राधा रानी के 1008 नाम pdf

  1. RADHE RADHE NAAM KI MAHIMA राधे राधे नाम की महिमा
  2. राधा रानी चालीसा पाठ
  3. मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को Lyrics
  4. राधा जी के 108 नाम जानें
  5. राधा रानी के चरण प्यारे प्यारे भजन Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
  6. Radha Rani


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RADHE RADHE NAAM KI MAHIMA राधे राधे नाम की महिमा

राधा रानी राधा नाम जपने से श्री कृष्ण जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं . राधा के नाम के बिना श्री कृष्ण का नाम भी अधूरा माना गया है. राधा नाम की महिमा है कि माना जाता है कि" रा" सुनते ही रोग मिट जाते हैं और "धा" सुनते ही सब बंधन छूट जाते हैं. श्री कृष्ण से मिलने की जो राह बता दे वह है राधे. श्री कृष्ण राधा नाम के महिमा करते हुए कहते हैं - 'रा' शब्दं कुर्वतस्त्रस्तो ददामि भक्तिमुत्तमाम्। 'धा' शब्दं कुर्वतः पश्चाद् यामि श्रवणलोभतः॥ श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी के मुख से " रा" शब्द सुनते ही मैं उसे भक्ति प्रदान करता हूं और "धा" शब्द सुनते ही राधा रानी का नाम सुनने के लालसा में उसके पीछे-पीछे चला जाता हूं. मम नाम शतेनैव राधा नाम सकृत समम। य: स्मरते सर्वदा राधा न जाने तस्य किं फलम। भाव- श्री कृष्ण कहते हैं कि जिस भक्त ने मेरे 100 नाम का स्मरण किया और श्री राधा रानी का एक बार नाम लिया दोनों का फल एक समान होगा। लेकिन जो भक्त सदा सर्वदा राधा नाम का जाप करते है उनको क्या फल मिलता है मैं भी नहीं जानता। श्री राधा के 16 नामों की व्याख्या"ब्रह्मवैवर्त पुराण" के "श्री कृष्ण जन्म खंड"में स्वयं "भगवान नारायण" ने "नारद जी" से कहीं है। राधा रासेस्वरी रासवासिनी रसिकेश्वरी। कृष्णप्राणाधिका कृष्णप्रिया कृष्णस्वरूपिणी।। कृष्णवामांगसम्भूता परमानन्दरूपिणी। कृष्णा वृन्दावनी वृन्दा वृन्दावनविनोदिनी।। चन्द्रावली चन्द्रकान्ता शरच्चन्द्रप्रभानना। नामान्येतानि साराणि तेषामभ्यन्तराणि च।। राधे-राधे नाम की महिमा का प्रसंग. एक बार एक संत एक नगर में आए. उनके पास उस नगर का एक सेठ आया और कहने लगा कि महाराज मेरा पुत्र भगवान का नाम नहीं लेता . मुझे फिक्र रहती है कि उसका परलोक कैसे सुधरेगा .सेठ संत को अपने घर आमंत्रित क...

राधा रानी चालीसा पाठ

राधा रानी चालीसा पाठ | Radha Rani Chalisa हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप राधा रानी चालीसा पाठ | Radha Rani Chalisa हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं राधा रानी चालीसा पाठ | Radha Rani Chalisa के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। राधा रानी चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। राधा देवी की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। राधा देवी चालीसा के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। राधा देवी की कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है। राधा भी हिन्दू धर्म की देवी हैं। जो चतुर्भुज विष्णु की अर्धांगिनी श्री लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं। श्री राधा और कृष्ण को शाश्वत प्रेम का प्रतीक माना जाता हैं। श्री राधा जी की आराधना से सुख- शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इनकी आराधना करने से घर में प्रेम का वातावरण रहता है। राधा रानी चालीसा पाठ | Radha Rani Chalisa ॥ दोहा ॥ श्री राधे वृषभानुजा,भक्तनि प्राणाधार। वृन्दावनविपिन विहारिणी,प्रणवों बारंबार॥ जैसो तैसो रावरौ,कृष्ण प्रिया सुखधाम। चरण शरण निज दीजिये,सुन्दर सुखद ललाम॥ ।। चौपाई ।। जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिणी श्याम अधर । अमित बोध मंगल दातार ॥ रास विहारिणी रस विस्तारिन । सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥ नित्य किशोरी राधा गोरी । श्याम प्रन्नाधन अति जिया भोरी ॥ करुना सागरी हिय उमंगिनी । ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥ दिनकर कन्या कूल विहार...

मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को Lyrics

मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को Lyrics मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को Lyrics (Hindi) मिशरी से मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, बाबा है वृषभान कुंवर जी, मैया कीरति, बाबा है वृषभान कुंवर जी, मैया कीरति, ब्रज में बरसानो धाम, हमारी राधा रानी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, तीन लोक चौदह भवनो की, स्वामिनी श्यामा जु, तीन लोक चौदह भवनो की, स्वामिनी श्यामा जु, चरणन को चाकर श्याम, हमारी राधा रानी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा राधा जपने से, भव बाधा कट जाती, राधा राधा जपने से, भव बाधा कट जाती, दुःख दूर करन को काम, हमारी राधा रानी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर, सनकादिक ध्यान धरे, ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर, सनकादिक ध्यान धरे, गुण गावे ‘तोताराम’, हमारी राधा रानी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, मिशरी से मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, राधा रानी को, हमारी श्यामा प्यारी को, मिशरी ते मिठो नाम, हमारी राधा रानी को, Download PDF (मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को भजन लिरिक्स) मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को भजन लिरिक्स – मिशरी से मीठो नाम हमारी राधा रानी को भजन लिरिक्स Pt.SHAAN DUBEY Chaand / छिंदवाड़ा No.9753443574 / 9755305783 ...

राधा जी के 108 नाम जानें

राधा जी के 108 नाम पढ़ें 1. राधा (rādhā) 2. गंधर्विका (gaṃdharvikā) अर्थात् गाने और नृत्य में कुशल 3. गोस्थयुव-रजिका-कामिता (gosthayuva-rajikā-kāmitā) अर्थात् व्रज के राजकुमार यानी 4. गंधर्व राधिका (gaṃdharva rādhikā) अर्थात् जिनका पूजन गंधर्व भी करते हैं 5. चंद्रकांतिर (caṃdrakāṃtira) अर्थात् जिनकी आभा 6. माधव-संगिनी (mādhava-saṃginī) अर्थात् जिसे माधव का संग प्राप्त हो 7. दामोदरद्वैत-सखी (dāmodaradvaita-sakhī) अर्थात् दामोदर की अनन्य प्रेयसी 8. कार्तिकोत्कीर्तिदेस्वरी (kārtikotkīrtidesvarī) अर्थात् वह रानी जो कार्तिक के महीने में कीर्ति देती है 9. मुकुंद दयाता-वृंदा धम्मिला मणि-मंजरी (mukuṃda dayātā-vṛṃdā dhammilā maṇi-maṃjarī) अर्थात् मुकुंद की सखियों का शिखा-रत्न 10. भास्करोपासिका (bhāskaropāsikā) अर्थात् जो 11. वृषभानवी (vṛṣabhānavī) अर्थात् वृषभानु की पुत्री 12. वृषभानुजा (vṛṣabhānujā) अर्थात् जो राजा वृषभानु से उत्पन्न हुई हो 13. अनंग मंजरी सेविता (anaṃga maṃjarī sevitā) अर्थात् अनंग मंजरी से सेवित 14. जेष्ठ श्रीदामा (jeṣṭha śrīdāmā) अर्थात् श्रीदामा की छोटी बहन 15. वरजोत्तमा (varajottamā) अर्थात् महानतम 16. कीर्तिदा-कन्याका (kīrtidā-kanyākā) अर्थात् कीर्तिदा की पुत्री 17. मातृ-स्नेहा-पियूषा-पुत्रिका (mātṛ-snehā-piyūṣā-putrikā) अर्थात् जो माता के स्नेह की अमृत वस्तु है 18. विशाखा-सवायः (viśākhā-savāyaḥ) अर्थात् विशाखा की सम-वयस् 19. प्रेस्थ विशाखा जिवितधिका (prestha viśākhā jivitadhikā) अर्थात् विशाखा को जान से भी अधिक प्रिय 20. प्रणद्वितीय ललिता (praṇadvitīya lalitā) अर्थात् जो कोई अन्य नहीं वरन् ललिता है 21. वृंदावन विहारिणी (vṛṃdāvana vihāriṇī) अर्थात् 22. ललिता ...

राधा रानी के चरण प्यारे प्यारे भजन Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

राधा रानी के चरण प्यारे प्यारे भजन लिरिक्स Radha Rani Ke Charan Pyare Pyare राधा रानी के चरण प्यारे प्यारे भजन लिरिक्स (हिन्दी) मुझे और जगत से, क्या लेना क्या लेना, राधा रानी के चरण, प्यारे प्यारे, श्यामा प्यारी के चरण, प्यारे प्यारे।। मेरे मन मतवाले, तू राधा नाम तो गाले, तेरी पार करेंगी नैया, चरणों से प्रीत लगाले, जपले राधे राधे नाम, तेरे पूरण होंगे काम, क्योकि इसमें तेरा, कुछ लागे ना, राधे रानी के चरण, प्यारे प्यारे, श्यामा प्यारी के चरण, प्यारे प्यारे।। राधे राधे गाओगे, वृन्दावन आ जाओगे, वृन्दावन आ जाओगे, फिर वापस ना जाओगे, कण कण में राधा रानी, वृन्दावन की महारानी, इन चरणों से दूर मन, भागे ना भागे ना, राधे रानी के चरण, प्यारे प्यारे, श्यामा प्यारी के चरण, प्यारे प्यारे।। मेरी राधा गोरी गोरी, वो है वृषभानु किशोरी, तुझे रखेंगी शरण में, चाहे प्रीत हो तेरी थोड़ी, जब तू गाए राधा नाम, तुझे मिल जाए घनश्याम, क्योकि बिन राधे मुरली, बाजे ना बाजे ना, राधे रानी के चरण, प्यारे प्यारे, श्यामा प्यारी के चरण, प्यारे प्यारे।। मुझे और जगत से, क्या लेना क्या लेना, राधा रानी के चरण, प्यारे प्यारे, श्यामा प्यारी के चरण, प्यारे प्यारे।। स्वर श्री गौरव कृष्ण शास्त्री जी। mere mana matavAle, tU rAdhA nAma to gAle, terI pAra kareMgI naiyA, charaNoM se prIta lagAle, japale rAdhe rAdhe nAma, tere pUraNa hoMge kAma, kyoki isameM terA, kuCha lAge nA, rAdhe rAnI ke charaNa, pyAre pyAre, shyAmA pyArI ke charaNa, pyAre pyAre|| rAdhe rAdhe gAoge, vRRindAvana A jAoge, vRRindAvana A jAoge, phira vApasa nA jAoge, kaNa kaNa meM rAdhA rAnI, vRRindAvana kI mahArAnI, ina charaNoM se dUra mana, bhAge nA bhAge n...

Radha Rani

2. राधा कृष्ण का पहला मिलन : राधा ने जब कृष्ण को देखा तो वह बेसुध हो गई थी। कहते हैं पहली बार उन्होंने श्रीकृष्‍ण को तब देखा था जब उनकी मां यशोदा ने उन्हें ओखले से बांध दिया था। कुछ लोग कहते हैं कि वह पहली बार गोकुल अपने पिता वृषभानुजी के साथ आई थी तब श्रीकृष्ण को पहली बार देखा था। कुछ विद्वानों के अनुसार संकेत तीर्थ पर पहली बार दोनों की मुलाकात हुई थी। 3. पूर्वजन्म से तय था मिलना : ब्रह्मवैवर्त पुराण प्रकृति खंड अध्याय 48 के अनुसार और यदुवंशियों के कुलगुरु गर्ग ऋषि द्वारा लिखित गर्ग संहिता की एक कथा के अनुसार एक बार नंदबाबा श्रीकृष्ण को लेकर बाजार घूमने निकले थे। उसी दौरान राधा और उनके पिता भी वहां पहुंचे थे। दोनों का वहां पहली बार मिलन हुआ। उस दौरान दोनों की ही उम्र बहुत छोटी थी। उस स्थान को सांकेतिक तीर्थ स्थान कहते हैं। संकेत का शब्दार्थ है पूर्वनिर्दिष्ट मिलने का स्थान। मान्यता है कि पिछले जन्म में ही दोनों ने यह तय कर लिया था कि हमें इस स्थान पर मिलना है। यहां हर साल राधा के जन्मदिन यानी राधाष्टमी से लेकर अनंत चतुर्दशी के दिन तक मेला लगता है। 4. राधा कृष्ण का विवाह : गर्ग संहिता के अनुसार एक जंगल में स्वयं ब्रह्मा ने राधा और कृष्ण का गंधर्व विवाह करवाया था। श्रीकृष्ण के पिता उन्हें अकसर पास के भंडिर ग्राम में ले जाया करते थे। वहां उनकी मुलाकात राधा से होती थी। एक बार की बात है कि जब वे अपने पिता के साथ भंडिर गांव गए तो अचानक तेज रोशनी चमकी और मौसम बिगड़ने लगा, कुछ ही समय में आसपास सिर्फ और सिर्फ अंधेरा छा गया। इस अंधेरे में एक पारलौकिक शख्सियत का अनुभव हुआ। वह राधारानी के अलावा और कोई नहीं थी। अपने बाल रूप को छोड़कर श्रीकृष्ण ने किशोर रूप धारण कर लिया और इसी जंगल में ब...