Shri krishna chalisa

  1. Shri Krishna Chalisa: श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से जनमानस का होता है उद्धार, जानें इसका अर्थ और मिलने वाले लाभ
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Shri Krishna Chalisa: श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से जनमानस का होता है उद्धार, जानें इसका अर्थ और मिलने वाले लाभ

श्रीकृष्ण भक्तों के लिए जन्माष्टमी का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह दिन कान्हा के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। नन्द गोपाल भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं जो धरती पर लोगों का उद्धार अकरने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए आए। भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई उपाय और मंत्र हैं। जातक उनके लिए व्रत करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। श्री कृष्ण चालीसा की महत्ता कहीं अधिक है। आप श्रीकृष्ण चालीसा का पाठ करें और साथ ही जानें इससे होने वाले लाभ के बारे में। श्रीकृष्ण चालीसा के पाठ से मिलते हैं ये लाभ जातक को समाज में यश मिलता है। सुख-समृद्धि का जीवन में वास होता है। आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और धन-वैभव की कमी नहीं रहती है। प्रक्रम में वृद्धि होती है। घर-परिवार में खुशियों का आगमन होता है। इतना ही नहीं, श्रीकृष्ण चालीसा का पाठ करने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं। नौकरी-व्यापार की स्थिति अछि बनी रहती है। अर्थ: भगवान श्री कृष्ण जिनके हाथों की शोभा मीठी तान वाली बांसुरी बढाती है। जिनका श्याम वर्णीय तन नील कमल के समान लगता है। आपके लाल-लाल होठ बिंबा फल जैसे हैं और नयन कमल के समान मोह लेने वाले हैं। आपका मुख कमल के ताजा खिले हुए फूल की तरह है और पीले वस्त्र तन की शोभा बढा रहे हैं। हे मन को मोह लेने वाले, हे आकर्षक छवि रखने वाले, राजाओं के भी राजा कृष्णचंद्र, आपकी जय हो। चौपाई चौपाई जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ अर्थ: हे यदु (यदुवंशी) नंदन समस्त जगत के लिए वंदनीय, वासुदेव व देवकी पुत्र श्री कृष्ण आपकी जय हो। जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ अर्थ: हे यशोदा पुत्र नंद के दुलारे आपकी जय हो। अपने भक्तों की आंख के तारे प्...

Shri Krishna Chalisa

कृष्ण चालीसा का पाठ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुणअधरजनु बिम्बफल, नयनकमलअभिराम॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज। जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥ जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो। आओ दीनन कष्ट निवारो॥ वंशी मधुर अधर धरि टेरौ। होवे पूर्ण विनय यह मेरौ॥ आओ हरि पुनि माखन चाखो। आज लाज भारत की राखो॥ गोल कपोल, चिबुक अरुणारे। मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥ राजित राजिव नयन विशाला। मोर मुकुट वैजन्तीमाला॥ कुंडल श्रवण, पीत पट आछे। कटि किंकिणी काछनी काछे॥ नील जलज सुन्दर तनु सोहे। छबि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥ मस्तक तिलक, अलक घुंघराले। आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥ करि पय पान, पूतनहि तार्‌यो। अका बका कागासुर मार्‌यो॥ मधुवन जलत अगिन जब ज्वाला। भै शीतल लखतहिं नंदलाला॥ सुरपति जब ब्रज चढ़्‌यो रिसाई। मूसर धार वारि वर्षाई॥ लगत लगत व्रज चहन बहायो। गोवर्धन नख धारि बचायो॥ लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई। मुख मंह चौदह भुवन दिखाई॥ दुष्ट कंस अति उधम मचायो॥ कोटि कमल जब फूल मंगायो॥ नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें। चरण चिह्न दै निर्भय कीन्हें॥ करि गोपिन संग रास विलासा। सबकी पूरण करी अभिलाषा॥ केतिक महा असुर संहार्‌यो। कंसहि केस पकड़ि दै मार्‌यो॥ मात-पिता की बन्दि छुड़ाई। उग्रसेन कहं राज दिलाई॥ महि से मृतक छहों सुत लायो। मातु देवकी शोक मिटायो॥ भौमासुर मुर दैत्य संहारी। लाये षट दश सहसकुमारी॥ दै भीमहिं तृण चीर सहारा। जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥ असुर बकासुर आदिक मार्‌यो। भक्तन के तब कष्ट निवार्‌यो॥ दीन सुदामा के दुख टार्‌यो। तंदुल तीन मूंठ मुख डार्‌यो॥ प्रेम के सा...

श्रीकृष्ण चालीसा मुफ्त हिंदी पीडीएफ पुस्तक

सभी Hindi Pdf Book यहाँ देखें सभी Audiobooks in Hindi यहाँ सुनें श्रीकृष्ण चालीसा पुस्तक का कुछ अंश : हिंदू धर्म के अनुसार श्री कृष्ण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। श्री कृष्ण को पूर्णावतार भी कहा जाता है क्योंकि उनके मृत्यु लोक के सभी चरणों को भोगा है। मान्यता है कि भक्ति-भाव से भगवान कृष्ण की पूजा करने से सफलता, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। कृष्ण जी को मक्खन बहुत पसंद होता है। श्री कृष्ण वंदना के लिए लोग “हरे कृष्णा हरे कृष्णा” का जाप करते हैं। साथ ही कृष्ण जी की पूजा में उनकी चालीसा को भी बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है…………. Shri Krishna Chalisa PDF Pustak Ka Kuch Ansh : Hindu Dharm ke Anusar Shri krishn ji ko Bhagwan vishnu ka avatar mana jata hai. Shri Krishn ko poornavatar bhi kaha jata hai kyonki unke mrtyu lok ke sabhi charanon ko bhoga hai. Manyata hai ki bhakti-bhav se bhagvan krishn ki pooja karne se saphalata, sukh aur shanti ki prapti hoti hai. Krishn jee ko makkhan bahut pasand hota hai. Shri krishn vandana ke liye log “Hare krishna hare krshna” ka jap karte hain. Sath hi krishn ji ki pooja mein unaki chalisa ko bhi behad Mahattvapurn mana jata hai…………. Short Passage of Shri Krishna Chalisa PDF Book : According to Hindu religion, Shri Krishna is considered an incarnation of Lord Vishnu. Shri Krishna is also called Purnavatar because he has experienced all the phases of the mortal world. It is believed that worshiping Lord Krishna with devotion brings success, happiness and peace. Krishna ji likes butter very much. People chant “Hare Krishna Har...

Krishna Chalisa Lyrics And Translation

Krishna Chalisa Lyrics In Hindi || Doha || Banshi shobhit kar madhur, neel jalad tanu shyam Arun adhar janu bimba phal, nayan kamal abhiram Puran Inder Arvind mukh, pitambar subh saj Jai Man Mohan Madan chhavi, Krishan chandra maharaj || Verses || Jai Yadunandan Jai jag vandan, Jai Vasudev Devaki nandan Jai Yashoda sut Nand dulare, Jai prabhu bhaktan ke rakhvare Jai Nat naagar Nag nathaiya, Krishna Kanhaiya dhenu charaiya Puni nakh par Prabhu Girivar dharo, Ao dinan-kasht nivaro Banshi madhur adhar dhari tero, Hove puran vinya yeh mero aao Hari puni makhan chakho, Aaj laaj bhaktan ki rakho Gol kapol chibuk arunare, Mridu muskaan mohini daare Rajit Rajiv nayan vishala, Mor mukut Vijayanti mala Kundal shravan peet put achhe, Kati kinkini kachhani kachhe Neel jalaj sundar tan sohai, Chhavi lakhi sur nar muniman mohai Mastak tilak alak ghunghrale, Ao Krishan bansuri vale Kari pai pan putanahin taryo, Aka-baka kagasur maryo Madhuvan jalat agin jab jvala, Bhe shital lakhatahin Nandlala Surpati Jab Bruj chadhyo risai, Musar dhaar vari varshai Lagat lagat Bruj chahan bahayo, Govardhan nakh dhari bachayo Lakhi Yashuda man bhram adhikai, Mukh mahan chaudah Bhutan dikhai Dusht Kans ati udham machayo, Koti kamal jab phul mangayo Nathi kaliyahin tab tum linhyo, Charan chinh dai nirbhai kinhyo Kari gopin sang raas bilasa, Sab ki puran kari abhilasa Katik maha asur sanharyo, Kanshi kesh pakadi dai maryo Mata pita ki bandi chhudayo, Ugrasen kahan raj dilayo Mahi se mritak chhahon sut layo...

श्री कृष्ण चालीसा

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