अखंड मंडला कारम मंत्र

  1. गायत्री मन्त्र
  2. णमोकार मंत्र का जाप, अर्थ सहित: namokar mantra in hindi, lyrics with meaning
  3. 10 ऐसे चमत्कारी मंत्र, जो करेंगे हर संकट का अंत, खुशियां लौटेंगी तुरंत
  4. Very Effective Ten Mantra Of Goddess Mahalakshmi
  5. हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र...
  6. गायत्री मन्त्र
  7. Very Effective Ten Mantra Of Goddess Mahalakshmi
  8. हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र...
  9. णमोकार मंत्र का जाप, अर्थ सहित: namokar mantra in hindi, lyrics with meaning
  10. हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र...


Download: अखंड मंडला कारम मंत्र
Size: 52.38 MB

गायत्री मन्त्र

गायत्री महामंत्र ( सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसे 'गायत्री' एक तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। (ऋग्वेद ३,६२,१०) गायत्री ध्यानम् मुक्ता-विद्रुम-हेम-नील धवलच्छायैर्मुखस्त्रीक्षणै- र्युक्तामिन्दु-निबद्ध-रत्नमुकुटां तत्त्वार्थवर्णात्मिकाम्‌। गायत्रीं वरदा-ऽभयः-ड्कुश-कशाः शुभ्रं कपालं गुण। शंख, चक्रमथारविन्दुयुगलं हस्तैर्वहन्तीं भजे॥ ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ हिन्दी में भावार्थ उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। मन्त्र जप के लाभ गायत्री मन्त्र का नियमित रुप से सात बार जप करने से व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियाँ बिलकुल नहीं आती। जप से कई प्रकार के लाभ होते हैं, व्यक्ति का तेज बढ़ता है और मानसिक चिन्ताओं से मुक्ति मिलती है। गायत्री मन्त्र में चौबीस अक्षर होते हैं, यह 24 अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। इसी कारण ऋषियों ने गायत्री मन्त्र को सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है। परिचय [ ] यह मन्त्र सर्वप्रथम ऋग्वेद में उद्धृत हुआ है। इसके ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। वैसे तो यह मन्त्र विश्वामित्र के इस सूक्त के 18 मन्त्रों में केवल एक है, किन्तु अर्थ की दृष्टि से इसकी महिमा का अनुभव आरम्भ में ही ऋषियों ने कर लिया था और सम्पूर्ण ऋग्वेद के 10 सहस्र मन्त्रों में इस मन्त्र के अर्थ की गम्भीर व्यंजना सबसे अधिक की गई। इस मन्त्र में 24 अक्षर हैं। उनम...

णमोकार मंत्र का जाप, अर्थ सहित: namokar mantra in hindi, lyrics with meaning

By Aug 8, 2020 णमोकारमंत्र णमोअरिहंताणं, णमोसिद्धाणं, णमोआयरियाणं, णमोउवज्झायाणं, णमोलोएसव्वसाहूणं। एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणंचसव्वेसिं, पडममहवईमंगलं। जैनधर्ममेंनवकारमंत्रसबसेमहत्वपूर्णमंत्रहै।यहध्यानकरतेहुएजैनोंद्वाराकीगईपहलीप्रार्थनाहै।मंत्रकोविभिन्नरूपसेपंचनमस्कारमंत्र, नवकारमंत्रयानमस्कारमंत्रकेरूपमेंभीजानाजाताहै। नीचेनवकारमंत्रकाअर्थपंक्तिद्वारादियागयाहै, जिसमेंभक्तपहलेपाँचपरमआत्माओंयापानका-परमेष्ठीकीओरझुकताहै: • अरिहंत- जिनलोगोंनेचारअनैतिककर्मोंकानाशकियाहै • सिद्ध–मुक्तआत्मा • आचार्य–आध्यात्मिकनेतायाअभिभाषक • उपाध्याय–कमउन्नततपस्वियोंकाअभिभाषक [3] • साढ़ू–सम्यकचरित्र (सहीआचरण) काअभ्यासकरनेवालेदुनियाकेसाधुयासंत वहयहभीकहतेहैंकिइनसभीपांचसर्वोच्चआत्माओंकोनमनकरके, उसकेसभीकर्मनष्टहोसकतेहैंऔर एक-एकजीवितइकाईकेकल्याणकीकामनाकरताहै वहअंतमेंकहताहैकियहमंत्रसबसेशुभहै देवताओंयाकिसीविशिष्टव्यक्तिकेकिसीविशेषनामकाकोईउल्लेखनहींहै।प्रार्थनादेवताओं, शिक्षकोंऔरसंतोंकेगुआ (अच्छेगुणों) कीओरकीजातीहै।जैनतीर्थंकरोंयामठवासियोंसेकोईउपकारयाभौतिकलाभनहींमाँगते।यहमंत्रकेवलउनप्राणियोंकेप्रतिगहरेसम्मानकेएकइशारेकेरूपमेंकार्यकरताहैजिनकेबारेमेंउनकामानना​​हैकिवेआध्यात्मिकरूपसेविकसितहैं, साथहीसाथलोगोंकोअपनेअंतिमलक्ष्ययानीमोक्ष (मुक्ति) कीयाददिलानेकेलिएभीकरतेहैं।नवकारमंत्रमें 68 अक्षरहोतेहैं। णमोकारमंत्रकेपाँचपद •नमोअरिहंताणं•नमोसिद्धानम•नमोअय्यार्यणम्•नमोउवाज्ह्यानम•नमोलोयसवसाहुणम् नमोकारमंत्रकीविशिष्टता जैनधर्मअहिंसायाअहिंसाकेगुणपरबहुतजोरदेताहै।यहधर्मव्यक्तियोंकोमहत्वनहींदेताहै, बल्किकेवलउनकीप्राप्ति, प्रकृति, चरित्रऔरदृष्टिकोणकेलिएहै।नमोकारमंत्रब्रह्मांडमेंसभीआध्यात्मिकप्राणियोंकोसंबोधितकर...

10 ऐसे चमत्कारी मंत्र, जो करेंगे हर संकट का अंत, खुशियां लौटेंगी तुरंत

मंत्र प्रभाव : हनुमानजी भी राम नाम का ही जप करते रहते हैं। कहते हैं राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है। इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताओं से छुटकारा मिलता है तथा दिमाग शांत रहता है। राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना गया है। यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है और हृदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है। मंत्र प्रभाव : भगवान विष्णु को जगतपालक माना जाता है। वे ही हम सभी के पालनहार हैं इसलिए पीले फूल व पीला वस्त्र चढ़ाकर उक्त किसी एक मंत्र से उनका स्मरण करते रहेंगे, तो जीवन में सकारात्मक विचारों और घटनाओं का विकास होकर जीवन खुशहाल बन जाएगा। विष्णु और लक्ष्मी की पूजा एवं प्रार्थना करते रहने से सुख और समृद्धि का विकास होता है। मंत्र प्रभाव : शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है। यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियमपूर्वक इस मंत्र का सहारा लें। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है। मंत्र प्रभाव : यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंत्र है, जो ईश्वर के प्रति, ईश्वर का साक्षी और ईश्वर के लिए है। यह मंत्रों का मंत्र सभी हिन्दू शास्त्रों में प्रथम और 'महामंत्र' कहा गया है। हर समस्या के लिए मात्र यह एक ही मंत्र कारगर है। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है। Jagannath Rath Yatra 2023: भारत के ओड़िसा राज्य के पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का...

Very Effective Ten Mantra Of Goddess Mahalakshmi

लक्ष्मी जी के ये 10 मंत्र हैं अत्यंत प्रभावशाली, जाप से मिलती मां की अखंड कृपा धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्मशास्त्रों में मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है. माता के अलग-अलग मंत्रों के जाप से आर्थिक प्राप्तियां होती हैं और माता की अखंड कृपा से सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं. धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्मशास्त्रों में मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है. माता के अलग-अलग मंत्रों के जाप से आर्थिक प्राप्तियां होती हैं और माता की अखंड कृपा से सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं. आइए जानते हैं मंत्रों के बारे में 1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: यह वैभव लक्ष्मी का मंत्र है,इस मंत्र का जाप 108 बार करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है। 2. धनाय नमो नम: देवी मां के इस मंत्र का रोजाना 11 बार जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति की धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं। 3. ॐ लक्ष्मी नम: इस मंत्र का अगर जाप किया जाए तो व्यक्ति के घर में लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही घर में कभी अन्न और धन की कमी भी नहीं होती है. इस मंत्र का जाप कुश आसन पर ही करना चाहिए. 4. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम: इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ कार्य करने से पहले करें. ऐसा करने से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं. 5. लक्ष्मी नारायण नम: इस मंत्र का जाप करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. पति-पत्नी के बीच का संबंध भी अच्छा बना रहता है. 6. पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप 108 बार करें. इसका जाप स्फटिक की माला के साथ करें. इससे घर में ...

हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र...

मंत्र प्रभाव : उक्त में से प्रथम नंबर का मंत्र जपें। रविवार एवं बुधवार को भैरव की उपासना का दिन माना गया है। कुत्ते को इस दिन मिष्ठान्न खिलाकर दूध पिलाना चाहिए। भैरव की पूजा में श्री बटुक भैरव अष्टोत्तर शत-नामावली का पाठ करना चाहिए। भैरव की प्रसन्नता के लिए श्री बटुक भैरव मूल मंत्र का पाठ करना शुभ होता है।

गायत्री मन्त्र

गायत्री महामंत्र ( सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसे 'गायत्री' एक तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। (ऋग्वेद ३,६२,१०) गायत्री ध्यानम् मुक्ता-विद्रुम-हेम-नील धवलच्छायैर्मुखस्त्रीक्षणै- र्युक्तामिन्दु-निबद्ध-रत्नमुकुटां तत्त्वार्थवर्णात्मिकाम्‌। गायत्रीं वरदा-ऽभयः-ड्कुश-कशाः शुभ्रं कपालं गुण। शंख, चक्रमथारविन्दुयुगलं हस्तैर्वहन्तीं भजे॥ ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ हिन्दी में भावार्थ उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। मन्त्र जप के लाभ गायत्री मन्त्र का नियमित रुप से सात बार जप करने से व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियाँ बिलकुल नहीं आती। जप से कई प्रकार के लाभ होते हैं, व्यक्ति का तेज बढ़ता है और मानसिक चिन्ताओं से मुक्ति मिलती है। गायत्री मन्त्र में चौबीस अक्षर होते हैं, यह 24 अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। इसी कारण ऋषियों ने गायत्री मन्त्र को सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है। परिचय [ ] यह मन्त्र सर्वप्रथम ऋग्वेद में उद्धृत हुआ है। इसके ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। वैसे तो यह मन्त्र विश्वामित्र के इस सूक्त के 18 मन्त्रों में केवल एक है, किन्तु अर्थ की दृष्टि से इसकी महिमा का अनुभव आरम्भ में ही ऋषियों ने कर लिया था और सम्पूर्ण ऋग्वेद के 10 सहस्र मन्त्रों में इस मन्त्र के अर्थ की गम्भीर व्यंजना सबसे अधिक की गई। इस मन्त्र में 24 अक्षर हैं। उनम...

Very Effective Ten Mantra Of Goddess Mahalakshmi

लक्ष्मी जी के ये 10 मंत्र हैं अत्यंत प्रभावशाली, जाप से मिलती मां की अखंड कृपा धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्मशास्त्रों में मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है. माता के अलग-अलग मंत्रों के जाप से आर्थिक प्राप्तियां होती हैं और माता की अखंड कृपा से सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं. धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्मशास्त्रों में मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है. माता के अलग-अलग मंत्रों के जाप से आर्थिक प्राप्तियां होती हैं और माता की अखंड कृपा से सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं. आइए जानते हैं मंत्रों के बारे में 1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: यह वैभव लक्ष्मी का मंत्र है,इस मंत्र का जाप 108 बार करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है। 2. धनाय नमो नम: देवी मां के इस मंत्र का रोजाना 11 बार जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति की धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं। 3. ॐ लक्ष्मी नम: इस मंत्र का अगर जाप किया जाए तो व्यक्ति के घर में लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही घर में कभी अन्न और धन की कमी भी नहीं होती है. इस मंत्र का जाप कुश आसन पर ही करना चाहिए. 4. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम: इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ कार्य करने से पहले करें. ऐसा करने से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं. 5. लक्ष्मी नारायण नम: इस मंत्र का जाप करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. पति-पत्नी के बीच का संबंध भी अच्छा बना रहता है. 6. पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप 108 बार करें. इसका जाप स्फटिक की माला के साथ करें. इससे घर में ...

हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र...

मंत्र प्रभाव : हनुमानजी भी राम नाम का ही जप करते रहते हैं। कहते हैं राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है। इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताओं से छुटकारा मिलता है तथा दिमाग शांत रहता है। राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना गया है। यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है और हृदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है। मंत्र प्रभाव : भगवान विष्णु को जगतपालक माना जाता है। वे ही हम सभी के पालनहार हैं इसलिए पीले फूल व पीला वस्त्र चढ़ाकर उक्त किसी एक मंत्र से उनका स्मरण करते रहेंगे, तो जीवन में सकारात्मक विचारों और घटनाओं का विकास होकर जीवन खुशहाल बन जाएगा। विष्णु और लक्ष्मी की पूजा एवं प्रार्थना करते रहने से सुख और समृद्धि का विकास होता है। मंत्र प्रभाव : शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है। यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियमपूर्वक इस मंत्र का सहारा लें। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है। मंत्र प्रभाव : यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंत्र है, जो ईश्वर के प्रति, ईश्वर का साक्षी और ईश्वर के लिए है। यह मंत्रों का मंत्र सभी हिन्दू शास्त्रों में प्रथम और 'महामंत्र' कहा गया है। हर समस्या के लिए मात्र यह एक ही मंत्र कारगर है। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है। मंत्र प्रभाव : उक्त में से प्रथम नंबर का मंत्र जपें। रविवार एवं बुधवार को भैरव की उपासना का दिन म...

णमोकार मंत्र का जाप, अर्थ सहित: namokar mantra in hindi, lyrics with meaning

By Aug 8, 2020 णमोकारमंत्र णमोअरिहंताणं, णमोसिद्धाणं, णमोआयरियाणं, णमोउवज्झायाणं, णमोलोएसव्वसाहूणं। एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणंचसव्वेसिं, पडममहवईमंगलं। जैनधर्ममेंनवकारमंत्रसबसेमहत्वपूर्णमंत्रहै।यहध्यानकरतेहुएजैनोंद्वाराकीगईपहलीप्रार्थनाहै।मंत्रकोविभिन्नरूपसेपंचनमस्कारमंत्र, नवकारमंत्रयानमस्कारमंत्रकेरूपमेंभीजानाजाताहै। नीचेनवकारमंत्रकाअर्थपंक्तिद्वारादियागयाहै, जिसमेंभक्तपहलेपाँचपरमआत्माओंयापानका-परमेष्ठीकीओरझुकताहै: • अरिहंत- जिनलोगोंनेचारअनैतिककर्मोंकानाशकियाहै • सिद्ध–मुक्तआत्मा • आचार्य–आध्यात्मिकनेतायाअभिभाषक • उपाध्याय–कमउन्नततपस्वियोंकाअभिभाषक [3] • साढ़ू–सम्यकचरित्र (सहीआचरण) काअभ्यासकरनेवालेदुनियाकेसाधुयासंत वहयहभीकहतेहैंकिइनसभीपांचसर्वोच्चआत्माओंकोनमनकरके, उसकेसभीकर्मनष्टहोसकतेहैंऔर एक-एकजीवितइकाईकेकल्याणकीकामनाकरताहै वहअंतमेंकहताहैकियहमंत्रसबसेशुभहै देवताओंयाकिसीविशिष्टव्यक्तिकेकिसीविशेषनामकाकोईउल्लेखनहींहै।प्रार्थनादेवताओं, शिक्षकोंऔरसंतोंकेगुआ (अच्छेगुणों) कीओरकीजातीहै।जैनतीर्थंकरोंयामठवासियोंसेकोईउपकारयाभौतिकलाभनहींमाँगते।यहमंत्रकेवलउनप्राणियोंकेप्रतिगहरेसम्मानकेएकइशारेकेरूपमेंकार्यकरताहैजिनकेबारेमेंउनकामानना​​हैकिवेआध्यात्मिकरूपसेविकसितहैं, साथहीसाथलोगोंकोअपनेअंतिमलक्ष्ययानीमोक्ष (मुक्ति) कीयाददिलानेकेलिएभीकरतेहैं।नवकारमंत्रमें 68 अक्षरहोतेहैं। णमोकारमंत्रकेपाँचपद •नमोअरिहंताणं•नमोसिद्धानम•नमोअय्यार्यणम्•नमोउवाज्ह्यानम•नमोलोयसवसाहुणम् नमोकारमंत्रकीविशिष्टता जैनधर्मअहिंसायाअहिंसाकेगुणपरबहुतजोरदेताहै।यहधर्मव्यक्तियोंकोमहत्वनहींदेताहै, बल्किकेवलउनकीप्राप्ति, प्रकृति, चरित्रऔरदृष्टिकोणकेलिएहै।नमोकारमंत्रब्रह्मांडमेंसभीआध्यात्मिकप्राणियोंकोसंबोधितकर...

हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र...

मंत्र प्रभाव : हनुमानजी भी राम नाम का ही जप करते रहते हैं। कहते हैं राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है। इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताओं से छुटकारा मिलता है तथा दिमाग शांत रहता है। राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना गया है। यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है और हृदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है। मंत्र प्रभाव : भगवान विष्णु को जगतपालक माना जाता है। वे ही हम सभी के पालनहार हैं इसलिए पीले फूल व पीला वस्त्र चढ़ाकर उक्त किसी एक मंत्र से उनका स्मरण करते रहेंगे, तो जीवन में सकारात्मक विचारों और घटनाओं का विकास होकर जीवन खुशहाल बन जाएगा। विष्णु और लक्ष्मी की पूजा एवं प्रार्थना करते रहने से सुख और समृद्धि का विकास होता है। मंत्र प्रभाव : शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है। यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियमपूर्वक इस मंत्र का सहारा लें। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है। मंत्र प्रभाव : यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंत्र है, जो ईश्वर के प्रति, ईश्वर का साक्षी और ईश्वर के लिए है। यह मंत्रों का मंत्र सभी हिन्दू शास्त्रों में प्रथम और 'महामंत्र' कहा गया है। हर समस्या के लिए मात्र यह एक ही मंत्र कारगर है। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है। मंत्र प्रभाव : उक्त में से प्रथम नंबर का मंत्र जपें। रविवार एवं बुधवार को भैरव की उपासना का दिन म...