शरद पूर्णिमा 2022

  1. Sharad Purnima 9 October 2022 Kheer Importance Health Benefit On Full Moon Night Kojagar Purnima
  2. शरद पूर्णिमा 2022 महत्व, व्रत, कथा एवं मुहूर्त
  3. Sharad Purnima 2022: Sharad Purnima date know auspicious time coincidence fasting rules and precautions
  4. Sharad Purnima 2022 date and time shubh muhurt importance know aaj ka panchang 9 october
  5. Sharad Purnima 2022:इस साल कब है शरद पूर्णिमा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  6. Sharad Purnima 2022 Date Shubh Muhurat Sharad Purnima Maa Lakshmi Puja Kheer Ke Upay
  7. Sharad Purnima 2022 know vrat vidhi and importance of this day kojagari puja lakshmi mata pujan in hindi


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Sharad Purnima 9 October 2022 Kheer Importance Health Benefit On Full Moon Night Kojagar Purnima

Sharad Purnima 2022 Kheer Importance: अश्विन माह का आखिरी दिन बहुत ही खास है. इस दिन साल की सबसे खास पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) का पर्व मनाया जाएगा. इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर 2022, रविवार को है. शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग महारास रचाया था. कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा धरती के बहुत करीब होता है. इस दिन मध्यरात्रि में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर अपने भक्तों की दुख-तकलीफें दूर करती हैं. धन-दौलत लाभ के लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है साथ ही रात में खुले आसमान के नीचे खीर रखने का विधान है. आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व. शरद पूर्णिमा पर खीर खाने का लाभ (Sharad Purnima Kheer Benefit) • शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूरा होकर अमृत की वर्षा करता है. श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार चंद्रमा को औषधि का देवता माना जाता है. • चांद की रोशनी स्वास्थ के लिए बहुत लाभकारी मानी गई हैं, इसलिए शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे चावल और दूध से बनी खीर रखी जाती हैं जिससे चंद्रमा की किरणें खीर पर पड़ती है और इसका सेवन करने से औषधीय गुण प्राप्त होते हैं. • शरद पूर्णिमा पर चांदी के बर्तन में खीर रखकर फिर उसका सेवन करने से रोगप्रतिरोधक क्षमता दोगुनी हो जाती हैं और समस्त रोगों का नाश होता है. चांदी के बर्तन में सेवन करने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण है. रिसर्च के अनुसार चांदी में प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिससे विषाणु दूर रहते हैं. यह खीर अमृत के समान मानी जाती है. • मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की खीर सेवन करने से पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती है. शरद पूर्णिणा पर रात में 10-12...

शरद पूर्णिमा 2022 महत्व, व्रत, कथा एवं मुहूर्त

गुलाबी सर्दी की अनुभूति शरद पूर्णिमा के दिन से होती है. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के समापन के पांचवे दिन आने वाली पूर्णिमा को ही ‘शरद पूर्णिमा’ कहा जाता है. शरद पूर्णिमा सनातन कैंलेडर के अनुसार आश्विन माह में आती है. इसे ‘कोजागरी पूर्णिमा’ या ‘रास पूर्णिमा’ भी कहा हैं. इस दिन किए जाने वाले व्रत को कोजागर व्रत या कौमुदी व्रत भी कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था. प्राचीन पुराणों में उल्लेखित है कि इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत बरसता हैं. उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी की रोशनी में रखने की परंपरा है. पूरे वर्ष में केवल इस दिन चन्दमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि में भ्रमण और चंद्रकिरणों का शरीर पर पड़ना बेहद ही शुभ माना जाता है. शरद पूर्णिमा 2022 में कब हैं शरद पूर्णिमा की शुरुआत आश्विन शुक्ला में 09 अक्टूबर 2022, रविवार को आएगी. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. प्राचीन मान्यताओं की मानें तो इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. रिति रिवाजों के अनुसार शरद पूर्णिमा को कोजागौरी लोक्खी (देवी लक्ष्मी) का पूजन किए जाने की मान्यता है. शरद पूर्णिमा के दिन पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में कुवांरी बालिकाएं सुबह स्नान करके सूर्य और चन्द्रमा की पूजा करती हैं. किदवंति है कि, इस दिन सच्ची श्रद्धा से पूजन करने पर मनचाहा वर की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि इस दिन शिव पार्वती के पुत्र कुमार कार्तिकेय का जन्म हुआ था. इसलिए शरद पूर्णिमा को ‘कुमार पूर्णिमा’ भी कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की विशेष रोशनी पृथ्वी पर गिरती है यह रोशनी शरीर को रोग मुक्त रखती है. इसलिये इस रात्रि क...

Sharad Purnima 2022: Sharad Purnima date know auspicious time coincidence fasting rules and precautions

Sharad Purnima: इस साल शरद पूर्णिमा के दिन कई शुभ योग बनने से इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। इस दिन को लक्ष्मी, इंद्र पूजा और कोजागिरी व्रत भी कहा जाता है। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती और महर्षि पाराशर ऋषि जयंती भी मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होती है। मान्यता है कि चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान होती हैं।शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का खास दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात में भम्रण पर निकलती है। इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर 2022, रविवार को है। शरद पूर्णिमा के दिन ये शुभ संयोग बढ़ा रहे दिन का महत्व, जानें पूजन का उत्तम मुहूर्त शरद पूर्णिमा का दिन खास- शरद पूर्णिमा के दिन बुध व शुक्र की युति से लक्ष्मीनारायण योग, सूर्य व बुध की युति से बुधादित्य योग, चंद्र और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। इसके अलावा बुध, शनि व गुरु तीनों के स्वराशि होने से भद्र, शश और हंस नामक पंचमहापुरुष योग बन रहे हैं। ऐसे में यह दिन खरीदारी के लिए काफी शुभ माना जा रहा है। शरद पूर्णिमा पर क्या करें शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अपने ईष्टदेव की अराधना करें। पूजा के दौरान भगवान को गंध, अक्षत, तांबूल, दीप, पुष्प, धूप, सुपारी और दक्षिणा अर्पित करें। रात्रि के समय गाय के दूध से खीर बनाएं और आधी रात को भगवान को भोग लगाएं। रात को खीर से भरा बर्तन चांद की रोशनी में रखकर उसे दूसरे दिन ग्रहण करें। यह खीर प्रसाद के रूप में सभी क...

Sharad Purnima 2022 date and time shubh muhurt importance know aaj ka panchang 9 october

Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा पर 16 कलाओं का होता है चंद्रमा, जानिए आज का पंचांग और पर शुभ मूहुर्त Sharad Purnima 2022: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं का होता है. इससे निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी जाती हैं. नई दिल्लीः Sharad Purnima 2022 आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं का होता है. इससे निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी जाती हैं. उत्तर और मध्य भारत में शरद पूर्णिमा की रात्रि को दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है. शरद पूर्णिमा का महत्व जानिए शरद पूर्णिमा से ही स्नान और व्रत प्रारंभ हो जाते हैं. माताएं अपनी संतान की मंगल कामना के लिए देवी-देवताओं का पूजन करती हैं. इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब आ जाता है. शरद ऋतु में मौसम एकदम साफ रहता है. इस समय में आकाश में न तो बादल होते हैं और न ही धूल का गुबार. शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्र किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है. आज का पंचांग अश्विन - शुक्ल पक्ष - पूर्णिमा - रविवार नक्षत्र - उतरा भाद्रपद महत्वपूर्ण योग - ध्रुव योग चंद्रमा का मीन पर संचरण आज का शुभ मुहूर्तः सर्वार्थ सिद्ध योग 16:20 बजे तक आज का राहुकालः 04.29 बजे - 05.55 बजे तक त्योहारः शरद पूर्णिमा, पूर्णिमा व्रत, वाल्मीकि जयंती, सत्य व्रत गुप्त मनोकामना पूर्ति के लिए चांदी के पात्र में आज सुबह आधा दूध, आधा पानी और उसमें थोड़ी सी शहद मिलाकर उत्तर पूर्व दिशा में रख दीजिए. उसी से आज सूर्यास्त के बाद और गोधुली बेला से पहले चंद्रमा को ...

Sharad Purnima 2022:इस साल कब है शरद पूर्णिमा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sharad Purnima 2022: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व होता है। आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। वैसे तो प्रत्येक माह की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन कुछ पूर्णिमा बहुत ही श्रेष्ठ मानी जाती हैं। अश्विन माह की पूर्णिमा उन्हीं में से एक है। चंद्रमा इस दिन पृथ्वी के अति निकट होता है। कहा जाता है कि इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है। साथ ही इसी दिन से सर्दियों का आगमन भी माना जाता है। शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन रात के समय मां लक्ष्मी भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों आशीर्वाद देती हैं। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा से साल भर तक धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। तो चलिए जानते हैं शरद पूर्णिमा का महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि... चौकी के ऊपर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और लाल चुनरी पहनाएं। इसके बाद लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें। मां लक्ष्मी के समक्ष लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। पूजा संपन्न होने के बाद आरती करें। फिर शाम के समय पुनः मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।

Sharad Purnima 2022 Date Shubh Muhurat Sharad Purnima Maa Lakshmi Puja Kheer Ke Upay

Sharad Purnima 2022 Maa Lakshmi Keer Upay: आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कहा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima Kab hai) ही एक ऐसा दिन होता है जब चंद्रमा 16 कलाओं के परिपूर्ण रहता है. इस दिन चंद्रदेव की पूजा के साथ-साथ मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की पूजा भी होती है. इसके अलावा इस कई स्थानों पर कोजागर लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja 2022) भी की जाती है. मान्यता यह भी है इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली रोशनी अमृत के समान होती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात में चंद्र देव 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत किरणों की वर्षा करते हैं. इस दिन चांद की रोशनी में खीर रखना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही मां लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग लगाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima Date 2022) के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए क्या करना अच्छा रहेगा. यह भी पढ़ें • Sharad Purnima: आज है शरद पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या करना रहेगा अच्छा • Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा पर इन कार्यों से मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न, जानें व्रत के दौरान क्या करें • Sharad Purnima Remedy 2022: शरद पूर्णिमा पर करें ये आसान काम, मां लक्ष्मी की कृपा से चमक उठेगी आपकी किस्मत! आश्विन मास की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है. इस बाद शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर, रविवार को है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 09 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से हो रही है. वहीं पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 10 अक्टूबर, सोमवार को देर रात 2 बजकर 24 मिनट पर होगी. इसके अलावा शरद ...

Sharad Purnima 2022 know vrat vidhi and importance of this day kojagari puja lakshmi mata pujan in hindi

पटनाः Sharad Purnima 2022: आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि सभी पूर्णिमाओं में विशेष मानी जाती है. इसे बिहार में कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. सारा उत्तर भारत इसे ही शरद पूर्णिमा कहता है. इस दिन का चांद सबसे अधिक चमकीला, निर्दोष, चांदनी से भरपूर और कई दिव्यताओं से परिपूर्ण होता है. इसे स्वच्छ और सुंदर जीवन का प्रतीक माना जाता है. अश्विन महीने की पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं, जो इस रात जाग कर देवी की पूजा करता है उससे लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं. शरद पूर्णिमा पर विशेष शुभ योग के बनने से ये पर्व और ज्यादा खास हो जाएगा. शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में विशेष सेवा-पूजा का आयोजन किया जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर 2022 को है. आइये अब जानते हैं कि घर में इस दिन की पूजा करने की सही विधि क्या है. ये है शरद पूर्णिमा व्रत विधि इस दिन प्रातःकाल उठकर व्रत का संकल्प लें और फिर किसी पवित्र नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें. इसके बाद पूजा वाली जगह को साफ़ करें और वहां आराध्य देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें, इसके बाद उन्हें सुंदर वस्त्र, आभूषण इत्यादि पहनाएँ. अब वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी और दक्षिणा आदि अर्पित करें और फिर पूजन करें. रात्रि के समय गाय के दूध से खीर बनाये और फिर इसमें घी और चीनी मिलाकर भोग लगा दें, मध्य रात्रि में इस खीर को चाँद की रोशनी रख दें. रात को बनाएं खीर रात को खीर से भरा बर्तन चांदनी में रखकर दूसरे दिन उसका भोजन करें और सबको प्रसाद के रूप में वितरित करें. पूर्णिमा के दिन व्रत करके कथा अवश्य कहनी या सुननी चाहिए. कथा कहने से पहले एक लोटे में जल और गिलास में गेहूं, पत्...