Sardar vallabhbhai patel in hindi

  1. सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय
  2. Speech On Sardar Vallabhbhai Patel सरदार वल्लभ भाई पटेल पर भाषण
  3. 10 Lines On Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi And English Language
  4. सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi
  5. सरदार वल्लभ भाई पटेल पर हिन्दी निबंध
  6. Sardar Vallabhbhai Patel Speech in Hindi – सरदार वल्लभ भाई पटेल पर भाषण – जयंती स्पीच पीडीऍफ़ डाउनलोड – Hindi Jaankaari
  7. वल्लभ भाई पटेल
  8. 10 Lines on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi । सरदार वल्लभ भाई पटेल पर 10 लाइन
  9. Sardar Vallabh Bhai Patel story: जब सरदार पटेल के रौद्र रूप से डरी अंग्रेज सरकार...


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सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय

सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी, जीवन परिचय (जयंती, निबंध, मूर्ति, आयु, जाति) (Sardar Vallabhbhai Patel Biography, Jayanti, History, statue of unity, age, caste In Hindi, death anniversary), Sardar Vallabhbhai Patel story, politics, arrest, minister. Sardar Vallabhbhai Patel भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल एक प्रमुख व्यक्ति थे, जो बाद में भारत के पहले उप-प्रधान मंत्री और भारत देश के पहले गृह मंत्री बने। और आज़ादी के समय भारत में मौजूद 565 रियासतों को एक नए स्वतंत्र भारत में एकीकृत करने में Sardar Vallabhbhai Patel का योगदान अविस्मरणीय है। आज इस लेख में हम उसी बेमिशाल व्यक्ति के बारे में और ज्यादा जानने वाले है, जिन्हें लोकप्रिय रूप से भारत के लौह पुरुष के रूप में भी जाना जाता है, साथ ही हम यहाँ उनके जीवन, दृष्टि, विचार, उपाख्यानों और उनके आधुनिक भारत में किये गए महत्वपूर्ण योगदानों के बारे में जानेंगे, जिनके बारे में सायद ही आपको मालूम हो। नाम (Name) वल्लभभाई झावेरभाई पटेल निक नेम (Nick Name) सरदार पटेल जन्म स्थान (Birth Place) नडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत गृह नगर (Hometown) नदियाड, गुजरात जन्मदिन (date of birth) 31 अक्टूबर 1875 उम्र (Age) 75 वर्ष (मृत्यु के समय) शिक्षा (Education) कानून की डिग्री स्कूल (School) पेटलाड, गुजरात में एक स्थानीय स्कूल कॉलेज (Collage) मध्य मंदिर, इंस ऑफ़ कोर्ट, लंदन, इंग्लैंड प्रसिद्दि (Famous For) भारत के संस्थापक पिता,भारत के लौह पुरुष,भारत के बिस्मार्क पेशा (Occupation) बैरिस्टर, राजनीतिज्ञ, कार्यकर्ता राजनितिक पार्टी (Political Party) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वैवाहिक स्थिति (Marital...

Speech On Sardar Vallabhbhai Patel सरदार वल्लभ भाई पटेल पर भाषण

Speech On Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi 15 दिसंबर 2021 मेंसरदारवल्लभभाईपटेलकी 146वींपूण्यतिथिमनाईजारहीहै।भारतीयस्वतंत्रतासेनानीसरदारवल्लभभाईपटेलकोराष्ट्रपतिऔरप्रधानमंत्रीसमेतपूरादेशउन्हेंश्रद्धांजलिअर्पितकररहाहै।जगहजगहपरसरदारवल्लभभाईपटेलभाषणदिएजारहेहैं।ऐसेमेंयदिआपकोभीसरदारवल्लभभाईपटेलपरभाषणलिखनाहैतोकरियरइंडियाहिंदीआपकेलिएसबसेबेस्टसरदारवल्लभभाईपटेलभाषणड्राफ्टआईडियालेकरआयाहै।जिसकीमददसेआपस्कूलकॉलेजऔरसंगोष्ठीआदिकेलिएसरदारवल्लभभाईपटेलभाषणलिखवपढ़सकतेहैं।आइयेजानतेहैंसरदारवल्लभभाईपटेलपरभाषणहिंदीमेंकैसेलिखें। सरदारवल्लभभाईपटेलपरभाषण | Speech On Speech On Sardar Vallabhbhai Patel सबसेपहलेमंचपरपहुंचकरसभीमुख्यअतिथियोंकोप्रणामकरें, अपनापरिचयदेंऔरफिरसरदारवल्लभभाईपटेलपरभाषणशुरूकरें।आजहमयहांसरदारवल्लभभाईपटेलकीजयंतीकेअवसरपरएकत्रितहुएहैं।यहएकविशेषऔरदुर्लभअवसरहैजबहमदोकारणोंकाजश्नमनातेहैं।पहला, यहभारतकेलौहपुरुषसरदारपटेलकाजन्महैऔरदूसरा, हमभारतकीअखंडताकाजश्नमनातेहैं, जैसाकिसरदारपटेलनेकल्पनाकीथी।जैसाकिहमसभीजानतेहैंकिसरदारपटेलएकस्वतंत्रतासेनानीथे, जोबादमेंस्वतंत्रभारतकेपहलेउपप्रधानमंत्रीऔरगृहमंत्रीबने।भारतकेप्रभुत्वकोस्वीकारकरनेकेलिएछोटेराज्योंकेलिएसरदारपटेलकासबसेलोकप्रियऔरप्रशंसितकामउनकाअनुसरणहै।वेस्पष्टरूपसेएकअखंडभारतचाहतेथे, इसलिएउन्होंनेरियासतोंकोभारतीयप्रभुत्वस्वीकारकरनेकेलिएअथकप्रयासकिया।उनकीदूरदृष्टिऔरक्षमताकेकारणहीहमअखंडभारतमेंसांसलेरहेहैं। इसलिएउनकीजयंतीपूरेदेशमेंअविश्वसनीयउत्साहऔरउत्साहकेसाथमनाईजातीहै।हमनकेवलउनकाजन्मदिनमनातेहैं, बल्किउनकेबतायेगएएकताभीमनातेहैं।इसलिएइसेराष्ट्रीयएकतादिवसकेरूपमेंभीमनायाजाताहै।बतादेंकिवर्ष 2014 मेंभारतसरकारद्वाराएकअखंडभारतमेंसरदारपटेलकेप्रयासोंकीसराहनाकरन...

10 Lines On Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi And English Language

Table of Contents • • • • 10 Lines On Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi • सरदार वल्लभभाई पटेल जी का जन्म 31अक्टूबर 1875 को गुजरात राज्य के नडियाद शहर मे हुआ था। • सरदार वल्लभभाई पटेल जी के पिता जी का नाम झवेर पटेल तथा उनकी माता जी का नाम लाड़बा देवी था। • सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने करमसाद में अपनी मध्य विद्यालय की शिक्षा पूरी की थी और वर्ष 1897 में नडियाद के एक हाई स्कूल से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की थी। • सरदार वल्लभभाई पटेल ने वर्ष 1900 मे गोधरा मे वकीली की प्रेक्टिस शुरू की थी। • भारत को आजादी दिलाने में और भारत के अलग अलग राज्यों को जोड़ने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है और इसी के चलते उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। • वर्ष 1917 मे गोधरा मे मोहनदास करमचंद गाँधी से सरदार पटेल की मुलाक़ात हुयी थी और वह गाँधी जी के साथ कांग्रेस मे शामिल हुये थे। • वर्ष 1920 मे सरदार वल्लभभाई पटेल गाँधी जी के साथ असहयोग आंदोलन मे शामिल हुये थे। • वर्ष 1928 में खेड़ा आन्दोलन से सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने प्रथम संघर्ष की शुरुआत की थी और उसी वर्ष 1928 में किसानों के प्रमुख बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व भी सरदार पटेल ने किया था। • सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री रह चुके है और उन्हें वर्ष 1991 मे भारत रत्न की उपाधि देकर सम्मानित भी किया गया है। • वर्ष 1928 में सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया और उस सत्याग्रह में जीत मिलने पर बारडोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि से सम्मानित किया था। 5 Lines On Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi • 31 अक्टूबर 2014 को प्रतिवर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में म...

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi

नमस्कार सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी निबंध Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi में आपका स्वागत हैं. आज के निबंध Essay जीवन परिचय में हम लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में पढ़ेगे. जीवन की शुरुआत से आजादी के आंदोलन और भारत के गृह मंत्री बनने और मृत्यु तक के सफर को पटेल की बायोग्राफी में पढ़ेगे. सरदार पटेल की जीवनी Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi अजेय लौह पुरुष और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी में उनके जीवन परिचय, कार्यो तथा विशेष उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है. प्रत्येक भारतीय के दिलों पर राज करने वाले पटेल अपनी सुझबुझ और कार्यकुशलता में अद्वितीय थे. आजादी के समय तक भारत में 600 देशी रियासते थी, जिनका संघ भारत के साथ विलय में सरदार वल्लभ भाई का महत्वपूर्ण योगदान रहा ,जिन्हें कभी भुलाया नही जा सकता है. सरदार वल्लभ भाई पटेल निबंध Sardar Vallabhbhai Patel Essay In Hindi सरदार पटेल का जन्म- सरदार पटेल का जन्म गुजरात राज्य के नाडियाड तालुके के करमसंद गाँव में सन 1875 को हुआ था. इनके पिताजी श्री झवेर भाई एक साधारण किसान थे. जो कि साहसी और धार्मिक प्रवृति के इंसान थे. बचपन- वल्लभभाई बचपन से साहसी और संघर्ष प्रिय थे. वे विद्यालय में भारतीय छात्रों के साथ होने वाले अन्याय का प्रबल विरोध करते थे. इनकी आरम्भिक शिक्षा अपने पैतृक गाँव नाडियाड में ही हुई, बड़ोदा से इन्होने मैट्रिक पास की और पहले गोधरा में मुख्तारी का काम करने लगे. फिर बोरसद जाकर फौजदारी मुकदमे की पैरवी करने लगे. पटेल का विवाह 18 वर्ष की आयु में हुआ. विवाह के कुछ समय बाद इनकी पत्नी का आसमयिक निधन हो गया. इस तरह उनकी पत्नी एक पुत्र और पुत्री को छोड़कर चली गई, इसके...

सरदार वल्लभ भाई पटेल पर हिन्दी निबंध

स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी : सरदार पटेल ने माहात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। सरदार पटेल द्वारा इस लड़ाई में अपना पहला योगदान खेड़ा संघर्ष में दिया गया, जब खेड़ा क्षेत्र सूखे की चपेट में था और वहां के किसानों ने अंग्रेज सरकार से कर में छूट देने की मांग की। जब अंग्रेज सरकार ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया, तो सरदार पटेल, महात्मा गांधी और अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हें कर न देने के लिए प्ररित किया। अंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को कर में राहत दे दी गई। सरदार पटेल नाम यूं पड़ा : सरदार पटेल को सरदार नाम, बारडोली सत्याग्रह के बाद मिला, जब बारडोली कस्बे में सशक्त सत्याग्रह करने के लिए उन्हें पह ले बारडोली का सरदार कहा गया। बाद में सरदार उनके नाम के साथ ही जुड़ गया। योगदान : आजादी के बाद ज्यादातर प्रांतीय समितियां सरदार पटेल के पक्ष में थीं। गांधी जी की इच्छा थी, इसलिए सरदार पटेल ने खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से दूर रखा और जवाहर लाल नेहरू को समर्थन दिया। बाद में उन्हें उपप्रधानमंत्री और ग्रहमंत्री का पद सौंपा गया, जिसके बाद उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों तो भारत में शामिल करना था। इस कार्य को उन्होंने बगैर किसी बड़े लड़ाई झगड़े के बखूबी किया। परंतु हैदराबाद के ऑपरेशन पोलो के लिए सेना भेजनी पड़ी।

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Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2020: लौह-पुरुष कहलाये जाने वाले सरदार वल्ल्भ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर को गुजरात के एक किसान परिवार में हुआ था | वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे | उनके पिता का नाम झवेरभाई पटेल और माता का नाम लाडबा देवी था | खेड़ा संघर्ष के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन में उनका पहला और बड़ा योगदान रहा था | भारत की आजादी के बाद वह पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमन्त्री बने थे | भारत के एकीकरण में उनके द्वारा दिए गए योगदानों के लिए उन्हें लौह-पुरुष के नाम से जाना जाता है | आप ये sardar vallabhbhai patel speech in hindi हिंदी, गुजराती, इंग्लिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के भाषण प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये भाषण कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है| सरदार वल्लभ भाई पटेल पर भाषण 562 रियासतों का एकीकरण करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में उनके ननिहाल में हुआ. वे खेड़ा जिले के कारमसद में रहने वाले झावेर भाई पटेल की चौथी संतान थे. उनकी माता का नाम लाडबा पटेल था. उन्होंने प्राइमरी शिक्षा कारमसद में ही प्राप्त की. बचपन से ही उनके परिवार ने उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया. 1893 में 16 साल की आयु में ही उनका विवाह झावेरबा के साथ कर दिया गया था. उन्होंने अपने विवाह को अपनी पढ़ाई के रास्ते में नहीं आने दिया. 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की. 1900 में ज़िला अधिवक्ता की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, जिससे उन्हें वकालत करने की अनुमति मिली. गोधरा में वकालत की प्रेक्टिस ...

वल्लभ भाई पटेल

अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 2 खेडा संघर्ष • 3 बारडोली सत्याग्रह • 4 आजादी के बाद • 5 देसी राज्यों (रियासतों) का एकीकरण • 6 गांधी, नेहरू और पटेल • 7 लेखन कार्य एवं प्रकाशित पुस्तकें • 7.1 हिन्दी में • 7.2 अंग्रेजी में • 8 पटेल का सम्मान • 8.1 अन्य संस्थान एवं स्मारक • 8.2 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी • 9 सन्दर्भ • 10 इन्हें भी देखें • 11 बाहरी कड़ियाँ जीवन परिचय पटेल का जन्म खेडा संघर्ष स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेडा संघर्ष में हुआ। गुजरात का खेडा खण्ड (डिविजन) उन दिनों भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार पटेल, गांधीजी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी। बारडोली सत्याग्रह मुख्य लेख: बारडोली सत्याग्रह, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में हुआ एक प्रमुख किसान आंदोलन था, जिसका नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया । उस समय प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में तीस प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। पटेल ने इस लगान वृद्धि का जमकर विरोध किया। सरकार ने इस सत्याग्रह आंदोलन को कुचलने के लिए कठोर कदम उठाए, पर अंतत: विवश होकर उसे किसानों की मांगों को मानना पड़ा। एक न्यायिक अधिकारी ब्लूमफील्ड और एक राजस्व अधिकारी मैक्सवेल ने संपूर्ण मामलों की जांच कर 22 प्रतिशत लगान वृद्धि को गलत ठहराते हुए इसे घटाकर 6.03 प्रतिशत कर दिया। इस सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की। किसान स...

10 Lines on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi । सरदार वल्लभ भाई पटेल पर 10 लाइन

Table of Contents • • • • Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi आज भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। परंतु एक समय था जब भारत अपनी स्वतंत्रता को लेकर कड़ा संघर्ष कर रहा था। उस समय हमारे देश में देशभक्तों की फौज खड़ी हो गई थी। चाहे वह राजगुरू हो भगत सिंह हो गांधीजी हो या फिर सुभाषचंद्र बोस। सभी ने अपने स्तर पर भारत को आजादी दिलाने में बड़ा योगदान दिया था। इन सभी देशभक्तों की सूची में सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम भी आता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत के लिए जो योगदान दिया उसको भुलाया नहीं जा सकता है। उन्हें भारत को एक सूत्र में बांधने का श्रेय जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्तूबर 1875 को हुआ था। उनका वास्तविक नाम वल्लभ भाई झावेरभाई पटेल था। नडियाद के रहने वाले झावेरभाई पटेल और लाडबा के छह बच्चों में एक खुद सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा नडियाद, पेटलाड और बोरसाड जैसे शहरों में पूरी हुई थी। वह पढ़ाई के दौरान जहां भी रहे बड़ी ही आत्मनिर्भरता के साथ रहे। स्कूल में उनकी छवि एक साहसी और अडिग युवा के तौर पर बन गई थी। उन्होंने 22 साल की उम्र में मैट्रिकुलेशन उत्तीर्ण की थी जो कि दूसरो के मुकाबले में थोड़ा लेट थी। जब उनके आगे के करियर की बात आई तो उन्होंने बैरिस्टर के रास्ते को चुना। वह बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड की ओर रवाना हो गए। वहां पर वल्लभ भाई पटेल ने जी जान से बैरिस्टर बनने के लिए मेहनत की। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई के दौरान अपने दोस्तों की किताबें उधार लेकर मेहनत के साथ पढ़ाई की। ऐसा करके वह खुद के भविष्य के लिए बचत कर रहे थे। उनकी पत्नी का नाम झावेरबा था। उनका विवाह 1893 में हो गया थ...

Sardar Vallabh Bhai Patel story: जब सरदार पटेल के रौद्र रूप से डरी अंग्रेज सरकार...

Sardar Vallabh Bhai Patel story: खराब भोजन, असमान वेतन, अंग्रेज अधिकारियों द्वारा अशोभनीय व्यवहार एवं नस्ली भेदभाव आदि कारणों से बंबई बंदरगाह के नौसैनिकों ने सन् 1946 में विद्रोही का झंडा ऊंचा कर दिया था। अंग्रेज अधिकारियों और भारतीय नौ-सैनिकों के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी। दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े हुए थे। विद्रोह को धीरे-धीरे जन समर्थन भी मिलने लगा था। बहुत भयावह परिस्थितियां थीं। उन दिनों सरदार वल्लभभाई पटेल बम्बई का नेतृत्व कर रहे थे। किन्तु सरदार पर परिस्थिति का रंच-मात्र भी प्रभाव नहीं पड़ा था। न तो वे अधीर थे और न विचलित। Rahu Ketu Transit 2023-24:18 महीने के लिए होने जा रहा है राहु-केतु का गोचर जानें, कन्या राशि का हाल • Guru Pradosh: शत्रु को अपना मित्र बनाने के लिए आज करें यह आसान उपाय 1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें बंबई के गवर्नर ने उन्हें बुलाया और काफी रौब दिखाया। इस पर सरदार ने शेर की तरह दहाड़ कर गवर्नर से कह दिया कि वह अपनी सरकार से पूछ लें कि अंग्रेज भारत से मित्रों के रूप में विदा होंगे या लाशों के रूप में। अंग्रेज गवर्नर सरदार का रौद्र रूप देखकर कांप उठा। बाद में कुछ ऐसी परिस्थतियां बनीं कि बंबई प्रसंग में अंग्रेज सरकार को समझौता करना ही पड़ा और यह विद्रोह भारत की आजादी का तात्कालिक कारण बना।