स्वपोषी पोषण किसे कहते हैं

  1. पोषण किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, और महत्व
  2. पोषण किसे कहते हैं? परिभाषा ( Poshan kise kahate hain )


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पोषण किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, और महत्व

नमस्कार दोस्तों, यदि आप विज्ञान विषय या फिर बायोलॉजी विषय के अंतर्गत रुप से रखते हैं तो आपने अक्सर पोषण के बारे में जरूर पढ़ा होगा जो कि सजीवों के लिए एक काफी महत्वपूर्ण या फिर हम कह सकते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि पोषण किसे कहते हैं पोषण के प्रकार क्या होते हैं, पोषण की आवश्यकता क्यों होती है। यदि आपको इस सवाल का जवाब मालूम नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं, कि पोषण किसे कहते हैं, और इस विषय से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी अभी हम आपको इस पोस्ट में देने वाले हैं। पोषण किसे कहते हैं? (poshan kise kahate hain) जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं, कि हमें इस पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, जंतुओं को इस पृथ्वी पर मौजूद रहने के लिए घास तथा अन्य पदार्थों की आवश्यकता होती है, इसके अलावा सभी अलग-अलग प्रकार के सजीवो को अलग-अलग प्रकार के पदार्थों की जरूरत होती है, जिसके ऊपर ही वह जिंदा रह पाते हैं तो इसी को पोषण कहा जाता है, जिसके माध्यम से हमें ऊर्जा तथा काम करने की शक्ति मिल पाती है। यदि हम यहां पर मनुष्य प्रजाति के बारे में बात की जाए तो हमें अपने शरीर को चलाने के लिए अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिनके अंतर्गत मुख्य रूप से प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज, लवण और जल आदि का नाम आता है। यह सभी चीजें हमें पोषण से ही प्राप्त होती है, तथा मनुष्य भोजन से अपना पोषण प्राप्त करता है। इसके अलावा दूसरी प्रजाति अलग-अलग चीजों से अपना पोषण प्राप्त करती है। पोषण की...

पोषण किसे कहते हैं? परिभाषा ( Poshan kise kahate hain )

विषय सूची • • • • • • • • पोषण किसे कहते हैं? ( What is nutrition ) परिभाषा ( Definition ) — जीव का शरीर अनेक सूक्ष्म कोशिकाओं का बना होता है जो कि इसकी संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाइयाँ ( structural and functional units ) होती हैं । अपने – आप को तथा पूरे जीव – शरीर को “ जीवित दशा “ में बनाए रखने के लिए शरीर की प्रत्येक कोशिका में जीव पदार्थ के घटक अणु , यानी जैवअणु , निरन्तर टूटते और बनते रहते हैं । इसे कोशिकाओं का उपापचय कहते हैं । इसमें निरन्तर खपने वाले पदार्थों को ” कच्चे माल “ के रूप में जीव अपने बाहरी वातावरण से ग्रहण करता रहता है । इसे जीव का पोषण कहते हैं । ऊर्जा – उत्पादन तथा वृद्धि एवं मरम्मत के लिए आवश्यक पदार्थ जीवों के पोषक पदार्थ कहलाते हैं । कार्बोहाइड्रेट्स , प्रोटीन्स एवं वसाएँ सभी जीवों के प्रमुख यानी दीर्घ पोषक पदार्थ होते हैं । स्वपोषी तथा परपोषी पोषण ( Autotrophic and Heterotrophic Nutrition ) पोषण विधि के अनुसार , जीव – जगत् में दो प्रकार के जीव होते हैं ; ( 1 ). स्वपोषी ( Autotrophic ) ( 2 ). परपोषी ( Heterotrophs ) ( 1 ). स्वपोषी जीव ( Autotrophic ) परिभाषा ( Definition ) — वे जीव जो वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड ( CO2 ) , अमोनिया , नाइट्रेट्स , जल , लवण आदि अकार्बनिक पदार्थ लेकर कार्बनिक पोषक पदार्थों ( कार्बोहाइड्रेट्स , प्रोटीन्स , वसाओं आदि ) का मन संश्लेषण करते हैं । ये निम्न दो प्रकार के होते हैं ; ( i ) रसायन संश्लेषक ( Chemosynthetic ) ये हाइड्रोजन सल्फाइड गैस ( H2S ) तथा कार्बन डाइऑक्साइड ( CO ) आदि से पोषक पदार्थों का संश्लेषण करते हैं और इसके लिए आवश्यक ऊर्जा को कुछ पोषक पदाचों के अनाक्सी यानी अवायुवीय ऑक्सीकरण ( anaerobic oxidation ) , य...