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दशरथ कृत शनि स्तोत्र नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।



Dashrath Krit Shani Stotra Lyrics | दशरथ कृत शनि स्तोत्र लिरिक्स. Nuevas criptomonedas en gate.io on Lal Lal Chunri.



दशरथकृत शनि स्तोत्र (Dashratha Shani Sotra) Read in English. दशरथ उवाच: प्रसन्नो यदि मे सौरे ! एकश्चास्तु वरः परः ॥. रोहिणीं भेदयित्वा तु न गन्तव्यं कदाचन्.