Voltage kya hai in hindi

  1. Welding in hindi
  2. डायोड क्या है? Diode kya hai? पूरी जानकारी हिंदी में?
  3. LED क्या है और कैसे काम करता है
  4. Electrical Kartik
  5. वोल्टेज क्या है। Voltage kya hai
  6. पावर फैक्टर क्या है ।। what is Power Factor in Hindi
  7. आइंस्टीन का प्रकाश विद्युत प्रभाव समीकरण का निगमन कीजिए, सूत्र, उत्सर्जन


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Welding in hindi

आज हम Welding in hindi इस आर्टिकल में वेल्डिंग क्या है इसके बारेमे जानेंगे वेल्डिंग के प्रकार ( Types of welding), वेल्डिंग के फायदे और नुकसान क्या है ? साथी साथ वेल्डिंग करते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इसके बारेमे जानेंगे। अगर दो धातु के टुकड़ो को जोड़ना हो तब वेल्डिंग एक बोहोत ही अच्छा विकल्प है| वेल्डिंग एक बोहोत ही काम खर्चीला दो धातु को जोड़ने के लिए तो चलिए इसके बारेमे पूरी जानकारी लेते है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वेल्डिंग क्या है?(What is welding in hindi?) :- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे धातु के दो या अधिक सिरों को गर्मी और दबाव की मदत से जोड़ा जाता है। welding material जोड़ने वाली प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में धातु को पिघलाया जाता है और उन दोनों धातु के बिच में एक filling material material याने पूरक को भरा जाता है।कई बार धातु को जोड़ने के लिए दबाव लगाने की जरुरत पड़ती है इसे ही वेल्डिंग कहा जाता है। इस तरह धातु एक दूसरे से जुड़ तो उनकी मजबूती उतनी ही होती है जितने की पुरे धातु की होतीअ है। वेल्डिंग का इस्तेमाल सभी तरह के निर्माण स्थानों पर किया जाता है। यह एक बोहोत ही अच्छा सरल और कम खर्चीली प्रक्रिया है। कई बार दो metal parts को वेल्ड करना बोहोत आसान होता है तो कई बार बोहोत मुश्किल होता है। जो धातु आसानी से वेल्ड हो जाते है जब उनकी welding की जाती है तब जो thickness याने की वेल्डिंग की मोटाई बोहोत होती है जीतनी की एक कागज के मोटाई के बराबर | जबकि दूसरे धातु की वेल्डिंग करना थोड़ा मुश्किल होता है इस तरह के धातु की welding करने के लिए अलग अलग तरीको की मदत लेनी पड़ती है | ऐसे कुछ धातु भी है जिनकी वेल्डिंग नहीं कर सकते जैसे की mer...

डायोड क्या है? Diode kya hai? पूरी जानकारी हिंदी में?

डायोड क्या है? What is diode in hindi? जानिए डायोड के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते है?फ्रेंड्स जैसा कि हमलोग जानते जानते है कि हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स और फिजिक्स विषय में एक चैप्टर है "सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स" जिसका एक टॉपिक है डायोड जो इलेक्ट्रॉनिक्स में यूज़ किया जानेवाला एक महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर कॉम्पोनेन्ट है, पर क्या आपको पता है कि डायोड क्या होता है, डायोड कैसे काम करता है, डायोड कितने प्रकार के होते है, डायोड के उपयोग क्या है, अगर हां तो बहुत ही अच्छी बात है नहीं तो अभी आप जानने वाले है क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में डायोड के बारे में ही विश्लेषण करने जा रहे है इसलिए आपसे आग्रह है कि पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें…. डायोड क्या है? Diode kya hai? एक सिंगल डायोड के आधे हिस्से में Positive Type Charge Carrier Particle होते है और आधे हिस्से में Negative Type Charge Carrier Particle होते है। इन दोनों के कॉम्बिनेशन से बीच में एक Potential Barrier उत्पन्न होता है जिसे Depletion Region कहा जाता है और इसी Depletion Region की कंडीशन पर निर्भर करता है कि इससे होकर करंट फ्लो होगी अथवा नहीं। एक सिंगल PN Junction डायोड में दो टर्मिनल होते है जिसकी Positive साइड के हिस्से को Anode तथा Negative साइड का हिस्से को Cathode कहा जाता है। डायोड के कार्य? Diode ke karya? • Rectification • Protection • Switching • Voltage Regulator • Sensing • Signalling Rectification- रेक्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे डायोड की मदद से किसी करंट को Purify किया जाता है। जैसे- AC को DC में बदलना Protection- डायोड की Forward Biasing तथा Reverse Biasing नेचर के कारण इसका यूज़ किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स...

LED क्या है और कैसे काम करता है

क्या आप जानते हैं की एलईडी क्या है (LED in Hindi)? क्या आपने इसका इस्तामाल क्या है? क्या आप ये जानते हैं की ये काम कैसे करता है? यदि इन सवालों के जवाब आप जानते हैं तो ये बहुत ही अच्छी बात है और यदि नहीं तो बिलकुल भी घबराने की बात नहीं है. क्यूंकि आज हम इस article में इसी के विषय में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। LED या इसे Light-emitting diode भी कहा जाता है. ये एक ऐसा semiconductor device है जो की light emit करता है जब इससे current या electricity pass होती है. यहाँ पर light तभी produce होती है जब भीतर स्तिथ particles (जो की हैं electrons और holes) एक दुसरे के साथ combine होते हैं इसी semiconductor material में। चूँकि यहाँ पर light solid semiconductor material से ही generate होता है इसलिए इसे solid-state devices भी कहा जाता है। LED इस युग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आविस्कार रहा है क्यूंकि आज इसका इस्तमाल बहुत मात्रा में लोगों के द्वारा किया जा रहा है। तो इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को LED क्या है के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये, जिससे आप लोगों को भी इस नए आविस्कार के विषय में जानकारी हो. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते है की LED को सबसे पहली बार कब दुनिया में लाया गया था? एलईडी क्या है – What is LED in Hindi ये LED का Full Form होता है Light Emitting Diode. ये एक बहुत ही latest invention है और इसे आज सबसे ज्यादा काम में लाया जा रहा है. आपके cell phone से बड़े advertising display boards तक एक बहुत ही बड़े range के applications में इस magic light bulbs का इस्तमाल किया जाता है। इसे आप कहीं पर भी देख सकते हैं. आज इसकी popularity और appl...

Electrical Kartik

विद्युत लाइनों के साथ काम करते समय सुरक्षा नियम: इलेक्ट्रिकल सेफ्टी रूल्स | Electrical Safety Rules in Hindi 1. ‘सावधानी हति थापढ़ी घी’ कहावत के अनुसार काम करते समय हमेशा सावधानी और सावधानी बरतें। 2. अति आत्मविश्वास – अति आत्मविश्वास से कार्य न करें। 3. हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले हैंडटूल और सामग्री का उपयोग करें।… • In electrical engineering, a transformer is a device that is used to transfer electrical energy from one circuit to another by means of electromagnetic induction. Transformers consist of two coils of wire wound around a magnetic core. The coil that is connected to the input voltage is called the primary coil, and the… • Electrical engineering is a branch of engineering that deals with the study and application of electricity, electronics, and electromagnetism. It involves designing, developing, testing, and maintaining electrical and electronic systems, such as power generation and distribution systems, communication systems, control systems, and electronic circuits. Electrical engineers work with a wide range of devices… •

वोल्टेज क्या है। Voltage kya hai

वोल्टेज एक मापक है जो इलेक्ट्रिकल प्रणाली में उपयोग किया जाता है। यह वह शक्ति है जो इलेक्ट्रॉनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है और इसे वोल्ट (Volt) में मापा जाता है। यह विशेष रूप से वोल्टमीटर (Voltmeter) द्वारा मापा जाता है। Voltage kya hai | वोल्टेज क्या है। वोल्टेज की इकाई वोल्ट (V) होती है और यह व्यापक रूप से विद्युत उपकरणों, संचार प्रणाली, विद्युतीय उपयोग आदि के लिए महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण के लिए, एक बैटरी का वोल्टेज 1.5 वोल्ट हो सकता है, जबकि एक गृह के वोल्टेज 120 वोल्ट हो सकता है। Tagged: Post navigation

पावर फैक्टर क्या है ।। what is Power Factor in Hindi

By Sep 29, 2021 Power factor in hindi. What is power factor पावरफैक्टरक्याहै? ( What is power factor ? ) पावर फैक्टर शब्द A C ( अल्टेरनेटिंग करेंट – alternating current ) विद्युत शक्ति प्रणाली में प्रयुक्त शब्द है। सरल भाषा में पावर फैक्टर, किलोवाट (KW) की शक्ति और किलोवोल्ट एम्पेयर (KVA) की शक्ति का अनुपात (Ratio ) है। किलोवाट (KW) के तहत शक्ति (Power ) को वास्तविक शक्ति real power कहा जाता है और किलोवोल्ट एम्पेयर (KVA) के तहत मापी गई शक्ति को स्पष्ट शक्ति ( Apparent power ) कहा जाता है। इसे सर्किट ( Circuit ) में बहने के रूप में समझा जा सकता है। या इस तरह से भी समझ सकते हैं। एसी विद्युत शक्ति पर काम कर रहे किसी भार (लोड) द्वारा लिये गये वास्तविक शक्ति (Real power) तथा आभासी शक्ति (Apparent power) के अनुपात को शक्ति गुणक या शक्ति गुणांक (Power factor) कहते हैं। शक्ति गुणांक का संख्यात्मक मान शून्य और १ के बीच में होता है। पावर फैक्टर फॉर्मूला (Power factor formula) पावर फैक्टर प्रतीक (Power factor symbol) पावर फैक्टर को कॉस (Cosθ) के रूप में दर्शाया जाता है, यह करंट ( Current ) और वोल्टेज (Voltage ) के बीच का कोण (θ-phase ) का कोसाइन (Cosine ) है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि पावर फैक्टर वास्तविक शक्ति (KW ) और स्पष्ट शक्ति (KVA ) का अनुपात है। पावर फैक्टर (PF) = real power वास्तविक शक्ति (KW) / Apparent power स्पष्ट शक्ति (KVA) पावर फैक्टर फॉर्मूला ( 3 phase ) पावर Power ( P ) = V I Cos θ, पावर फैक्टरpower factor ( Cos θ ) = ( V I ) / P P =पावर Power ( Watts ) V =वोल्टेज Voltage ( Volts ) I =करंटCurrent ( Amperes ) W =वास्तविक शक्तिReal Power (Watts) VA =स्पष्ट शक्त...

आइंस्टीन का प्रकाश विद्युत प्रभाव समीकरण का निगमन कीजिए, सूत्र, उत्सर्जन

प्रकाश के प्रभाव से धातु से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होने की घटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते हैं। प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या आइंस्टीन ने प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के आधार पर की। इस सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे बंडलों तथा पैकेटों के रूप में चलता है जिन्हें फोटोन कहते हैं। प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा h v के बराबर होती है। जहां v प्रकाश की आवृत्ति तथा h प्लांक नियतांक है जिसका मान 6.6 × 10 -34 जूल-सेकंड होता है। प्रकाश की तीव्रता इन्हीं फोटोनों की संख्या पर निर्भर करती है। प्रकाश विद्युत प्रभाव का निगमन जब कोई प्रकाश किसी धातु की प्लेट पर गिरता है तो उसका कोई फोटोन अपनी समस्त उर्जा को धातु के भीतर उपस्थित किसी इलेक्ट्रॉन को दे देता है। इस कारण उस फोटोन का अपना अस्तित्व समाप्त हो जाता है। इलेक्ट्रॉन इस ऊर्जा को दो भागों में व्यय (खर्च) करता है इलेक्ट्रॉन द्वारा ऊर्जा का कुछ भाग सतह तक आने में व्यय हो जाता है जिसे इलेक्ट्रॉन का कार्य फलन कहते हैं। तथा बाकी शेष ऊर्जा इलेक्ट्रॉन को गतिज ऊर्जा के रूप में मिल जाती है। तब इस प्रकार कुल ऊर्जा = कार्य फलन + इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा h v = W + E k याE k = h v– W समी.① प्रकाश विद्युत प्रभाव एक इलेक्ट्रॉन द्वारा अवशोषित फोटोन की ऊर्जा उसके कार्य फलन से कम है। तो धातु के पृष्ठ से कोई भी इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होगा। यदि दी हुई ऊर्जा के लिए प्रकाश की देहली आवृत्ति v० हो तो ऐसे प्रकाश फोटोन की ऊर्जा h v० इलेक्ट्रॉन को पृष्ठ तक लाने में ही व्यय हो जाएगी। जो कि इलेक्ट्रॉन में कार्य फलन के बराबर होगी। अतः W = h v ० समी.② समी.② से W का मान समी.① में रखने पर E k = h v– W E k = h v– h v ० E k = h( v– v ०) यदि इलेक्ट्रॉन का द्...