सदाबहार पुराने गीत

  1. लता मंगेशकर के 30 मधुर गीत
  2. हिंदी में रोजगार के अवसर
  3. कोई दीवाना कहता है : कुमार विश्वास (हिन्दी कविता)


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लता मंगेशकर के 30 मधुर गीत

लता मंगेशकर ने हमेशा 'क्वांटिटी' की बजाय 'क्वॉलिटी' को महत्व दिया है, इसलिए उनके द्वारा गाया लगभग हर गीत अपने आप में अनोखा है, बेहतरीन है, सुनने लायक है। उन्होंने हजारों गाने गाए हैं और उनमें से चंद गीतों को सर्वश्रेष्ठ कहना नाइंसाफी होगी। कई गीत ऐसे भी हैं जो कुछ कारणों से लोकप्रिय नहीं हो पाए, फिर भी उम्दा है। समय-समय पर कई गीतकारों, संगीतकारों, अभिनेताओं ने लता के श्रेष्ठ गीतों की सूची बनाने की कोशिश की है, लेकिन उनके सामने भी यही समस्या रही है कि किसे शामिल करें और किसे छोड़े। वैसे तो पचास और साठ का दशक फिल्म संगीत के लिहाज से स्वर्णिम काल माना जाता है, लेकिन यहां हमने हर दौर के लता द्वारा गाए गीतों को शामिल करने की कोशिश की है। पेश है उनके श्रेष्ठ 30 गीत : उठाए जा उनके सितम (अंदाज) हवा में उड़ता जाए (बरसात) आएगा आएगा आएगा आने वाला (महल) घर आया मेरा परदेसी (आवारा) तुम न जाने किस जहाँ में (सजा) ये जिंदगी उसी की है (अनारकली) मन डोले मेरा तन डोले (नागिन) मोहे भूल गए साँवरिया (बैजू बावरा) यूँ हसरतों के दाग (अदालत) जाएँ तो जाएँ कहाँ (टैक्सी ड्राइवर) प्यार हुआ इकरार हुआ (श्री 420) रसिक बलमा (चोरी चोरी) ऐ मालिक तेरे बंदे हम (दो आँखे बारह हाथ) आ लौट के आजा मेरे गीत (रानी रूपमती) प्यार किया तो डरना क्या (मुगल ए आजम) ओ बसंती पवन पागल (जिस देश में गंगा बहती है) ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियाँ) अल्लाह तेरो नाम (हम दोनों) पंख होते तो उड़ आती रे (सेहरा) बिंदिया चमकेगी (दो रास्ते) चलते चलते (पाकीजा) सुन साहिबा सुन (राम तेरी गंगा मैली) कबूतर जा जा(मैंने प्यार किया) मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ है (चाँदनी) यारा सीली सली (लेकिन) दीदी तेरा देवर दीवाना (हम आपके है कौन) मेरे ख्वाबों में जो ...

हिंदी में रोजगार के अवसर

हिंदी में रोजगार के अवसर | Employment opportunity in Hindi 2021 हिंदी में रोजगार के अवसर | Employment opportunity in Hindi 2021 हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है , लेकिन वर्तमान में युवा पीढ़ी इससे दूर अंग्रेजी की ओर रुख करने लगी है। हिंदी भाषा का ज्ञान वर्तमान में युवाओं और बेरोजगारों के लिए रोजगार के कई द्वार खोलता है। बस वहां तक पहुंचने की जिज्ञासा और रुचि जगाना जरुरी है। हिन्‍दी में रोजगार के अवसर। (Employment opportunity in Hindi) हिन्‍दी दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। एक रिपोर्ट के मुताबि‍क इस समय दुनियाभर में हिन्‍दी बोलने वालों की संख्या55 करोड़ से ज्‍यादा है, वहीं हिन्‍दी समझ सकने वाले लोगों की संख्या करीब 1 अरब से भी ज्यादा है। प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच और संस्थाओं में हिन्‍दी के इस्‍तेमाल में इजाफा हुआ है। फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे प्‍लेटफॉर्म पर अब हिन्‍दी का ही दबदबा है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी हिन्‍दी में बहुत बड़े पैमाने पर काम करना शुरू कर दिया है। ऐसे में करि‍यर की भी बहुत संभावना है। हिन्‍दी राजभाषा अधिकारी (Hindi Rajbhasha Adhikari) केंद्रीय संस्थानों और कार्यालयों में राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति की जाती है जो अपने यहां हर प्रकार से हिन्‍दी के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं और हिन्‍दी में कामकाज को सुगम बनाते हैं। यदि आप हिन्‍दी विषय में स्नातक हैं और एक विषय के रूप में अंग्रेजी भी पढ़ी है तो राजभाषा अधिकारी के रूप में करियर बनाया जा सकता है। हिन्‍दी अध्यापन (Hindi Language Teacher) हिन्‍दी का अध्ययन करने वालों के बीच अध्यापन एक पारंपरिक करियर विकल्प के रूप में...

कोई दीवाना कहता है : कुमार विश्वास (हिन्दी कविता)

पूरा जीवन बीत गया है, बस तुमको गा, भर लेने में— हर पल कुछ कुछ रीत गया है, पल जीने में, पल मरने में, इसमें कितना औरों का है, अब इस गुत्थी को क्या खोलें, गीत, भूमिका सब कुछ तुम हो, अब इससे आगे क्या बोलें... ... यों गाया है हमने तुमको बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है तुम अगर नहीं आई गीत गा न पाऊँगा साँस साथ छोडेगी, सुर सजा न पाऊँगा तान भावना की है शब्द-शब्द दर्पण है बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है तीर पार कान्हा से दूर राधिका-सी है रात की उदासी को याद संग खेला है कुछ गलत ना कर बैठें मन बहुत अकेला है औषधि चली आओ चोट का निमंत्रण है बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है तुम अलग हुई मुझसे साँस की ख़ताओं से भूख की दलीलों से वक्त की सज़ाओं से दूरियों को मालूम है दर्द कैसे सहना है आँख लाख चाहे पर होंठ से न कहना है कंचना कसौटी को खोट का निमंत्रण है बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है मन तुम्हारा ! हो गया तो हो गया .... एक तुम थे जो सदा से अर्चना के गीत थे, एक हम थे जो सदा से धार के विपरीत थे ग्राम्य-स्वर कैसे कठिन आलाप नियमित साध पाता, द्वार पर संकल्प के लखकर पराजय कंपकंपाता क्षीण सा स्वर खो गया तो, खो गया मन तुम्हारा ! हो गया तो हो गया......... लाख नाचे मोर सा मन लाख तन का सीप तरसे, कौन जाने किस घड़ी तपती धरा पर मेघ बरसे, अनसुने चाहे रहे तन के सजग शहरी बुलावे, प्राण में उतरे मगर जब सृष्टि के आदिम छलावे बीज बादल बो गया तो, बो गया, मन तुम्हारा! हो गया तो हो गया....... मैं तुम्हें ढूँढने स्वर्ग के द्वार तक रोज आता रहा, रोज जाता रहा तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा जिन्दगी के सभी रास्ते एक थे सबकी मंजिल तुम्हारे चयन...