Ecg report kaise dekhe in hindi

  1. Online Result कैसे देखे? आसान तरीका 2023
  2. ईसीजी क्या है, कीमत, तरीका और परिणाम
  3. e vidya vahini teacher attendance
  4. सोनोग्राफी या अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे पढ़ते हैं? अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे पढ़े इन हिंदी
  5. KFT टेस्ट : क्या है, नार्मल स्तर किडनी डॉक्टर से जानिये
  6. उत्तर प्रदेश बैनामा (सेल डीड, दस्तावेज) निकाले 2022
  7. इको जाँच: ईसीजी बनाम इकोकार्डियोग्राफी
  8. e vidya vahini teacher attendance
  9. इको जाँच: ईसीजी बनाम इकोकार्डियोग्राफी
  10. KFT टेस्ट : क्या है, नार्मल स्तर किडनी डॉक्टर से जानिये


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Online Result कैसे देखे? आसान तरीका 2023

All India results 2023: किसी भी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी का ऑनलाइन रिजल्ट (Online Result) देखना बहुत आसान है, बस आपको ये पता होना चाहिए कि किस यूनिवर्सिटी कॉलेज या स्कूल का रिजल्ट किस वेबसाइट पर आता है। इस आर्टिकल में हम उन वेबसाइट के साथ रिजल्ट देखने का तरीका भी बतायेंगे, जिससे आप आसानी से 10th, 12th व अन्य क्लास एग्जाम का रिजल्ट देख सके। 10वीं का रिजल्ट कैसे देखे, 12वीं कैसे देखे, ऑनलाइन रिजल्ट कैसे देखे, रिजल्ट देखने का आसान तरीका 2023 वैसे तो हम अपने स्कूल, कॉलेज में जा कर अपना exam result देख सकते है लेकिन अब ज्यादातर एग्जाम रिजल्ट्स ऑनलाइन ही देखे जाते है, और ये आसान भी होता है। आज इन्टरनेट का जमाना है, अब हर काम ऑनलाइन होता है। हम अपने मोबाइल, कंप्यूटर पर आसानी से अपना रिजल्ट देख सकते है, लेकिन जो लोग इन्टरनेट के बारे में ज्यादा नहीं जानते है उन्हें इसमें दिक्कत होती है। उन्ही लोगो की मदद के लिए आप हम Online result kaise dekhe – step by step guide in Hindi ले कर आए है। यहाँ दी गयी जानकारी की मदद से आप आसानी से online exam results देख पाओगे। Online result kaise dekhe, 10th ka result kaise dekhe, 12th ka result kaise dekhe, online exam result dekhne ka tarika in Hindi? Table of Contents • 1 10th और 12th का रिजल्ट कैसे देखे? सबसे आसान तरीका 2023 • 1.1 राज्य के हिसाब से बोर्ड का रिजल्ट • 1.2 ऑनलाइन रिजल्ट देखने की अन्य साइट्स कौन कौनसी है? • 1.3 Special Course का Results कैसे देखे? • 1.4 निष्कर्ष, 10th और 12th का रिजल्ट कैसे देखे? सबसे आसान तरीका 2023 हर एक student बिना पैसे खर्च किये अपने smartphone, computer में खुद से फ्री में रिजल्ट देख सकता है। इसके लिए उन्हें प...

ईसीजी क्या है, कीमत, तरीका और परिणाम

ECG in Hindi ईसीजी टेस्ट इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) एक साधारण एवं दर्दरहित टेस्ट है जो हृदय की इलेक्ट्रिकल गतिविधि की माप करता है। इस टेस्ट को ईसीजी या ईकेजी (EKG) भी कहा जाता है। हमारे हृदय की प्रत्येक धड़कन (heartbeat) इलेक्ट्रिकल सिग्नल के कारण ही चलती है जो हृदय के ऊपर से शुरू होकर नीचे तक जाती है। लेकिन हृदय में किसी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर हृदय की इलेक्ट्रिकल गतिविधि प्रभावित हो जाती। अगर हृदय रोगों से संबंधित कोई लक्षण किसी व्यक्ति में दिखायी देते हैं तो डॉक्टर उसे ईसीजी (ECG) कराने की सलाह देते हैं। आज के इस लेख में हम ईसीजी टेस्ट के प्रकार और उसके तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. ईसीजी क्या होता है? – What is ECG in Hindi इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी या ईकेजी ) त्वचा पर रखे इलेक्ट्रोड का उपयोग करके समय की अवधि में हृदय की विद्युत गतिविधि रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया है। ये इलेक्ट्रोड त्वचा पर छोटे विद्युतीय परिवर्तनों का पता लगाते हैं जो दिल की मांसपेशी के इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल पैटर्न से प्रत्येक दिल की धड़कन के दौरान विरूपण और पुनरुत्पादन के द्वारा उत्पन्न होते हैं। यह एक बहुत ही सामान्य रूप से किया जाने वाला कार्डियोलॉजी परीक्षण है। ईसीजी टेस्ट कराने के कारण – ECG (Electrocardiogram) Test Purpose in Hindi आमतौर पर हृदय से जुड़ी निम्न समस्याओं के लिए डॉक्टर ईसीजी (ECG) कराने की सलाह देते हैं। • सीने में दर्द • सांस लेने में कठिनाई • थकान या • हृदय की धड़कन तेज होना • हार्ट का असमानरूप से धड़कना • हृदय से असामान्य ध्वनि सुनाई देना • • हृदय की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटा होना ईसीजी टेस्ट के जरिए डॉक्टर इन लक्षणों के उत्पन्न...

e vidya vahini teacher attendance

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सोनोग्राफी या अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे पढ़ते हैं? अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे पढ़े इन हिंदी

जब दूसरे लोग सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट) देखकर तरह-तरह की बातें कर रहे होते हैं – ओवरिन डायग्नोसिस, गर्भाशयशोथ ट्रीटमेंट लेकिन अभी भी आप यह निर्णय कर पाने में असमर्थ है कि क्या…, क्या है? अगर सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट) में आपको सबकुछ काला-काला ही दिखता है तो चलिए बेसिक से समझते हैं जिससे आपको एक समझ मिल सके आखिर आप देख क्या रहे हैं सोनोग्राफी रिपोर्ट कैसे पढ़े इन हिंदी अल्ट्रासाउंड एक non invasive test हैं यानी ये एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से शरीर अन्दर मौजूद अंगों व कोशिकाओं के इमेजेस बिना चिर – फाड़ के ही लिए जा सकते हैं। अल्ट्रासाउंड में ध्वनी तरंगों का उपयोग इमेजेस बनाने के लिए किया जाता हैं। अल्ट्रासाउंड की सबसे अच्छी बात ये है यह एक्स-रे की तरह हड्डियों के पार नहीं जाता। लेकिन सोनोग्राफी रिपोर्ट पढ़ने के लिए आपको उसकी anatomy को समझना होगा। शरीर में मौजूद हर एक कोशिका एक अलग फ्रीक्वेंसी की ध्वनी उत्पन्न करती हैं। कुछ अंग ध्वनि तरंगों को अवशोषित कर लेती है तो कुछ उन्हें रिफ्लेक्ट कर देती हैं। कोशिकाओं का घनत्व उस गति को निर्धारित करता जिससे गूंज वापस आती है। सोनोग्राफी रिपोर्ट में काले रंग का दिखाई देने वाला हिस्सा फ्लूइड या हवा के कारण बनता हैं। ग्रे कलर में दिखने वाले अंग कोशिकाए रहती हैं यहां कोशिकाएं जितने सघन होंगे वे उतने चमकीले (सफेद) अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में दिखते हैं तथा जो सबसे ज्यादा सफेद नजर आता हैं वह हड्डियां होती है। शायद अब…, जब आप सोनोग्राफी रिपोर्ट देखेंगे तो यह समझ जाएंगे आखिर आप देख क्या रहे थे…! यानी अल्ट्रासाउंड image में क्या दिखाई दे रहा हैं। बेहतर ultrasound image के लिए बेहतर equipments का होना भी उतना ही जरुरी होता है। तभी चीजे ...

KFT टेस्ट : क्या है, नार्मल स्तर किडनी डॉक्टर से जानिये

KFT टेस्ट किडनी की कार्यक्षमता पहचानने वाली जाँचों का एक समूह है, इसका पूर्ण रूप आम तौर पर लगभग सभी प्रयोगशालाएँ KFT / RFT में रक्त यूरिया (blood urea) / इसके अलावा सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, यूरिक एसिड का रक्त स्तर भी KFT का हिस्सा हो सकता है। शरीर में इन सभी रसायनों का संतुलन बनाने का काम किडनी करती है। किडनी की इसी कार्यक्षमता को जाँचने के लिए किए जाने वाले परीक्षणों को KFT / RFT कहा जाता है। KFT टेस्ट में कौन सी जाँचे होती हैं KFT, किडनी कार्यक्षमता जाँच के लिए किडनी से संबंधित और भी कई चीजों का होता है परीक्षण। क्या हैं वे परीक्षण और उनसे जुड़ी तमाम जानकारियाँ जानिए- यह जाँच KFT की सबसे महत्वपूर्ण जाँच होती है, इसके अंतर्गत आने वाली यह जाँच मुख्य रूप से रक्त में क्रिएटिनिन के स्तर के बारे में जानकारी देती है। स्वस्थ कार्यक्षमता वाली किडनी क्रिएटिनिन को रक्त से छानकर पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर निकाल देती है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाना किडनी की बीमारी का संकेत देता है। इस जाँच को करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त का सेंपल लेता है। प्रयोगशाला में उस रक्त की जाँच के बाद 24 घंटे के अंदर आपको रिपोर्ट मिल जाती है। रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर महिलाओं में 1.2 (mg/dL) और पुरुषों में 1.4 mg/dL होता है, लेकिन प्रयोगशालाओं के मुताबिक क्रिएटिनिन के स्तर में 0.1-0.2 mg/dl का अंतर हो सकता है। क्रिएटिनिन का स्तर इस सामान्य स्तर से उच्च होने पर किडनी के रोग का संकेत देता है। अध्ययनों में कहा गया है कि इस टेस्ट को कराने से पहले पका मांस न खाया जाए, क्योंकि पका हुआ मास क्रिएटिनिन के स्तर को तेज गति से बढ़ा देता है। भारत में इस टेस्ट की कीमत 100 रुपए से 200 रुपए तक (प्र...

उत्तर प्रदेश बैनामा (सेल डीड, दस्तावेज) निकाले 2022

उत्तर प्रदेश बैनामा | रजिस्ट्री ऑनलाइन चेक up | जमीन की रजिस्ट्री के नियम उत्तर प्रदेश | जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी उत्तर प्रदेश | जमीन की रजिस्ट्री के नियम up | जमीन की रजिस्ट्री के नियम 2018 | बैनामा दाखिल खारिज | रजिस्ट्री खारिज कराने के नियम | प्लाट रजिस्ट्री | घर-की-रजिस्ट्री | निबन्धन विभाग | निबंधन विभाग उत्तर प्रदेश | जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी उत्तर प्रदेश | लेखपत्र | स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग उत्तर प्रदेश Property ownership Sale Deed Benama Dastavej – उत्तर प्रदेश बैनामा उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन जांच करने के सुविधा दी है जिससे उत्तर प्रदेश के नागरिक घर बैठे अपनी सम्पति का विवरण एबम वसीयत दस्तावेज खुद से निकाल सकते है जिससे उन्हें तहसील के चक्कर नही लगाना पड़ेगा उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन संपत्ति के जानकारी के लिए सम्पति का बैनामा कैसे निकाले बैनामा निकालने के लिए ऑफिसियल वेबसाइट • नागरिक ऑनलाइन सेवाएं बॉक्स में नीचे सम्पत्ति खोजें का ऑप्शन देखेगा उसपे क्लिक करना होगा जिसके बाद इस वेबसाइट पर आपको तीन ऑप्शन मिलेगा • सम्पत्ति का पता(5 दिसंबर 2017 से पूर्व पंजीकृत विलेखों के विवरण)- इस ऑप्शन से 5 दिसंबर 2017 से पहले होने वाले रजिस्ट्री का बैनामा निकाल सकते है • सम्पत्ति का पता(5 दिसंबर 2017 व् उसके बाद पंजीकृत विलेखों के विवरण)- इस ऑप्शन से 5 दिसंबर 2017 के बाद होने वाले रजिस्ट्री का बैनामा निकाल सकते है पंजीकरण संख्या एवं वर्ष- इससे पंजीकरण वर्ष एबम पंजीकरण संख्या के मदद से रजिस्ट्री का बैनामा निकाल सकते है ऊपर के तीनो ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद • उसके बाद सम्पत्ति का पता में मकान/दुकान/खसरा इत्यादि में से कोई एक लिखना होगा • तहसील/निबन्धन ...

इको जाँच: ईसीजी बनाम इकोकार्डियोग्राफी

• Total no.of Tests - 82 • Quick Turn Around Time • Reporting as per NABL ISO guidelines आमतौर पर लोग इकोकार्डियोग्राम परीक्षण (Echocardiogram test) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) के बीच भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए , इस लेख में हम इन दोनों परीक्षणों के बीच स्पष्ट अंतर के बारे में चर्चा करेंगे , साथ में हम उन स्थितियों के बारे में बात करेंगे जब चिकित्सक इको परीक्षण की सुझाव दे सकता है और अंत में हम देखेंगे की आप किस तरह से इको परीक्षण के परिणाम को समझ सकते हैं। दिल के लिए इको टेस्ट क्या है और यह क्यों किया जाता है (What is an echo test for the heart and why is it done) चिकित्सक आपके दिल की बनावट (structure) को देखने के लिए एक इको परीक्षण (Echo Test) की सलाह देते हैं और मूल्यांकन करते हैं कि आपका दिल कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है। इको परीक्षण (Echo Test) निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है : • हृदय में प्रवेश करने या छोड़ने वाली बड़ी रक्त वाहिकाओं (Large Blood Vessels) से संबंधित समस्या की जांच करने के लिए • पेरीकार्डियम (Pericardium) से संबंधित समस्या , यानी दिल की बाहरी परत (Outer Lining of The Heart) से जुड़ी समस्याओं की जांच करने के लिए • हृदय के बीच किसी भी छेद की उपस्थिति जांचने के लिए • हृदय में रक्त के थक्कों की उपस्थिति जांचने के लिए • समय के साथ हृदय रोग की निगरानी करने के लिए परीक्षण में जिन प्रमुख मापदंडों का मूल्यांकन किया जाता है उनमें शामिल हैं : • आपके दिल की आकृति और आकार • आपके दिल और दिल की दीवारों (Heart Walls) की हलचल • दिल की दीवारों (Heart Walls) की मोटाई • दिल की पंपिंग ताकत • हृदय वाल्वों (Heart Valves) का कार्य • आपके हृदय वाल्व (Hear...

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इको जाँच: ईसीजी बनाम इकोकार्डियोग्राफी

• Total no.of Tests - 82 • Quick Turn Around Time • Reporting as per NABL ISO guidelines आमतौर पर लोग इकोकार्डियोग्राम परीक्षण (Echocardiogram test) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) के बीच भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए , इस लेख में हम इन दोनों परीक्षणों के बीच स्पष्ट अंतर के बारे में चर्चा करेंगे , साथ में हम उन स्थितियों के बारे में बात करेंगे जब चिकित्सक इको परीक्षण की सुझाव दे सकता है और अंत में हम देखेंगे की आप किस तरह से इको परीक्षण के परिणाम को समझ सकते हैं। दिल के लिए इको टेस्ट क्या है और यह क्यों किया जाता है (What is an echo test for the heart and why is it done) चिकित्सक आपके दिल की बनावट (structure) को देखने के लिए एक इको परीक्षण (Echo Test) की सलाह देते हैं और मूल्यांकन करते हैं कि आपका दिल कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है। इको परीक्षण (Echo Test) निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है : • हृदय में प्रवेश करने या छोड़ने वाली बड़ी रक्त वाहिकाओं (Large Blood Vessels) से संबंधित समस्या की जांच करने के लिए • पेरीकार्डियम (Pericardium) से संबंधित समस्या , यानी दिल की बाहरी परत (Outer Lining of The Heart) से जुड़ी समस्याओं की जांच करने के लिए • हृदय के बीच किसी भी छेद की उपस्थिति जांचने के लिए • हृदय में रक्त के थक्कों की उपस्थिति जांचने के लिए • समय के साथ हृदय रोग की निगरानी करने के लिए परीक्षण में जिन प्रमुख मापदंडों का मूल्यांकन किया जाता है उनमें शामिल हैं : • आपके दिल की आकृति और आकार • आपके दिल और दिल की दीवारों (Heart Walls) की हलचल • दिल की दीवारों (Heart Walls) की मोटाई • दिल की पंपिंग ताकत • हृदय वाल्वों (Heart Valves) का कार्य • आपके हृदय वाल्व (Hear...

KFT टेस्ट : क्या है, नार्मल स्तर किडनी डॉक्टर से जानिये

KFT टेस्ट किडनी की कार्यक्षमता पहचानने वाली जाँचों का एक समूह है, इसका पूर्ण रूप आम तौर पर लगभग सभी प्रयोगशालाएँ KFT / RFT में रक्त यूरिया (blood urea) / इसके अलावा सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, यूरिक एसिड का रक्त स्तर भी KFT का हिस्सा हो सकता है। शरीर में इन सभी रसायनों का संतुलन बनाने का काम किडनी करती है। किडनी की इसी कार्यक्षमता को जाँचने के लिए किए जाने वाले परीक्षणों को KFT / RFT कहा जाता है। KFT टेस्ट में कौन सी जाँचे होती हैं KFT, किडनी कार्यक्षमता जाँच के लिए किडनी से संबंधित और भी कई चीजों का होता है परीक्षण। क्या हैं वे परीक्षण और उनसे जुड़ी तमाम जानकारियाँ जानिए- यह जाँच KFT की सबसे महत्वपूर्ण जाँच होती है, इसके अंतर्गत आने वाली यह जाँच मुख्य रूप से रक्त में क्रिएटिनिन के स्तर के बारे में जानकारी देती है। स्वस्थ कार्यक्षमता वाली किडनी क्रिएटिनिन को रक्त से छानकर पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर निकाल देती है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाना किडनी की बीमारी का संकेत देता है। इस जाँच को करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त का सेंपल लेता है। प्रयोगशाला में उस रक्त की जाँच के बाद 24 घंटे के अंदर आपको रिपोर्ट मिल जाती है। रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर महिलाओं में 1.2 (mg/dL) और पुरुषों में 1.4 mg/dL होता है, लेकिन प्रयोगशालाओं के मुताबिक क्रिएटिनिन के स्तर में 0.1-0.2 mg/dl का अंतर हो सकता है। क्रिएटिनिन का स्तर इस सामान्य स्तर से उच्च होने पर किडनी के रोग का संकेत देता है। अध्ययनों में कहा गया है कि इस टेस्ट को कराने से पहले पका मांस न खाया जाए, क्योंकि पका हुआ मास क्रिएटिनिन के स्तर को तेज गति से बढ़ा देता है। भारत में इस टेस्ट की कीमत 100 रुपए से 200 रुपए तक (प्र...