Sarvoch nyayalaya ke pratham mukhya nyayadhish kaun the

  1. भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि कौन थे? Bharat Ki Pahli Ganatantra Divas Parade Ke Mukhya Atithi Kaun The?
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश की सूची (वर्ष 1950 से 2023 तक)
  3. अदालत में न्यायाधीश की क्या भूमिका होती है? Adalat Mein Nyayadhish Ki Kya Bhumika Hoti Hai?
  4. Political Science Sarwochch Nyayalaya Ke Pratham Mukhya NyayaDheesh Kaun The:


Download: Sarvoch nyayalaya ke pratham mukhya nyayadhish kaun the
Size: 27.78 MB

भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि कौन थे? Bharat Ki Pahli Ganatantra Divas Parade Ke Mukhya Atithi Kaun The?

भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० सुकर्णो (Dr. Sukarno) थे। • भारत एक स्वतंत्र, प्रभुत्वसम्पन्न और लोकतांत्रिक देश है, जिसने 26 जनवरी, 1950 को अपना संविधान लागू किया था। • भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम) में डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने फहराया। • संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया। by Rishav Raj

भारत के मुख्य न्यायाधीश की सूची (वर्ष 1950 से 2023 तक)

भारतीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश: भारत में अब तक 50 (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सहित) लोगों ने देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में परम्परा के मुताबिक कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्य न्यायाधीश अपनी सेवानिवृत्ति से 30 दिन पहले अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश सरकार को भेजते हैं और पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा ने केंद्र सरकार से रंजन गोगोई के नाम की सिफ़ारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीशडॉ० न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया गया है. 50वें CJI के रूप मेंडी. वाई. चंद्रचूड़पदभार ग्रहण कर रहे है जिन्होंने 9 नवंबर 2022को शपथ ली थी वह इस पद पर 10 नवंबर 2024 तक बने रहेंगे. जाने वर्ष 1950 से 2022 तक नियुक्त हुए भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों के नाम, उनकी योग्यताएँ और कार्यकाल अवधि के बारे सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है। वर्ष 1950 से 2023 तक भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची: नाम कार्यकाल अवधि न्यायालय एच. जे. कनिया 26 जनवरी 1950 से 06 नवम्बर 1951 तक मुंबई उच्च न्यायालय एम. पी. शास्त्री 07 नवम्बर 1951 से 03 जनवरी 1954 तक मद्रास उच्च न्यायालय मेहरचंद महाजन 04 जनवरी 1954 से 22 दिसम्बर 1954 तक पूर्वी पंजाब उच्च न्यायालय बी. के. मुखर्जी 23 दिसम्बर 1954 से 31 जनवरी1956 तक कोलकाता उच्च न्यायालय एस. आर. दास 01 फरवरी 1956 से 30 सितम्बर 1959 तक कोलकाता उच्च न्यायालय बी. पी. सिन्हा 01 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964 तक पटना उच्च न्यायालय पी. बी. गजेन्द्रगढ़कर 01 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966 तक मुंबई उच्च न्यायालय ए. के. सरकार 16 मार्च 1966 से 29 जून 1966 तक कोलकाता उच्च न्यायालय क...

अदालत में न्यायाधीश की क्या भूमिका होती है? Adalat Mein Nyayadhish Ki Kya Bhumika Hoti Hai?

अदालत में न्यायाधीश की भूमिका (The Role Of The Judge In The Court)— न्यायाधीश की वही हैसियत होती है जो खेलों में अंपायर की होती है। वे निष्पक्ष भाव से और खुली अदालत में मुकदमे का संचालन करते हैं। न्यायाधीश सारे गवाहों के बयान सुनते हैं और अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए सबूतों की जाँच करते हैं। अपने सामने मौजूद बयानों व सबूतों के आधार पर कानून के अनुसार न्यायाधीश ही तय करते हैं कि आरोपी सचमुच दोषी है या नहीं। अगर आरोपी दोषी पाया जाता है तो न्यायाधीश उसे सज़ा सुनाते हैं। वह कानून में दिए गए प्रावधानों के हिसाब से दोषी व्यक्ति को जेल भेज सकते हैं या उस पर जुर्माना लगा सकते हैं या एक साथ दोनों तरह की सज़ा दे सकते हैं। by Saurabh Kumar Verma

Political Science Sarwochch Nyayalaya Ke Pratham Mukhya NyayaDheesh Kaun The:

सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश कौन थे - - Who was the first Chief Justice of Supreme Court? - Sarwochch Nyayalaya Ke Pratham Mukhya NyayaDheesh Kaun The: -Political Science in hindi, Ke . N . Vanchu question answers in hindi pdf S . S . Sikaree questions in hindi, Know About Hiralal J . Kaniya Political Science online test Political Science MCQS Online Coaching in hindi quiz book Why . Th . ChandraChood Sanjay Kumar on 17-01-2023