पुनवासी कब है 2022

  1. शारदीय नवरात्रि 2022: कब शुरू हो रहे हैं नवरात्रि? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
  2. Nirjala Ekadashi 2022 Date Puja Vidhi And Vrat Rules
  3. Nirjala Ekadashi 2022 Date in India: From Nirjala Ekadashi date auspicious time vrat Parana muhurat and fasting rules
  4. Magha Purnima 2022 When Is February Purnima Know Subh Muhurat And Importance
  5. 2022 जुलाई में पूर्णिमा कब है? – Expert
  6. कब है दीपावली 2022: ऐसे समझें इस दिन के तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं से लेकर आपके घर में सुख
  7. 2023 में पूर्णिमा कब है
  8. आषाढ़ अमावस्या 2022: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व


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शारदीय नवरात्रि 2022: कब शुरू हो रहे हैं नवरात्रि? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

• • Faith Hindi • Navratri 2022 Date and Time: इस शुभ मुहूर्त में करें नवरात्रि की पूजा, जानें लें पूजन विधि Navratri 2022 Date and Time: इस शुभ मुहूर्त में करें नवरात्रि की पूजा, जानें लें पूजन विधि Shardiya Navratri 2022: पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है और हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं इस बार कब शुरू हो रहे हैं नवरात्रि? 4- देवी सती के शरीर के अंगों से कितने शक्तिपीठ बनते हैं? क- 51 ख- 52 ग- 54 Navratri 2022 Date and time: हिंदू धर्म में प्रत्येक त्योहार का अपना एक विशेष महत्व है और खासतौर पर नवरात्रि का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. क्योंकि नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. ( Shardiya Navratri 2022 Date) नवरात्रि साल में चार बार आते हैं और ( Navratri 2022 Kab Hai) इनमें से शारदीय नवरात्रि सबसे खास है जो कि पितृ पक्ष ( Shardiya Navratri 2022 Shubh Muhurat) समाप्त होने के बाद आती है. आइए जानते हैं इस बार कब है शारदीय नवरात्रि? शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त अश्विन मास के प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर 2022, सोमवार को है. इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगा और 8 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. • शारदीय नवरात्रि 2022 तिथियां • प्रतिपदा: 26 सितम्बर 2022 • द्वितीया: 27 सितम्बर 2022 • तृतीया: 28 सितम्बर 2022 • चतुर्थी: 29 सितम्बर 2022 • पंचमी: 30 सितम्बर 2022 • षष्ठी: 01 अक्टूबर 2022 • सप्तमी: 02 अक्टूबर 2022 • अष्टमी: 03 अक्टूबर 2022 • नवमी: 04 अक्टूबर 2022 • दशमी: 5 अक्टूबर 2022 शारदीय नवरात्रि पूजन विधि शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अ...

Nirjala Ekadashi 2022 Date Puja Vidhi And Vrat Rules

Nirjala Ekadashi 2022 Date: हिंदू धर्म शास्त्रों में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का खास महत्व बताया गया है. निर्जला एकादशी का व्रत (Nirjala Ekadashi Vrat) हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं और भगवान श्रीहरि की पूजा करते हैं. मान्यता है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) का व्रत रखने से जाने-अनजाने में किए गए पाप धुल जाते हैं. आइए जानते हैं कि 2022 में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) कब है और इन दिन किस प्रकार से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यह भी पढ़ें • निर्जला एकादशी व्रत 30 या 31 मई को लेकर हैं कंफ्यूज तो चलिए बताते हैं आपको सही तारीख • Nirjala Ekadashi Vrat 2022: निर्जला एकादशी के दिन भूल से भी नहीं किए जाते हैं ये 6 काम, जानें व्रत के नियम • Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी पर द्वादशी तिथि का लोप, जानिए कब किया जाएगा व्रत का पारण निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त | Nirjala Ekadashi 2022 Date पंचांग के मुताबिक इस साल निर्जाला एकादशी ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी यानी 10 जून, शुक्रवार को पड़ रही है. एकादशी तिथि की शुरुआत 10 जून को सुबह 7 बजकर 25 मिनट से हो रही है. वहीं एकादशी तिथि का समापन 11 जून को सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है. इसके अलावा निर्जला एकादशी के पारण का समय 11 जून को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से शाम 4 बजकर 32 मिनट तक है. निर्जला एकादशी पूजा विधि | Nirjala Ekadashi Puja Vidhi धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक निर्जला एकादशी के व्रत का नियम एक दिन पहले से यानी दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता है. दशमी की रात में अन्न ग्रहण नहीं कि...

Nirjala Ekadashi 2022 Date in India: From Nirjala Ekadashi date auspicious time vrat Parana muhurat and fasting rules

Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त, व्रत पारण का समय व व्रत नियम से लेकर यहां जानें जरूरी बातें Nirjala Ekadashi 2022 Kab Hai: एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से मनोकामना पूरी होती है। Nirjala Ekadashi 2022 Date in India and Muhurat: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत व पूजा का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत शुभ फलदायी माना गया है। यूं तो साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं, लेकिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सर्वोत्तम माना गया है। इस एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जानते हैं। इस कथा के बिना अधूरा माना गया है निर्जला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न निर्जला एकादशी 2022 कब है? निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी का संबंध महाभारत की कथा से भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 10 जून को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर प्रारंभ होगी, इस एकादशी का समापन 11 जून को शाम 05 बजकर 45 मिनट पर होगा। 10 और 11 जून दोनों दिन एकादशी तिथि पहुंचने के कारण व्रत को दोनों दिन रखा जा सकता है। हालांकि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 11 जून को एकादशी व्रत उत्तम रहेगा। निर्जला एकादशी का अर्थ- जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इस व्रत में जल का त्याग किया जाता है। निर्जला यानी बिना जल के। इस दिन व्रती जल ग्रहण नहीं करते हैं। शुक्रवार की ये हैं 5 लकी राशियां, मां लक्ष्मी की रहेगी विशेष कृपा निर्जला एकादशी का पारण कब है? निर्जला एकादशी व्रत में पारण का विशेष महत्व है। मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण...

Magha Purnima 2022 When Is February Purnima Know Subh Muhurat And Importance

Magha Purnima 2022 : माघ का महीना चल रहा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ का महीना 11वां महीना माना गया है. धार्मिक दृष्ठि से माघ के महीने को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है. माघ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जानते हैं. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. माघ पूर्णिमा कब है? जानते हैं- माघ पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार 16 फरवरी 2022, बुधवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. इसी दिन को माघ पूर्णिमा कहा जाता है. पूर्णिमा का व्रत इसी दिन रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की तिथि 15 फरवरी 2022, मंगलवार को रात 09 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी. पूर्णिमा की तिथि 16 फरवरी को रात 01 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. माघ पूर्णिमा का महत्व पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ के महीने में देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान, दान और जाप करते हैं. माना जाता है कि इस दिन प्रयागराज में गंगा स्नान करने से सभी कामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. माघ पूर्णिमा पर ग्रहों की स्थिति माघ पूर्णिमा पर ग्रहों की स्थिति सभी राशियों को प्रभावित कर रही है. इस दिन क्या विशेष है जानते हैं- • नक्षत्र- आश्लेषा • योग- शोभन • चंद्रमा- कर्क राशि • सूर्य- कुंभ राशि • गुरु- कुंभ राशि • शनि- मकर राशि • बुध- मकर राशि • मंगल- धनु राशि • शुक्र- धनु राशि • राहु- वृषभ राशि • केतु- वृश्चिक राशि • करण- विष्टि - 10:10:58 तक, बव - 22:28:46 तक • सूर्योदय- 06:59:11 • सूर्यास्त- 18:11:44 • राहु काल- दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से दोपहर 13 बजकर 59 मिनट तक Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारि...

2022 जुलाई में पूर्णिमा कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • 2022 जुलाई में पूर्णिमा कब है? इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022, दिन बुधवार को है। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा करने की परंपरा है। जुलाई महीने की पूर्णिमा कौन सी तारीख की है? हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को सुबह 4 बजे शुरू होगी और 14 जुलाई को रात 12.6 बजे खत्म होगी। पूर्णिमा 2022 में कौन सी तारीख की है? इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 14 जून 2022, दिन मंगलवार को है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस तिथि को जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। READ: शिव पार्वती का विवाह कब हुआ था? व्रत पूर्णिमा कब है अगस्त में? पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी. पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त 2022 को प्रात: 07 बजकर 05 मिनट पर होगा. वहीं श्रावण पूर्णिमा का चांद 11 अगस्त को उदय होगा. इस महीने की पूर्णिमा कब है 2022? सावन पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त | Sawan Purnima 2022 Shubh Muhurat. सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022, गुरुवार को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो चुकी है. श्रावण पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त 2022 को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा. श्रावण पूर्णिमा का चंद्रोदय 11 अगस्त को होगा. पूर्णिमा कब है 2022 June? ज्येष्ठ पूर्णिमा- मंगलवार 14 जून, 2022। आषाढ़ पूर्णिमा- बुधवार 13 जुलाई, 2022। पुनवासी कब है 2022 June? Ashadha Purnima July 2022: 13 जुलाई 2022 बुधवार को...

कब है दीपावली 2022: ऐसे समझें इस दिन के तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं से लेकर आपके घर में सुख

दीपावलीया दिवालीहिन्दू धर्मं का सबसे महान पर्व माना जाता हैं, जिसे हर भारतवासी प्रति वर्ष हर्षोल्लास से मानते हैं। दिपावलीशब्द दीपएवं आवलीकी संधि से बना है। दीपका अर्थ दीपकऔर आवलीका अर्थ पंक्तिसे है। इस प्रकार दिपावली का मतलब हुआ दीपों की पंक्ति। दीपों का यह त्योहार अमावस्याके दिन मनाया जाता है। जिस दिन आसमान में अंधेरा छाया रहता है और दीपों की इस रोशनी से पूरा संसार जगमगा उठता है। दीपावली मनाने के पीछे कई कथाएं प्रचलित है। जो इसके महत्व के बारे में बताती हैं… पूजन शुरू करने से पहले गणेश लक्ष्मी के विराजने के स्थान पर रंगोली बनाएं। जिस चौकी पर पूजन कर रहे हैं उसके चारों कोने पर एक-एक दीपक जलाएं। इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर कच्चे चावल रखें फिर गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। इस दिन लक्ष्मी, गणेश के साथ कुबेर, सरस्वती एवं काली माता की पूजा का भी विधान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के बिना देवी लक्ष्मी की पूजा अधूरी रहती है। इसलिए भगवान विष्ण के बांयी ओर रखकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें। दीपावली पूजन के लिए जरूरी सामग्री लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी का चित्र या प्रतिमा ,कलावा, रोली, चावल, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, इलायची, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे की माला, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, शंख,पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई,कपूर, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन,चांदी का सिक्का। • दीवाली की पूजा में सबसे पहले एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती व ...

2023 में पूर्णिमा कब है

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन आकाश में चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है। पूर्णिमा का भारतीय लोगों के जीवन में अपना एक अलग ही महत्व होता है। हर महीने में आने वाली पूर्णिमा को कोई न कोई व्रत या त्यौहार ज़रूर मनाया जाता है। पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर की बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि होती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है। अलग-अलग जगहों पर पूर्णिमा को कई अलग तरह के नामों से जाना जाता है। कहीं इसे पौर्णिमी कहते हैं तो कहीं पूर्णमासी। हिन्दू धर्म में इस दिन दान, धर्म के साथ-साथ व्रत करने की भी मान्यता है। तीर्थ स्थल के दर्शन, स्नान और दान-धर्म के लिए कार्तिक, वैशाख और माघ महीने की पूर्णिमा को बहुत शुभ माना जाता है। पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होने की वजह से पूर्णिमा के दिन कई लोग भगवान सत्यनारायण की कथा और पूजा आदि भी रखते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के सुख और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के दिन पूर्वजों को भी याद किए जाने का रिवाज है। पूर्णिमा हर महीने में एक बार जरूर आती है इसीलिए देखा जाये तो साल के 12 महीने में कुल 12 पूर्णिमा होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा को मानव के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। दरअसल हिन्दू कैलेंडर में तिथियों का निर्धारण चन्द्रमा की गति को आधार बना कर किया गया है। जिस दिन चन्द्रमा अपने पूरे आकार में होता है उस दिन को पूर्णिमा कहते है और जिस दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता उस दिन को अमावस्या कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा का महत्व पूर्णिमा तिथि को ज्योतिष शास्त्र में भी बह...

आषाढ़ अमावस्या 2022: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

• • Faith Hindi • आषाढ़ अमावस्या 2022: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व आषाढ़ अमावस्या 2022: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व आषाढ़ अमावस्या 2022: आषाढ़ अमावस्या महत्वपूर्ण अमावस्या में से एक है. इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन हल और खेतों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है. ऐसे में जानते हैं शुभ मुहूर्त... आषाढ़ अमावस्या 2022: आषाढ़ माह में आने वाली अमावस्या आषाढ़ अमावस्या कहलाती है. इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं. बता दें, इस अमावस्या नदी में स्नान करके पितरों की पूजा की जाती है. इसके अलावा हल और खेतों में उपयोग होने वाले उपकरणों का भी पूजन होता है. यह दिन किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. किसान पूरे विधि विधान से हल पूजन करते हैं. साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी फसल हरी-भरी बनी रहे. बता दें, इस बार आषाढ़ अमावस्या 28 जून दिन मंगलवार को है. ऐसे में शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आषाढ़ अमावस्या के दिन कौन सा शुभ मुहूर्त है. साथ ही आषाढ़ी अमावस्या का महत्व भी जानेंगे. पढ़ते हैं आगे… आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त आषाढ़ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जून 2022, सुबह 05:53 मिनट से आषाढ़ अमावस्या तिथि समापन: 29 जून 2022, सुबह 08:23 मिनट तक आषाढ़ अमावस्या का महत्व आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके सूर्य भगवान को जल देने का बहुत महत्व है. इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करके पितरों की शांति के लिए दान करते हैं. इस दिन यज्ञ करने का अनंत फल मिलता है. व्यक्ति को पितरों क...