पूर्णिमा कब है मई 2023

  1. Vaisakh Purnima 2023: कब है वैशाख पूर्णिमा, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व?
  2. वैशाख पूर्णिमा 2023 व्रत दिनांक व मुहूर्त New Delhi, India
  3. Purnima Tithi In 2023 List:आने वाले साल 2023 में कब
  4. Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि
  5. पूर्णिमा 2023


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Vaisakh Purnima 2023: कब है वैशाख पूर्णिमा, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व?

Last Updated: April 26, 2023 11:31 IST Vaisakh Purnima 2023: कब है वैशाख पूर्णिमा, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व? Vaisakh Purnima का धार्मिक रूप से काफी महत्व है। यह पूर्णिमा धन की पूर्णिमा है। इसके अलावा माना जाता है कि भगवान गौतम बुद्ध को इसी दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस बार वैशाख पूर्णिमा 4 मई 2023 को रात 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी और 5 मई को पूर्णिमा रहेगी। इस दिन पुष्टिपति विनायक जयंती भी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भगवान गणेश की उचित पूजा से बहुत शुभ फल प्राप्त होते हैं। Vaisakh Purnima 2023: तिथि और शुभ मुहूर्त हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा 04 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से प्रारंभ होकर 05 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में 05 मई 2023 यानी शुक्रवार को उदय तिथि के अनुसार वैशाख पूर्णिमा और पुष्टिपति विनायक जयंती भी मनाई जाएगी. Vaisakh Purnima का धार्मिक महत्व क्या है? इस दिन हिंदू धर्म के अलावा, भगवान बुद्ध की जयंती भी मनाई जाती है।यह भगवान विष्णु के 9वें अवतार, गौतम बुद्ध की जयंती है। इस प्रकार, वैशाख पूर्णिमा हिंदू और बौद्ध अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।वैशाख पूर्णिमा कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ी हुई है। इस दिन महान ऋषि वेदव्यास ने महाकाव्य महाभारत लिखना शुरू किया था। भगवान कृष्ण ने अपने परम मित्र सुदामा को भी विनायक व्रत करने को कहा। उसके बाद सुदाम्य की दरिद्रता दूर हुई। बैसाख पूर्णिमा पर क्या करें? • यदि कड़ी मेहनत के बावजूद आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होता है तो वैशाख पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए। साथ ही कुछ उपायों से आर्थिक परेशानी भी दूर हो सकती है। • सुबह जल...

वैशाख पूर्णिमा 2023 व्रत दिनांक व मुहूर्त New Delhi, India

वैशाख पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है। इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किये जाते हैं। इसे सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार महात्मा बुद्ध के रूप में हुआ था, इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वैशाख पूर्णिमा व्रत और धार्मिक कर्म वैशाख पूर्णिमा पर व्रत और पुण्य कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि अन्य पूर्णिमा व्रत के सामान ही है लेकिन इस दिन किये जाने वाले कुछ धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं- ●वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। ●स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। ●इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान देने से गोदान के समान फल मिलता है। ●5 या 7 जरुरतमंद व्यक्तियों और ब्राह्मणों को शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है। ●इस दिन तिल के तेल के दीपक जलाएँ और तिलों का तर्पण विशेष रूप से करें। ●इस दिन व्रत के दौरान एक समय भोजन करें। वैशाख पूर्णिमा का महत्व वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई।

Purnima Tithi In 2023 List:आने वाले साल 2023 में कब

Purnima Tithi in 2023 List: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं। हिन्दू धर्म में कैलेण्डर व हिन्दू पंचाग के तिथि में चन्द्रमा के अनुसार ही बदलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पूर्णिमा के दिन दान और स्नान का बहुत ही अधिक महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान आदि करने के उपरांत श्रीसत्यनारायण की व्रत कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है। ऐसे तो प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा होती हैं लेकिन जब भी हिन्दू पंचांग में अधिकमास लगता है तब पूर्णिमा की एक तिथि और बढ़ जाती है। ऐसे में साल में 13 पूर्णिमा पड़ती हैं। आइए जानते हैं साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब कब लग रही हैं। मेष राशिफल 2023 वृषभ राशिफल 2023 मिथुन राशिफल 2023 कर्क राशिफल 2023 सिंह राशिफल 2023 कन्या राशिफल 2023 तुला राशिफल 2023 वृश्चिक राशिफल 2023 धनु राशिफल 2023 मकर राशिफल 2023 कुंभ राशिफल 2023 मीन राशिफल 2023 पूर्णिमा व्रत का महत्व ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा व्रत का काफी महत्व है। पूर्णिमा के दिन कई तरह के उत्सव भी मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। इसी के साथ पूर्णिमा के दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। इसी के साथ जो भी जातक विधि-विधान से भगवान की पूजा करता है उसका यह व्रत सफल होता है और उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। पूर्णिमा के दिन महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ मानते हैं, क्योंकि यह खराब स्वास्थ्य, नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। 2023 में पूर्णिमा तिथि की लिस्ट जनवरी में पूर्णिमा तिथि पौष पूर्णिमा व्रत, शुक्रवार, 06 जनवरी 2023 06 जनवर...

Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

• • Faith Hindi • Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट और जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट और जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि Buddha Purnima 2023 Date and Timing: गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है और इसे बुद्ध जयंती भी कहते हैं. पुराणों में बुद्ध को भगवान विष्णु को नौवां अवतार कहा गया है. Buddha Purnima 2023 Date and Timing: वैसे तो हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की आखिरी तिथि को पूर्णिम तिथि कहते हैं और इस दिन लोग व्रत व पूजा करते हैं. लेकिन वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि बेहद ही खास और महत्वपूर्ण होती हैं. इसे बुद्ध पूर्णिमा व बुद्ध जयंती कहा जाता है और हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व माना गया है. क्योंकि भगवान बुद्ध को पुराणों में भगवान विष्णु का ही नौंवा अवतार कहा गया है. इसलिए बुद्ध जयंती को भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस बार कब है बुद्ध जयंती और पूजा का शुभ मुहूर्त? Also Read: • • • बुद्ध पूर्णिमा 2023 कब है? वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख पूर्णिमा तिथि 4 मई को रात 11 बजकर 11 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन 5 मई को सुबह 11 बजकर 3 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी. इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 18 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक भी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है. बता दें कि इस बार भगवान गौतम बुद्ध की 258वीं जयंती मनाई जाएग...

पूर्णिमा 2023

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