम नाइट्रोजम तेजी से असर करता है और निम्नलिखित...

Dog Donate Blood: Doggy Saved His Life By Giving Blood To His Brother, Know What Is The Whole Matter Ann

Dog Donate Blood in Jodhpur: इंसानों को खून की जरूरत हो तो किसी भी इंसान के उसी ग्रुप का खून चढ़ाकर उसकी जान बचा ली जाती है. इसकी जागरूकता के लिए आपने ब्लड डोनेशन कैंप व ब्लड बैंक देखे होंगे आज जोधपुर पशु चिकित्सालय में एकस्पिट्सडॉग इलाज के लिए लाया गया डॉग में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम थी ऐसे में डॉक्टर ने डॉग के मालिक को उसके सिबलिंग को ढूंढ कर लाने के लिए कहा तो डॉग के मालिक ने अपने डॉग की बहन डॉगी को अस्पताल लेकर पहुंचा डॉक्टर के अनुसार जोधपुर के वेटरनरी हॉस्पिटल का यह पहला मामला है. जब इस तरह से एक डॉग का ब्लड दूर से डॉग को चढ़ाया गया ब्लड चढ़ाने के बाद बीमार डॉग बिल्कुल स्वस्थ हैं. क्या है पूरा मामला जोधपुर के रहवासी नारायण जोशी का पालतू डॉग टॉफी जोकिस्पिट्स ब्रीडका है उसके बीमार होने पर उसको जांच के लिए रातानाडा स्थित पशु चिकित्सालय में लाया गया. वहां पर पशु चिकित्सालय मैं मौजूद पशु चिकित्सक संजय कृष्ण व्यास ने डॉग का चेकअप किया चेकअप के दौरान ब्लड टेस्ट किया तो पता चला कि उसका हीमोग्लोबिन 2.7 हो गया है. जबकि आमतौर पर स्वस्थ डॉग का हिमोग्लोबिन 12 से 18 के बीच में रहता है. ऐसे में उसकी जान बचाने के लिए उसको सिबलिंग ढूंढा गया नारायण जोशी अपने टफी की सिबलिंग को लेकर आए उसके ब्लड को टफी के ब्लड मैच करवाया गया डॉक्टर ने बताया कि दोनों के ब्लड को मिक्स कर रखा गया और देखा गया कि उसका थक्का तो बन रहा हैं. थक्का नहीं जमने सिबलिंग डॉगी का ब्लड निकालने के लिए ऐसी कोई अलग पाऊँच वगैरह नहीं थी ऐसे सिरिंज में भरकर ब्लड डोनर के शरीर में ब्लड निकाला और शरीर से ही दवाई मिलाई जिससे कि खून का थक्का ना जमे और ब्लड को चढ़ाया गया एक तरफ निकाल कर दूसरी तरफ हाथों-हाथ खून चढ़ाया गया 10 द...

एंग्जायटी का होम्योपैथिक इलाज और दवा

• • • यौन स्वास्थ्य • • • • • • • महिला स्वास्थ्य • • • • • • • त्वचा की समस्या • • • • बालों की समस्या • • • • • पुरानी बीमारी • • • • • • • • • • • • • • बीमारी • यौन स्वास्थ्य • पॉडकास्ट • अस्पताल खोजें • डॉक्टर खोजें • हेल्थ टी.वी. • वेब स्टोरीज • • इलाज • • • • • • • • • • योग और फिटनेस • • • • • • महिला • • • • • • अन्य विषय • • • • • • • • • • पैनिक डिसऑर्डर :यह अचानक घबराने या भय लगने की स्थिति है। गंभीर मामलों में इसमें • जनरलाइज्ड एंजाइटी डिसऑर्डर :इस स्थिति में व्यक्ति लंबे समय तक एक से अधिक विषयों के बारे में अत्यधिक • फोबिया :डर के कारण रिएक्शन को • पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) :पीटीएसडी एक विकार है जो किसी ध्यान रहे, एंजाइटीकी स्थिति गंभीर होने पर तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। चिंता के लिए सबसे आम प्रमाणित होम्योपैथिक चिकित्सक हमेशा किसी उपाय को निर्धारित करने से पहले मरीज में विशिष्ट परिस्थितियों से पीड़ित होने की प्रवृत्ति और • • • • • एथुसा साइनापियम सामान्य नाम : फूल्स पार्सले लक्षण : एथुसा साइनापियम दिमाग और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी स्थिति को ठीक करने के लिए प्रभावी है, लेकिन इस उपाय से लाभ उठाने वाले व्यक्ति • बेचैनी • घबराहट के साथ चिंता करना • फोकस करने या किसी कार्य को करने में परेशानी • ब्रेन फाग (ऐसी स्थिति जिसमें मस्तिष्क थका होता है, जिसके कारण शरीर के कार्यों में समन्वय बिगड़ जाता है) गर्मियों के महीनों में शाम के समय करीब 3 से 4 बजे के आसपास यह लक्षण बिगड़ जाते हैं, जबकि खुली हवा में रहने से लक्षणों से राहत मिलती है। एमिलीनम नाइट्रोजम सामान्य नाम : अमाइल नाइट्राइट लक्षण : एमाइलेनम नाइट्रोजम तेजी से असर करता है और निम्नलिखित...

ऑटिज़्म (Autism): कारण, लक्षण, बचाव, निदान और उपचार

• • • • ऑटिज़्म (Autism) को मेडिकल भाषा में ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (autism spectrum disorder) कहते हैं। यह एक विकास संबंधी गड़बड़ी है जिससे पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में, पढ़ने-लिखने में और समाज में मेलजोल बनाने में परेशानियां आती हैं। ऑटिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिससे पीड़ित व्यक्ति का दिमाग अन्य लोगों के दिमाग की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। वहीं, ऑटिज़्म से पीड़ित लोग भी एक-दूसरे से अलग होते हैं। यानि कि आटिज्‍म के अलग-अलग मरीजों को अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि इस बीमारी के बारे में अभी तक बहुत ज्‍यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है और न ही वर्तमान में इसका कोई कम्‍प्‍लीट इलाज है। वैसे तो इस बीमारी से पीड़ित लोग नौकरी करने, परिवार और दोस्तों के साथ मेल-मिलाप करने में सक्षम होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें इसके लिए दूसरों की मदद लेनी पड़ती है। जहां कुछ ऑटिस्टिक लोगों को पढ़ने-लिखने में परेशानी होती है तो वहीं ऑटिज्‍म के कुछ मरीज या तो पढ़ने लिखने में बहुत तेज होते हैं या सामान्‍य होते हैं। परिवार, टीचर्स या दोस्‍तों के सहयोग से ये लोग नई स्किल्स सीखने में भी सक्षम होते हैं और बिना किसी सहारे के काम कर पाते हैं। कुछ स्टडीज़ में ऐसा देखा गया है कि डायग्नोसिस और इंटरवेंशन ट्रीटमेंट सर्विसेज़ की जल्द मदद से ऑटिस्टिक लोगों को सामाजिक व्यवहार और नयी स्किल्स सीखने में मदद मिलती है जिससे, वे अपना जीवन बेहतर तरीके से जी पाते हैं। Also Read • • • ऑटिज़्म के प्रकार ऑटिज़्म के तीन प्रकार निम्‍न हैं: 1.ऑटिस्टिक डिसॉर्डर (क्लासिक ऑटिज़्म): यह ऑटिज़्म का सबसे आम प्रकार है। जो लोग ऑटिज्‍म के इस डिसऑडर से प्रभावित होते हैं उन्‍हें सामाजिक व्यवहार में और अन्य लोगों से बातचीत...

पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD in Hindi)

Table of Contents • • • • • • • • पीसीओडी का क्या मतलब होता है? पीसीओडी फुल फॉर्म ‘पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज’ होता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में पीसीओडी कहते हैं। यह महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हार्मोन में असंतुलन के कारण होती है। पीसीओडी से पीड़ित महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है एवं अंडाशय पर सिस्ट बनने लगते हैं। पीसीओडी में प्रेगनेंसी हासिल करना एक महिला के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पीसीओडी के कारण पीसीओडी के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन निम्नलिखित को इसके मुख्य कारणों में गिना जाता है: • अस्वस्थ जीवनशैली • निष्क्रिय जीवनशैली • खान-पान में लापरवाही • शारीरिक गतिविधि नहीं करना • पीरियड्स में असंतुलन होना • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं करना • आनुवंशिक कारण • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना • अचानक से वजन बढ़ना यानी मोटापा होना • सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन करना पीसीओडी के लक्षण पीसीओडी के लक्षण पर ध्यान देकर इसे गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। पीसीओडी के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं: • • शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना • बाल झड़ना • श्रोणि में दर्द होना • वजन बढ़ना • मुहांसे आना • बांझपन की शिकायत होना • त्वचा तैलीय होना • ब्लड प्रेशर बढ़ना • दूसरे हार्मोन में असंतुलन होना • नींद नहीं आना • थकान महसूस करना • • मूड में अचानक बदलाव आना अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करती हैं तो जल्द से जल्द स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। उपचार शुरू होते ही आप खुद में पीसीओडी ठीक होने के लक्षण अनुभव करना शुरू कर सकती हैं। पीसीओडी मेडिकल जांच विशेष रूप से पीसीओडी का मेडिकल जांच यानी निदान...