भारतीय रुपया का इतिहास

  1. Indian Currency ! भारतीय रुपये का इतिहास व् पूरी जानकारी
  2. What is the national currency of Indian Interesting facts about the currency symbol of India
  3. भारतीय मुद्रा का इतिहास
  4. भारतीय चलन "रुपया" चा रोचक इतिहास


Download: भारतीय रुपया का इतिहास
Size: 48.16 MB

Indian Currency ! भारतीय रुपये का इतिहास व् पूरी जानकारी

रुपया शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'रूपा' या 'रुपयाह' से हुई है जिसका अर्थ है चांदी और 'रुप्याकम' का अर्थ है चांदी का सिक्का। मुद्राओं का स्वरूप और मूल्य कई बार बदल चुका है। इनमें जालसाजी रोकने के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं। भारत में, चीन में चंगेज खान के पोते कुबलई खान (1260-1264) के शासन के दौरान, 'छो' नामक एक प्रतीकात्मक कागजी मुद्रा का उपयोग किया जाता था। Indian Currency उसका प्रयोग बुरी तरह विफल रहा। रुपया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम शेर शाह सूरी ने भारत में अपने शासन 1540-1545 के दौरान किया था। शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में जो रुपया इस्तेमाल किया वह एक चांदी का सिक्का था, जिसका वजन लगभग 178 अनाज (11.534 ग्राम) था। उन्होंने 'बांध' नामक तांबे का सिक्का और 'मोहर' नामक सोने का सिक्का भी पेश किया। बाद में, मुगल शासन के दौरान, पूरे उपमहाद्वीप में मौद्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए तीनों धातुओं के सिक्कों का मानकीकरण किया गया। शेरशाह सूरी के शासनकाल में शुरू हुआ 'रुपया' आज भी प्रचलन में है। यह ब्रिटिश राज के दौरान भी भारत में प्रचलन में था, उस दौरान इसका वजन 11.66 ग्राम था और इसके वजन का 91.7 प्रतिशत तक शुद्ध चांदी था। पहली श्रृंखला सोने की मुद्रा के रूप में मुद्रित यूनिफ़ैस्ड सीरीज़ थी। उसी श्रृंखला को कलकत्ता में रुपये के सोलह सिक्के के रूप में छापा गया था। दूसरी श्रंखला वाणिज्य श्रंखला थी, जिस पर एक ओर नगरी, बांग्ला और उर्दू में बैंक का नाम लिखने के साथ-साथ एक महिला का चित्र भी छपा हुआ था और दूसरी ओर बैंक का नाम लिखा हुआ था। इस मुद्रा के जारी होने के साथ ही ब्रिटिश सरकार ने देश के एक बड़े हिस्से को विभिन्न मुद्रा क्षेत्रों में विभाजित कर दिया। इस प्रकार सरकार द्वारा ज...

What is the national currency of Indian Interesting facts about the currency symbol of India

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक में भारतीय मुद्रा भी अहम मानी जाती है। जिस प्रकार हर एक राष्ट्रीय प्रतीक का अपना अलग महत्व होता है और देश की छवि को दर्शाता है। ठीक उसी प्रकार भारतीय मुद्रा भी देश कि आर्थिक मजबूती और लेन -देन की स्थिति को दर्शाती है। तो आइए जानते हैं भारतीय मुद्रा के चिन्ह के बारे में – बता दें कि भारत की आधिकारिक मुद्रा भारतीय रुपया है और इस रुपये का प्रतीक ‘₹’ है। भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 में इस चिन्ह को स्वीकार कर लिया था। भारतीय करेंसी यानी कि रुपये का यह चिन्ह उदय कुमार ने बनाया है जो कि आईआईटी मुंबई के पोस्ट ग्रेजुएट के छात्र रह चुके हैं। इस चिन्ह को चुनने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक खुली प्रतियोगिता का आयोजन किया था और फिर उस प्रतियोगता के हजारों डिजाइन में से रुपये का यह चिन्ह चुना था। राष्ट्रीय मुद्रा – रूपया (National Currency Of India – Rupee) बता दें कि भारत की आधिकारिक करेंसी से जुड़े सभी मुद्दों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई ) नियंत्रित करता है। इसके अलावा भारतीय रुपये देवनागरी व्यंजन और लेटिन अक्षर आर से चिन्हित किया गया है। सरकार के चिन्ह स्वीकार करने के एक साल बाद यानी कि 2011 में देश में इस नए चिन्ह वाले सिक्कों की शुरुआत हुई थी। भारत में पहली बार सिक्के की हुई थी शुरुआत (When was the first coinage invented?) इसके अलावा भारत में पहली बार रुपया शेर शाह सूरी ने साल 1540-45 के बीच जारी किया था। वहीं दूसरी ओर बात अगर पहले पेपर नोट की जाए तो पहला पेपर नोट बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने जारी किया था। कागज के रुपये के चलने की बात करें तो पहली बार 1770-1832 के बीच कागजी रुपये की शुरुआत बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने की। बाद में 1 अप्रैल 1935 को जब रिजर्ब बैंक की स्थापना...

भारतीय मुद्रा का इतिहास

सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है भारतीय रुपया भारतीय गणतंत्र की अधिकारिक मुद्रा है। रुपया 100 पैसों से मिलकर बनता है। भारतीय रुपया को भारतीय रिज़र्व बैंक ही जारी करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक रुपये की देख-रेख भारतीय रिज़र्व बैंक के एक्ट 1934 के अनुसार करती है। लेकिन क्या आप भारतीय रुपया का इतिहास भारतीय मुद्रा का इतिहास – रोचक तथ्य व कहानी 1. रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द रुप् या रुप्याह् में निहित है, जिसका अर्थ चाँदी होता है और रूप्यकम् का अर्थ चाँदी का सिक्का है। 2. आज सिक्के के रूप में चलने वाला भारतीय रुपया शेर शाह सूरी (1540-1545) द्वारा जारी किये गए रुपये का सीधा वंशज है, जिसे मुग़ल शासकों ने आगे चलाया था। 3. पहले चांदी के सिक्के का वजन 178ग्रेन (11.53 ग्राम) था। 4. लगभग 6वीं सदी ई.पू. प्राचीन भारत विश्व में सिक्के जारी करने वाला अग्रणी देश था। 5. शेर शाह सूरी द्वारा सिक्कों को जरी करने का प्रचलन अंग्रेजों के शासन तक रहा। 6. सबसे से पहले कागज के रुपये भारतीय निजी बैंकों :- बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान (1770-1832), जनरल बैंक ऑफ़ बंगाल एंड बिहार (1773-75) और बंगाल बैंक (1784-91) द्वारा बनाये गए थे। 7. सन 1861 में भारतीय सरकार ने पहली कागज की मुद्रा जारी की। • 8. सन 2010 में डॉ. उदय कुमार द्वारा बनाये गए ‘E’ के चिह्न को रुपये के नए चिह्न के रूप में अधिकारिक तौर पर अपनाया गया। 9. 1938 में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 5,000रुपये और 10,000रुपये के नोट छापे गए थे। 1946 में ये नोट बंद कर दिए गए। इसके बाद 1954 में इन नोटों को एक बार फिर से जारी किया गया और ये 1978 तक चलन में रहे। 10. आज़ा...

भारतीय चलन "रुपया" चा रोचक इतिहास

Indian Currency “दाम करी काम वेड्या दाम करी काम” हि ओळ एका गीतातील असून आपणा सर्वांच्याच परिचयाची आहे. खरंतर या ओळीशी साधर्म्य असणारच जीवन आज आपण सगळे व्यतीत करतो आहोत. पैसा हा प्रत्येकाकरता देव झाला आहे, या पैश्यासाठी माणूस आज नात्यांना देखील किमत देईनासा झालाय कारण पैशांशिवाय आपल्या मुलभूत गरजा (अन्न, वस्त्र, आणि निवारा) भागविणे शक्य नाही. आयुष्याने आपल्या समोर निर्माण केलेल्या गरजांकरीता पदोपदी पैश्यांची गरज पडते, आणि या रुपयाला पहाता आपल्या मनात याला घेऊन एक कुतूहल जागृत होतं की हा रुपया चलनात कसा आणि कधी आला असेल? याचा इतिहास काय असेल? या कुतूहलाला शमविण्याचा प्रयत्न या लेखातून करूया. जाणुया भारतीय चलन “रुपया” चा रोचक इतिहास – Indian Currency History in Marathi रुपया या शब्दाचा अर्थ – Rupees Meaning in Marathi रुपया हा शब्द “रुप्यकम” मधून निर्माण झालाय. रुप्यकम म्हणजे चांदीचे नाणे. रुपयाचा इतिहास …Information about Coins in Marathi रुपयाचा इतिहास पहायचा झाला तर सर्वप्रथम रुपया या शब्दाचा वापर शेरशाह सुरींनी आपल्या शासनकाळात केल्याचं आपल्याला आढळत. परंतु मौर्य समाजा पूर्वीच पैसा भारतात आल्याचे देखील मानल्या जाते. असं म्हणतात कि मौर्य समाज भारतात येण्यापुर्वीच पैसा भारतात आला होता परंतु स्थायी रुपात तो पाहायला मिळाला नव्हता. पण पुढे जसजसे शासक बदलत गेले तसतसे त्याचे स्वरूप आणि त्याची उपयोगिता सुद्धा बदलत गेली. पण आत्ताच्या इतिहासातील संशोधनानुसार ज्यावेळी शेर शाह सुरीने हुमायु ला हरुवून साम्राज्य सांभाळले तेंव्हा त्यात अनेक बदल देखील केलेत, त्या बदलांमध्ये त्या काळातील मुद्रेचा देखील समावेश होता. शेरशाह सुरीच्या काळात आला रुपया: 1540-1545 या शेरशाह सुरीच्या शासन काळात र...