विवेकानंद शिला का प्राचीन नाम क्या है

  1. [Solved] स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम क्या था?
  2. विवेकानंद शिला स्मारक
  3. विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहास और उसकी वास्तुकला


Download: विवेकानंद शिला का प्राचीन नाम क्या है
Size: 28.64 MB

[Solved] स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम क्या था?

सही उत्‍तर नरेंद्रनाथ दत्त है Key Points • स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1897 में की थी। • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। • उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। • स्वामी विवेकानंद का मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्ता है। • उन्हें भारत का देशभक्त संत माना जाता है। • " गीता की ओर लौटो" स्वामी विवेकानंद द्वारा उठाया गया एक प्रसिद्ध नारा है। • उन्होंने 11 सितंबर 1893 को शिकागो में आयोजित धर्म संसद में भाग लिया। • 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। Additional Information • रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में स्थित है। • मिशन का नाम भारतीय संत रामकृष्ण परमहंस के नाम पर और उनसे प्रेरित है। • रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद के गुरु (शिक्षक) थे। • " आत्मनो मोक्षार्थं जगत हिताय च" रामकृष्ण मिशन का आदर्श वाक्य है। • रामकृष्ण मिशन पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में फोटोवोल्टिक (PV) प्रकाश व्यवस्था की स्थापना में मदद करता है।

विवेकानंद शिला स्मारक

विवेकानन्द रॉक मेमोरियल तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। सन 1892 में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी आए थे। एक दिन वे तैर कर इस विशाल शिला पर पहुंच गए। इस निर्जन स्थान पर साधना के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति हेतु मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ था। • विवेकानंद के उस अनुभव का लाभ पूरे विश्व को हुआ, क्योंकि इसके कुछ समय बाद ही वे शिकागो सम्मेलन में भाग लेने गए थे। इस सम्मेलन में भाग लेकर उन्होंने भारत का नाम ऊंचा किया था। • स्वामी विवेकानंद के अमर संदेशों को साकार रूप देने के लिए ही 1970 में उस विशाल शिला पर एक भव्य स्मृति भवन का निर्माण किया गया। समुद्र की लहरों से घिरी इस शिला तक पहुंचना भी एक अलग अनुभव है। • स्मारक भवन का मुख्य द्वार अत्यंत सुंदर है। इसका वास्तुशिल्प अजंता-एलोरा की गुफाओं के प्रस्तर शिल्पों से लिया गया लगता है। • लाल रंग के पत्थर से निर्मित स्मारक पर 70 फुट ऊंचा गुंबद है। • भवन के अंदर चार फुट से ऊंचे प्लेटफॉर्म पर परिव्राजक संत स्वामी विवेकानंद की प्रभावशाली मूर्ति है। यह मूर्ति कांसे की बनी है, जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फुट है। यह मूर्ति इतनी प्रभावशाली है कि इसमें स्वामी जी का व्यक्तित्व एकदम सजीव प्रतीत होता है।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहास और उसकी वास्तुकला

Table of Contents • • • • • • • • • • • • 1. विवेकानंद रॉक मेमोरियल [Vivekananda Rock Memorial in Hindi] विवेकानंद रॉक मेमोरियल तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी में स्थित है। यह मेमोरियल स्वामी विवेकानंद जी की याद में बनवाया गया एक स्मारक है। यह स्मारक तमिलनाडु से 500 मीटर दूर समुद्र में स्थित दो चट्टानों के ऊपर बनाया गया है जिसकी ऊंचाई समुद्र तट से 50 फिट है। 2. विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहास [Vivekananda Rock Memorial History] स्वामी विवेकानंद जी पुरे भारतवर्ष को अपनी आँखों से देखने के लिए अपनी यात्रा प्रारम्भ की। वह राजस्थान, माउंट अबू मुंबई , मैसूर, रामेस्वरम होते हुए भारत के दक्षिणतम छोर यानि कन्याकुमारी पहुचें। वे समुद्र में तैरकर एक बड़ी सी चट्टान के पास पहुंचे और वहां पर बैठकर अपनी भारतमाता के बारे में सोचने लगे और वही पर ध्यान लगाया। इसी जगह पर 1970 में स्वामी विवेकानंद जी की याद में विवेकानंद मेमोरियल स्मारक बनाया गया। सन 1963 में तमिलनाडु के स्वयंसेवक संघ जिसे हम RSS के नाम से भी जाने है उसके एक सदस्य थे दत्ताजी दिदोलकर। उन्होंने सोचा स्वामी जी द्वारा इस शिला पर ध्यान लगया गया था इसलिए इस शिला का नाम विवेकानंद जी के नाम पर विवेकानंद शिला रखना चाहिए। उनके द्वारा इस कार्य को बहुत अधिक प्रोत्साहन मिला सिवाय कुछ चर्च के। कुछ चर्च इस शिला को अपना प्रभुत्व बताकर इसका नाम सेंट जेवियर रॉक रखा। तनाव की स्थिति में राज्य सरकार ने धारा 144 यानि कर्फु लगा दिया। लेकिन दत्ताजी दिदोलकर जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने मन्मथ पद्भनाभं की अध्यक्षयता में अखिल भारतीय विवेकानंद शिला स्मारक समिति का गठन किया। साथ ही उन्होंने यह भी बात रखी की 12 जनवरी 1963 को स्वामी जी के शताब्दी समारोह के ...