Swami vivekananda speech in hindi

  1. Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानंद का शिकागो का वो मशहूर भाषण, जिसे सुन दुनिया हो गई थी उनकी कायल
  2. स्वामी विवेकानंद का विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो संबोधन
  3. Swami Vivekananda Speech 128 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने दिया था ये ऐतिहासिक भाषण
  4. Swami Vivekananda Speech:शिकागो की धर्म संसद में दिया था स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण, सुनिए यहां
  5. स्वामी विवेकानंद के बारे में रोचक तथ्य
  6. Swami Vivekananda Chicago Speech in Hindi स्वामी विवेकानंद शिकागो भाषण


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Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानंद का शिकागो का वो मशहूर भाषण, जिसे सुन दुनिया हो गई थी उनकी कायल

महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर यानी आज ही के दिन साल 1893 में शिकागो में एक ऐसा ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसने भारतीय संस्कृति की प्रमुखता को खूबसूरती से प्रदर्शित किया. हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति की गहराई पर आधारित विवेकानंद की इस स्पीच की हर ओर सराहना हुई थी. आज भी जब उनके इस भाषण की गूंज कानों में पड़ती है, लोगों का हृदय अपार हर्ष से भर जाता है. ना सिर्फ भारतीय बल्कि दुनिया भर में लोगों ने उनके इस भाषण की प्रशंसा की थी. जब-जब स्वामी विवेकानंद का जिक्र होता है, तब तब अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में साल 1893 में दिए गए भाषण के बारे में बात जरूर होती है. स्वामी विवेकानंद और धर्म को दिए गए उनके इस भाषण को ऐतिहासिक भाषणों में से एक माना जाता है. इस भाषण में उन्होंने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश किया था. वहीं, हिंदू धर्म और स्वामी विवेकानंद को लेकर कई बातें शेयर की जाती हैं. उन्होंने अपने इस ऐतिहासिक भाषण में धर्म को लेकर क्या कहा था. आइए जानते हैं… ‘मेरे अमेरिकी भाइयों-बहनों’ से की थी भाषण की शुरुआत इस भाषण में उन्होंने ‘मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों’ संबोधन में एक ऐसा आकर्षण था, जिसने पूरी दुनिया को यह भाषण सुनने को मजबूर कर दिया. क्या आप जानते हैं शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में वे कुछ हफ्तों पहले पहुंच गए थे. अमेरिका की ठंड सहन करने के लिए स्वामी जी के पास न पर्याप्त कपड़े थे और ना उनके पास पैसे थे. उन्होंने भीख मांगकर अपना वो वक्त गुजारा और यहां तक कि मालगाड़ी में अपनी रात भी गुजारी. असाधारण होने के बावजूद साधारण लोगों की तरह जीवन-यापन करने वाले स्वामी जी के इसी भाव ने पूरी दुनिया को उनसे जोड़ दिया. भाषण की शुरुआत में किया हि...

स्वामी विवेकानंद का विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो संबोधन

रचनाकार: स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। विवेकानंद का जब भी जि़क्र आता है उनके इस भाषण की चर्चा जरूर होती है। पढ़ें विवेकानंद का यह भाषण... अमेरिका के बहनो और भाइयो, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया की सबसे प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं। मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जाति, संप्रदाय के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं। मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इस्त्राइलियों की पवित्र स्मृतियां संजोकर रखी हैं, जिनके धर्म स्थलों को रोमन हमलावरों ने तोड़-तोड़कर खंडहर बना दिया था। और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली थी। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने महान पारसी धर्म के लोगों को शरण दी और अभी भी उन्हें पाल-पोस रहा है। भाइयो, मैं आपको एक श्लोक की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहूंगा जिसे मैंने बचपन से स्मरण किया और दोहराया है और जो रोज करोड़ों लोगों द्वारा हर...

Swami Vivekananda Speech 128 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने दिया था ये ऐतिहासिक भाषण

Speech Essay On Swami vivekananda In Hindi स्वामीविवेकानंदहरकिसीकेलिएप्रेरणास्रोतरहेहैं।आजसेठीक 128 सालपहले 11 सितंबर 1893 कोशिकागोमेंस्वामीविवेकानंदनेइतिहासकभाषणदिया।ज्ञानसेभरेइसभाषणमेंस्वामीविवेकानंदनेलोगोंकीबुनियादीचीजोंकाउल्लेखकिया।शिकागोमेंविश्वधर्मसम्मेलनमेंस्वामीविवेकानंदनेदर्शकोंको 'अमेरिकाकेभाइयोंऔरबहनों' केरूपमेंसंबोधितकिया।स्वामीविवेकानंदकेइसभाषणनेकट्टरताकोसमाप्तकरनेकाआह्वानकिया, जिससेलोगकाफीप्रभावितहुए।स्वामीविवेकानंदकाभाषणदेशभक्तसेभराहुआथा।सभीधर्मोंसेप्रेमकरना, धर्मकाविश्लेषणकरना, विज्ञानसेपरिचितहोना, कर्मकांडोंकेमहत्वऔरआवश्यकताकोजानना, हिंदूधर्मकीजड़ोंसेअवगतहोनाऔरविज्ञानकेलक्ष्यपरआधारितथा। स्वामीविवेकानंदकेबारेमें (About Swami Vivekananda In Hindi) स्वामीविवेकानंदअसलीनामनरेंद्रनाथदत्ताथा, स्वामीविवेकानंदकाजन्म 12 जनवरी 1863 कोलकातामेंहुआ।स्वामीविवेकानंदकीमाताकानामभुवनेश्वरीदेवीऔरपिताकानामविश्वनाथदत्ताथा।स्वामीविवेकानंदकेगुरुकानामरामकृष्णथे।स्वामीविवेकानंदकेभाईकानामभूपेंद्रनाथदत्ताथा।स्वामीविवेकानंदकानिधन 4 जुलाई 1902 बेलूरमठ, हावड़ामेंहुआ। स्वामीविवेकानंदकाभाषण (Swami Vivekananda Speech In Chicago 11 September 1893) अमेरिकाकीबहनोंऔरभाइयों, आपनेहमाराजोगर्मजोशीऔरसौहार्दपूर्णस्‍वागतकियाहै, उसकेप्रत्युत्तरमेंउठनामेरेहृदयकोअकथनीयआनंदसेभरदेताहै।मैंइसकेलिएआपकोधन्यवाददेताहूं।धर्मोंकीजननीभारतकेनामसेमैंआपकोधन्यवाददेताहूं; औरमैंसभीवर्गोंऔरसंप्रदायोंकेलाखों-करोड़ोंहिंदूलोगोंकेनामपरआपकोधन्यवाददेताहूं।मेराधन्यवाद, इसमंचकेकुछवक्ताओंकोभी, जिन्होंनेओरिएंटकेप्रतिनिधियोंकाजिक्रकरतेहुएआपकोबतायाहैकिदूर-दराजकेदेशोंकेयेलोगअलग-अलगदेशोंमेंसहनशीलताकेविचारकोधारणकरनेकेसम्मानकादावाकरसकते...

Swami Vivekananda Speech:शिकागो की धर्म संसद में दिया था स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण, सुनिए यहां

Swami Vivekananda Speech: शिकागो की धर्म संसद में दिया था स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण, सुनिए यहां विस्तार भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता में हुआ था। विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वैसे तो उनका पूरा जीवन ही युवाओं के लिए प्रेरणा है। एक 25 साल का नौजवान सांसारिक मोह माया छोड़ आध्यात्म और हिंदुत्व के प्रचार प्रसार में जुट गया। संन्यासी बन ईश्वर की खोज में निकले विवेकानंद के जीवन में एक दौर ऐसा आया, जब उन्होंने पूरे विश्व को हिंदुत्व और आध्यात्म का ज्ञान दिया। 11 सितंबर 1893 में अमेरिका में धर्म संसद का आयोजन हुआ था। भारत की ओर से स्वामी स्वामी विवेकानंद शिकागो में हो रहे धर्म सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के साथ की। उनके भाषण पर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो पूरे दो मिनट तक तालियों से गूंजता रहा। भारत के इतिहास में यह दिन गर्व और सम्मान की घटना के तौर पर दर्ज हो गया। चलिए सुनते हैं स्वामी विवेकानंद का वह ऐतिहासिक भाषण, जिसने सबका दिल जीत लिया। • अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने अमेरिका के लोगों को हिंदी में संबोधित करते हुए की। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा-'अमेरिका के मेरे भाइयों और बहनों' मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के सताए लोगों को शरण में रखा है। • मैं आपको अपने देश की प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं। मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से भी धन्यवाद देता हूं और सभी जाति, संप्रदाय के लाखों, करोड़ों हिंदुओं की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं। मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी जिन्हो...

स्वामी विवेकानंद के बारे में रोचक तथ्य

swami Vivekananda date of birth- 12 January 1863 Real Name- Narendra Dutt Mother Name – Bhubaneswar Devi Father Name – Vishwanath स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिताजी का नाम विश्वनाथ और माता जी का नाम भुनेश्वरी देवी था. सन्यास धारण करने से पहले उनका नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वह नरेन के नाम से भी जाने जाते थे उनका परिवार धनी कुलीन और उदारता. वह विद्वता के लिए विख्यात था विश्वनाथ कोलकाता के उच्च न्यायालय मैं ओटार्नी ऑफ लो थे वह कोलकाता उच्च न्यायालय वकालत भी करते थे. वह एक सज्जन व्यक्ति गरीबों के प्रति अपनी सहानुभूति रखने वाले धार्मिक तथा सामाजिक विश्व में व्यवहारिक और रचनात्मक दृष्टिकोण व्यक्ति थे. भुवनेश्वर देवी सरल एवं अत्यंत मार्मिक महिला थी. उनके पिता पश्चात सभ्यता में विश्वास रखते थे. वह अपने पुत्र नरेंद्र को ही अंग्रेजी पढ़ा कर पश्चात सभ्यता के ढर्रे पर चलाना चाहते थे. नरेंद्र की बुद्धि बचपन से ही तेज थी और परमात्मा में व अध्यात्म मैं ध्यान था. इस हेतु पहले ब्राह्मण समाज में गए लेकिन वहां इनके चित संतुष्ट ना हो पाया इस बीच उन्होंने ( swami vivekananda education ) कोलकाता विश्वविद्यालय से बीए कर ली और कानून की परीक्षा की तैयारी करने लग . इसी समय में वह अपने धार्मिक व आध्यात्मिक संशयो की निवारण हेतु अनेक लोगों से मिले. लेकिन कहीं भी उनकी शंकाओं का समाधान ना मिला. एक दिन इनके एक संबंधी इनको राम कृष्ण परमहंस के पास ले गए. स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने swami Vivekananda को देखते ही पूछा क्या तुम धर्म विषयक कुछ भजन गा, सकते हो नरेंद्र दत्त ने कहा हां गा सकता हूं. फिर नरेंद्र ने 2 दिन भजन अपने मधुर स्वरों में सुनाएं. एक भजन को स्वामी परमहंस अत...

Swami Vivekananda Chicago Speech in Hindi स्वामी विवेकानंद शिकागो भाषण

• स्वामी विवेकानंद, एक ऐसी शख्सियत जिन्हें किसी उपाधि या परिचय में बांधना संभव नहीं है. भारतीय जनमानस पर इनका जितना प्रभाव रहा,शायद ही पिछले कुछ सदियों में किसी और का रहा है. स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. लेकिन उनकी पहचान विवेकानंद के नाम से ही रही, उन्हें ये नाम अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस जी से मिला. स्वामी विवेकानंद भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण अध्यात्मिक व्यक्तियों में से एक हैं. उन्होंने १९वीं सदी में आध्यात्मिकता को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई. योग और वेदांत को प्रचारित करने में उनका योगदान अतुलनीय है. स्वामी विवेकानंद ने विश्व भर में हिन्दू दर्शन का प्रसार किया तथा दुनिया को भारत की महानता से अवगत कराया. उन्होंने अपने जीवन काल में सैकड़ों सार्वजनिक सभाओं में व्याख्यान किया, परन्तु उनका १८९३ में अमेरिका स्थित शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए दिया गया भाषण अमर हो गया. स्वामी विवेकानंद ने इस भाषण की शुरुआत “भाइयों और बहनों” से कर वहां मौजूद तथा पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में बता वसुधैव कुटुम्बकम का परिचय दिया था. आज १२५ साल बाद भी उनका ये भाषण उतना ही प्रासंगिक है जितना तब था. आइये आज उस भाषण को पढ़ हम अपनी सोच को बेहतर करें. • Swami Vivekananda Chicago Speech in Hindi स्वामी विवेकानंद शिकागो भाषण मेरे अमरीकी भाइयों और बहनों! आपने जिस सौहार्द और स्नेह के साथ हम लोगों का स्वागत किया है. उसके प्रति आभार प्रकट करने के निमित्त खड़े होते समय मेरा हृदय अवर्णनीय हर्ष से पूर्ण हो रहा है। संसार में संन्यासियों की सबसे प्राचीन परम्परा की ओर से मैं आपको धन्यवाद देता हूँ; धर्...